सहारनपुर : भीम आर्मी के संस्थापक एवं आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर बुधवार की शाम कार सवार कुछ युवकों ने हमला कर दिया था. गोली के छर्रे लगने से राष्ट्रीय अध्यक्ष घायल हो गए थे. उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने हमले में शामिल आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की थी. पुलिस के बढ़ते दबाव के बीच आरोपी अंबाला कोर्ट में सरेंडर के लिए जा रहे थे. जानकारी मिलने पर सहारनपुर पुलिस अलर्ट हो गई. शनिवार को एक ढाबे के पास से पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. 72 घंटे में पुलिस ने घटना का पर्दाफाश कर दिया.
हरिद्वार भाग गए थे आरोपी : पुलिस के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर हमले के आरोपी हरिद्वार भाग गए थे. वहां वे छिपते-छिपाते हरियाणा के अंबाला पहुंचे थे. वे शनिवार को अंबाला कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में थे. जानकारी मिलने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई. सादे कपड़ों के कई पुलिस कर्मी कोर्ट परिसर में तैनात कर दिए गए. जैसे ही आरोपी कोर्ट परिसर में दाखिल हुए पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उनसे पूछताछ कर रही है. मामले में बड़ा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है. पकड़े गए आरोपियों में लविश, प्रशांत और विकास थाना देवबंद इलाके के गांव रणखंडी के रहने वाले हैं, जबकि विकास नाम का ही चौथा आरोपी हरियाणा के करनाल जिले के गांव गोंदर का रहने वाला है. उनके पास से दो देसी तमंचे और कारतूस बरामद किए गए हैं.
भाषण है हमले का कारण : पुलिस के मुताबिक हमलावरों ने चंद्रशेखर पर हमले की वजह उनके भाषण को बताया है. हमलावरों को भीम आर्मी चीफ द्वारा दलित, पिछड़ों और वंचितों की आवाज उठाना और अगड़ों के खिलाफ बोलना पंसद नहीं आ रहा था. आरोपियों ने बताया कि चन्द्रशेखर आजाद विगत कुछ महीनो में दिल्ली और आसपास की जगहों पर उल्टे-सीधे बयान दे रहे थे. इससे उनकी भावनाएं बहुत आहत हो रहीं थीं. रोहाना टोल प्लाजा पर चंद्रशेखर की कार देखने के बाद उन्होंने हमले की योजना बनाई थी. पुलिस कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर लेने की तैयारी में है.
28 जून को हुआ था हमला : बता दें कि 28 जून को थाना देवबंद इलाके में भीम आर्मी संस्थापक एवं आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर स्विफ्ट कार सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. हमले में भीम आर्मी चीफ गोली के छर्रे लगने घायल हो गए थे. पुलिस चंद्रशेखर को अस्पताल में भर्ती कर हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए जुट गई थी. समर्थकों ने हमलावरों की गिरफ्तारी और जेड प्लस सुरक्षा की मांग करते हुए हंगामा किया था. जिला अस्पताल में भर्ती चंद्रशेखर से सत्ता पक्ष के नेताओं के अलावा विपक्षी दलों के नेताओं ने भी मुलाकात की थी.
अंबाला में छिपे थे आरोपी : पुलिस के अनुसार घटना के बाद आरोपी स्विफ्ट कार को थाना नागल इलाके के एक गांव में छोड़कर ट्रेन से हरिद्वार भाग गए थे. सर्विलांस की मदद से पुलिस को हमलावरों की लोकेशन हरियाणा के अंबाला में मिली थी. हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए स्थानीय पुलिस के साथ एसटीएफ को भी लगाया गया था.हरियाणा पुलिस से भी मदद मांगी गई थी. हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस चार दिन से विभिन्न स्थानों पर दबिश दे रही थी. एसपी सिटी, एसपी देहात और सीओ देवबन्द के नेतृत्व में 5 टीमों का गठन किया गया था. एसओजी और सर्विलांस की टीम भी शामिल लगाई गई थी.
जेलर पर भी किया था जानलेवा हमला : लविश पिछले दिनों उत्तराखंड के एक जेलर पर भी जानलेवा हमला किया था. मामले में वह जेल में बंद था. करीब 15 दिन पहले ही वह जमानत पर बाहर आया था. पुलिस सूत्रों की मानें तो पूछताछ में लविश ने बताया कि भीम आर्मी चीफ राजपूत समाज के खिलाफ बयानबाजी करते हैं, इसलिए उन्हें देखते ही उसका खून खौल जाता है. यही वजह है कि उन्होंने चंद्रशेखर पर हमला किया. मामला दो जातियों से जुड़ा हुआ है. शायद यही वजह है कि कोई पुलिस अधिकारी अभी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है.
एसएसपी से मिले विनय रतन : हमलावरों की गिरफ्तारी के बाद भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन ने एसएसपी से मुलाकात की. उन्होंने पुलिस कार्रवाई पर संतुष्टि जताई. उन्होंने एसएसपी से पूछा कि घटना के पीछे किसका हाथ है, इस पर एसएसपी ने पूछताछ चलने की बात कही. एसएसपी डॉ विपिन ताड़ा का कहना है कि अभियुक्तों से पूछताछ की जा रही है.
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