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शिल्पकार अंकुश देवांगन ने बनाई पीएम मोदी की सबसे छोटी मूर्ति

भिलाई की पहचान अब कलाकारी के क्षेत्र में भी हो रही है. भिलाई के रहने वाले शिल्पकार अंकुश देवांगन ने पीएम नरेंद्र मोदी की एक सेंटीमीटर की मूर्ति बनाई है. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया है कि यह पीएम मोदी की सबसे छोटी प्रतिमा है. अंकुश इस तरह की कई मूर्तियां बना चुके हैं. इसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है.

Ankush Devangan of Bhilai made the smallest statue of PM Modi
भिलाई के अंकुश देवांगन ने बनाई पीएम मोदी की सबसे छोटी मूर्ति, चावल के दाने पर भी बना चुके हैं प्रतिमाएं
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Published : Jan 25, 2022, 6:37 AM IST

दुर्ग: दुर्ग-भिलाई की पहचान भिलाई स्टील प्लांट से है. लेकिन इन दिनों माइक्रो मूर्तियों की वजह से भिलाई का नाम रौशन हो रहा है. यहां के कलाकार अंकुश देवांगन बचपन से मूर्तियां बनाते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने 0.4 MM की मूर्तियां बनाकर एक कारनामा कर दिया है. शिल्पकार अंकुश देवांगन एक से 10 इंच तक की नैनो मूर्तियों के निर्माण के लिए भी जाने जाते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने इससे भी छोटी मूर्ति बनाई है.

उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अब तक कि सबसे छोटी मूर्ति बनाई है. जिसकी साइज एक सेंटीमीटर है. इतना ही नहीं उन्होंने 0.4 एमएम की माइक्रो गणेश मूर्ति बनाकर अपना नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा लिया है. इससे उनकी और भिलाई शहर की पहचान सबसे छोटी मूर्ति के लिए विश्वपटल पर हो रही है.

अंकुश को बचपन से है चित्रकारी का शौक

अंकुश देवांगन ने बताया कि बचपन से ही उन्हें चित्रकारी और मूर्तियां बनाने का शौक था. वह गणेश पूजा, दुर्गा पूजा से काफी आकर्षित रहते थे. इसलिए उन्होंने बचपन से ही उनकी प्रतिमा बनानी शुरू कर दी थी . बड़ी मूर्तियां बनाने में जब काफी ख्याति मिल गई. तो एक दिन अंकुश के मन में सवाल आया कि क्या कोई छोटी मूर्तियां भी बनाई जाती है.

इसके बाद उन्होंने इंटरनेट में उसके बारे में सर्च किया. वहां से उन्हें पता चला कि अफगानिस्तान और फ्रांस के मूर्तिकारों ने 1 इंच तक की छोटी मूर्तियां बनाई हैं. लेकिन उनके नाम कोई विश्व रिकॉर्ड नहीं है. वहीं से अंकुश ने ठाना की वह छोटी मूर्तियां बनाएंगे. उसके बाद यहीं से उनका सफर शुरू हुआ.

स्पेशल लेंस की मदद से बनाई पीएम मोदी की सबसे छोटी प्रतिमा

पीएम मोदी की सबसे छोटी प्रतिमा बनाने में अंकुश देवांगन को काफी मेहनत करनी पड़ी. उन्होंने बताया कि विशेष तरह के लेंस की मदद से यह प्रतिमा बनाई गई. इसका आइडिया उन्हें घड़ी मैकेनिक से मिला. जो लेंस की मदद से घड़ी की मरम्मत करते हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी की सबसे छोटी प्रतिमा बनाई-अंकुश

अंकुश ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक सेंटीमीटर की प्रतिमा तैयार की है. इस प्रतिमा को वह खुद प्रधानमंत्री को भेंट करना चाहते हैं. उनका कहना है कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह उन्हें अपने हाथों से यह मूर्ति प्रधानमंत्री को भेंट करेंगे. और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर वे उन से अनुरोध करेंगे कि मैं पूरे दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति बनाना चाहता हूं. यह मूर्ति भगवान कृष्ण की मूर्ति होगी. जिसमें वह गीता का उपदेश देने वाले मुद्रा में दिखाई देंगे. अंकुश का कहना है कि वह इस मूर्ति को दिल्ली में बनाएंगे.

ये भी पढ़ें- Indo China Border: 13 हजार फीट की ऊंचाई पर नागा में खुली पहली डेटा पोस्ट, जानें खासियत

चावल के एक दाने पर बनाई 7-8 देवी, देवताओं की तस्वीर

छोटी प्रतिमा बनाने के दौरान ही अंकुश ने छोटी चित्रकारी करने का भी प्रयास करना चाहा. लेकिन उनकी यह समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर वह किसमें किस चित्रकारी को बनाएं. इसी दौरान उन्होंने कई जगह देखा कि कुछ लोग चावल में नाम लिखते हैं. इससे उन्होंने चावल में ताजमहल, मीनार, स्टैचू ऑफ लिबर्टी, महापुरुषों और देवी देवताओं के चित्र बनाने शुरू किए. धीरे-धीरे उनकी कला में इतना निखार आया कि उन्होंने एक ही चावल में 7-8 देवी देवताओं की आकृति बना डाली.

गिलहरी के बालों से तराशते हैं मूर्तियां

अंकुश ने बताया वह छोटी मूर्तियों को बनाने के लिए आलपिन, निडिल और ब्लेड जैसी घरेलू चीजों का उपयोग करते हैं. इन्हीं की मदद से उन्हों अबतक सैकड़ों छोटी से छोटी मूर्तियों को बनाया है. इतना ही नही अंकुश ने बताया कि चावल के दाने में पेंटिंग करने के लिए दुनिया में अभी तक कोई ब्रश नहीं बना है. उन्होंने चावल के दाने में पेंटिंग करने के लिए गिलहरी के बाल का उपयोग किया. उसके बाद धीरे-धीरे पेटिंग ब्रश के एक से दो बाल का उपयोग करके पेंटिंग्स तैयार करते हैं.

दुर्ग: दुर्ग-भिलाई की पहचान भिलाई स्टील प्लांट से है. लेकिन इन दिनों माइक्रो मूर्तियों की वजह से भिलाई का नाम रौशन हो रहा है. यहां के कलाकार अंकुश देवांगन बचपन से मूर्तियां बनाते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने 0.4 MM की मूर्तियां बनाकर एक कारनामा कर दिया है. शिल्पकार अंकुश देवांगन एक से 10 इंच तक की नैनो मूर्तियों के निर्माण के लिए भी जाने जाते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने इससे भी छोटी मूर्ति बनाई है.

उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अब तक कि सबसे छोटी मूर्ति बनाई है. जिसकी साइज एक सेंटीमीटर है. इतना ही नहीं उन्होंने 0.4 एमएम की माइक्रो गणेश मूर्ति बनाकर अपना नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा लिया है. इससे उनकी और भिलाई शहर की पहचान सबसे छोटी मूर्ति के लिए विश्वपटल पर हो रही है.

अंकुश को बचपन से है चित्रकारी का शौक

अंकुश देवांगन ने बताया कि बचपन से ही उन्हें चित्रकारी और मूर्तियां बनाने का शौक था. वह गणेश पूजा, दुर्गा पूजा से काफी आकर्षित रहते थे. इसलिए उन्होंने बचपन से ही उनकी प्रतिमा बनानी शुरू कर दी थी . बड़ी मूर्तियां बनाने में जब काफी ख्याति मिल गई. तो एक दिन अंकुश के मन में सवाल आया कि क्या कोई छोटी मूर्तियां भी बनाई जाती है.

इसके बाद उन्होंने इंटरनेट में उसके बारे में सर्च किया. वहां से उन्हें पता चला कि अफगानिस्तान और फ्रांस के मूर्तिकारों ने 1 इंच तक की छोटी मूर्तियां बनाई हैं. लेकिन उनके नाम कोई विश्व रिकॉर्ड नहीं है. वहीं से अंकुश ने ठाना की वह छोटी मूर्तियां बनाएंगे. उसके बाद यहीं से उनका सफर शुरू हुआ.

स्पेशल लेंस की मदद से बनाई पीएम मोदी की सबसे छोटी प्रतिमा

पीएम मोदी की सबसे छोटी प्रतिमा बनाने में अंकुश देवांगन को काफी मेहनत करनी पड़ी. उन्होंने बताया कि विशेष तरह के लेंस की मदद से यह प्रतिमा बनाई गई. इसका आइडिया उन्हें घड़ी मैकेनिक से मिला. जो लेंस की मदद से घड़ी की मरम्मत करते हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी की सबसे छोटी प्रतिमा बनाई-अंकुश

अंकुश ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक सेंटीमीटर की प्रतिमा तैयार की है. इस प्रतिमा को वह खुद प्रधानमंत्री को भेंट करना चाहते हैं. उनका कहना है कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह उन्हें अपने हाथों से यह मूर्ति प्रधानमंत्री को भेंट करेंगे. और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर वे उन से अनुरोध करेंगे कि मैं पूरे दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति बनाना चाहता हूं. यह मूर्ति भगवान कृष्ण की मूर्ति होगी. जिसमें वह गीता का उपदेश देने वाले मुद्रा में दिखाई देंगे. अंकुश का कहना है कि वह इस मूर्ति को दिल्ली में बनाएंगे.

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चावल के एक दाने पर बनाई 7-8 देवी, देवताओं की तस्वीर

छोटी प्रतिमा बनाने के दौरान ही अंकुश ने छोटी चित्रकारी करने का भी प्रयास करना चाहा. लेकिन उनकी यह समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर वह किसमें किस चित्रकारी को बनाएं. इसी दौरान उन्होंने कई जगह देखा कि कुछ लोग चावल में नाम लिखते हैं. इससे उन्होंने चावल में ताजमहल, मीनार, स्टैचू ऑफ लिबर्टी, महापुरुषों और देवी देवताओं के चित्र बनाने शुरू किए. धीरे-धीरे उनकी कला में इतना निखार आया कि उन्होंने एक ही चावल में 7-8 देवी देवताओं की आकृति बना डाली.

गिलहरी के बालों से तराशते हैं मूर्तियां

अंकुश ने बताया वह छोटी मूर्तियों को बनाने के लिए आलपिन, निडिल और ब्लेड जैसी घरेलू चीजों का उपयोग करते हैं. इन्हीं की मदद से उन्हों अबतक सैकड़ों छोटी से छोटी मूर्तियों को बनाया है. इतना ही नही अंकुश ने बताया कि चावल के दाने में पेंटिंग करने के लिए दुनिया में अभी तक कोई ब्रश नहीं बना है. उन्होंने चावल के दाने में पेंटिंग करने के लिए गिलहरी के बाल का उपयोग किया. उसके बाद धीरे-धीरे पेटिंग ब्रश के एक से दो बाल का उपयोग करके पेंटिंग्स तैयार करते हैं.

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