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मध्य प्रदेश : अवैध काॅलोनी बनाने वाले हो जाएं सावधान, ये विधेयक पास

मध्य प्रदेश विधानसभा से अवैध कॉलोनी को लेकर एक नया बिल पास हुआ है, इस बिल के तहत अवैध कॉलोनी बनाने पर अब 7 साल की सजा होगी.

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Published : Aug 10, 2021, 10:01 PM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश में अब 30 फीसदी तक अवैध निर्माण वैध होंगे, राज्य सरकार द्वारा लाए गए मध्य प्रदेश नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक 2021 विधानसभा से पास हो गया है, इसके बाद अब यदि भवन अनुज्ञा से 30 फीसदी तक ज्यादा अवैध निर्माण किया गया है, तो कंपाउडिंग फीस देकर वैधानिक किया जा सकेगा.

अवैध कॉलोनी बनाई तो होगी सजा

अभी तक 10 फीसदी अवैध निर्माण को ही वैध करने का अधिकार था, वहीं प्रदेश में अवैध काॅलोनियों के विकास पर रोक लगाने के लिए भूमि स्वामी- कॉलोनाइजर या फिर दोनों को 7 साल तक की सजा और दस लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

संशोधन विधेयक में किए गए कई प्रावधान

1- विधानसभा में मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही पास कर दिया गया, विधेयक में अवैध निर्माण को वैध करने और अवैध काॅलोनियों के निर्माण पर रोक लगाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं.

2- अब यदि बिना परमीशन लिए कोई काॅलोनी का विकास करता है या फिर परमीशन से अलग कोई निर्माण करता है, तो उसके खिलाफ तीन साल से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है, इसके अलावा दस लाख रुपए तक के जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी.

3- अवैध काॅलोनी निर्माण के निरीक्षण करने, रिपोर्ट देने, उसे रोकने या हटाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी यदि जानबूझकर ऐसी अवैध काॅलोनी के खिलाफ कार्रवाई करने में लापरवाही करता है, तो तीन साल तक की सजा और कम से कम 10 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है, यह प्रावधान अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस सहायता उपलब्ध न कराने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी लागू होगी.

4- प्रदेश में पहले से बनी अवैध काॅलोनियों में बने अवैध मकानों को निर्धारित कंपाउंडिंग फीस देकर वैध किया जा सकेगा.

5- 30 फीसदी तक के अवैध निर्माण को कपाउंडिंग फीस देकर वैध किया जा सकेगा.

1869 अवैध काॅलोनियां हो सकेंगी वैध

राज्य सरकार अवैध काॅलोनियों को वैध करने के लिए जुलाई माह में अध्यादेश लेकर आई थी, अब इसे विधेयक का रूप दिया गया है, दरसअल प्रदेश में 5 हजार से ज्यादा काॅलोनियों को शुल्क लेकर नियमित किया जा चुका है, लेकिन तीन जून 2019 के बाद से कोई अवैध काॅलोनी नियमित नहीं हो सकी थी, क्योंकि हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश नगर पालिका काॅलोनाइजर संबंधी शर्तों के एक नियम को रद्द कर दिया था.

पढ़ेंः OBC List : 127वां संविधान संशोधन विधेयक पारित

भोपाल : मध्य प्रदेश में अब 30 फीसदी तक अवैध निर्माण वैध होंगे, राज्य सरकार द्वारा लाए गए मध्य प्रदेश नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक 2021 विधानसभा से पास हो गया है, इसके बाद अब यदि भवन अनुज्ञा से 30 फीसदी तक ज्यादा अवैध निर्माण किया गया है, तो कंपाउडिंग फीस देकर वैधानिक किया जा सकेगा.

अवैध कॉलोनी बनाई तो होगी सजा

अभी तक 10 फीसदी अवैध निर्माण को ही वैध करने का अधिकार था, वहीं प्रदेश में अवैध काॅलोनियों के विकास पर रोक लगाने के लिए भूमि स्वामी- कॉलोनाइजर या फिर दोनों को 7 साल तक की सजा और दस लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

संशोधन विधेयक में किए गए कई प्रावधान

1- विधानसभा में मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही पास कर दिया गया, विधेयक में अवैध निर्माण को वैध करने और अवैध काॅलोनियों के निर्माण पर रोक लगाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं.

2- अब यदि बिना परमीशन लिए कोई काॅलोनी का विकास करता है या फिर परमीशन से अलग कोई निर्माण करता है, तो उसके खिलाफ तीन साल से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है, इसके अलावा दस लाख रुपए तक के जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी.

3- अवैध काॅलोनी निर्माण के निरीक्षण करने, रिपोर्ट देने, उसे रोकने या हटाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी यदि जानबूझकर ऐसी अवैध काॅलोनी के खिलाफ कार्रवाई करने में लापरवाही करता है, तो तीन साल तक की सजा और कम से कम 10 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है, यह प्रावधान अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस सहायता उपलब्ध न कराने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी लागू होगी.

4- प्रदेश में पहले से बनी अवैध काॅलोनियों में बने अवैध मकानों को निर्धारित कंपाउंडिंग फीस देकर वैध किया जा सकेगा.

5- 30 फीसदी तक के अवैध निर्माण को कपाउंडिंग फीस देकर वैध किया जा सकेगा.

1869 अवैध काॅलोनियां हो सकेंगी वैध

राज्य सरकार अवैध काॅलोनियों को वैध करने के लिए जुलाई माह में अध्यादेश लेकर आई थी, अब इसे विधेयक का रूप दिया गया है, दरसअल प्रदेश में 5 हजार से ज्यादा काॅलोनियों को शुल्क लेकर नियमित किया जा चुका है, लेकिन तीन जून 2019 के बाद से कोई अवैध काॅलोनी नियमित नहीं हो सकी थी, क्योंकि हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश नगर पालिका काॅलोनाइजर संबंधी शर्तों के एक नियम को रद्द कर दिया था.

पढ़ेंः OBC List : 127वां संविधान संशोधन विधेयक पारित

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