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Uttarakhand: जोशीमठ के बाद इस ऐतिहासिक शहर में भी खतरे की आहट! 50 घरों में आई दरारें - जोशीमठ लैंडस्लाइड

चमोली जिले में जोशीमठ में आए भू-धंसाव संकट के बीच अब कर्णप्रयाग नगर पालिका स्थित लगभग 70 घरों में भी दरारें देखी गई हैं. ये दरारें भी काफी गहरी हैं. जोशीमठ की स्थिति को देख कर्णप्रयाग में भी कई परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया है. लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. प्रशासन की टीम भी प्रभावित इलाकों में पहुंची है.

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Published : Jan 11, 2023, 7:28 PM IST

जोशीमठ संकट के बीच कर्णप्रयाग में भी खतरे की आहट.

कर्णप्रयाग: जोशीमठ में भू-धंसाव के जहां लोग चिंतित और परेशान हैं वहीं अब चमोली की ही कर्णप्रयाग नगर पालिका के बहुगुणा नगर के 50 घरों में भी दरारें आ गई हैं. यहां अलग-अलग जगहों पर भूस्खलन भी हुए हैं. स्थानीय नगर पालिका ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार से मदद की गुहार लगाई है. इस बीच प्रशासन की टीम ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया है.

बहुगुणा नगर के कई परिवार ऐसे हैं जिन्होंने अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां शरण ले ली है. कर्णप्रयाग अप्पर बाजार वार्ड के 30 परिवारों पर भी आपदा का खतरा मंडरा रहा है. पीड़ित लोग कई समय से प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार की मदद बहुगुणा नगर और अप्पर बाजार वार्ड के पीड़ित लोगों तक पहुंच पाई है, ऐसे में अब लोगों में प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश बना है.
इसे भी पढ़ें- Joshimath Sinking: प्रभावितों को डेढ़ लाख की आंतरिक सहायता, बाजार दर पर मिलेगा मुआवजा

वहीं, कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में जिला प्रशासन ने निरीक्षण किया. तहसीलदार सुरेंद्र देव ने बताया कि प्रशासन की टीम ने पहले भी यहां निरीक्षण किया था और 27 भवनों की पहचान की थी. इसके साथ ही भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और प्रमुख उपचार योजना की सिफारिश की थी. आईआईटी रुड़की की टीम ने यहां दो बार सर्वे किया है, उसी की रिपोर्ट का इंतजार है. तहसीलदार का कहना है कि यहां असुरक्षित भवनों की पहचान की जाएगी और उन्हें खाली कराया जाएगा. आज की निरीक्षण रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, जोशीमठ में प्रभावित लोगों की मदद के लिए प्रत्येक परिवार को आपदा राहत मद से तत्कालिक रूप से 1.50 लाख रुपए की अंतरिम सहायता दी जाएगी. इसमें से ₹50 हजार घर शिफ्ट करने और ₹1 लाख एडवांस में उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इन्हें बाद में समायोजित किया जाएगा. सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसकी घोषणा की है. इसको लेकर उत्तराखंड सरकार जल्द ही 45 करोड़ का जीओ जारी करने जा रही है.

इसके साथ ही भू-धंसाव से जो स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं, उनको बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा और बाजार की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय की जाएगी. इसके साथ ही जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते हैं उनको 6 महीने तक 4 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- जोशीमठ की तरह खतरे में नैनीताल का अस्तित्व! बलिया नाला में लगातार हो रहा भूस्खलन

गौर हो कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण 723 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिनमें दरारें आयी हैं. सुरक्षा के दृष्टिगत आजतक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया है. ताजा घटनाक्रम के चलते प्रशासन ने जोशीमठ शहर को तीन जोन 'डेंजर', 'बफर' और 'पूरी तरह सुरक्षित' जोन में बांट दिया है.

बता दें कि, जोशीमठ मामले पर धामी सरकार ने 13 जनवरी को आपात कैबिनेट बैठक बुलाई है. आपदा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा का कहना है कि प्रभावितों के मुआवजे को लेकर 13 तारीख की कैबिनेट में फैसला किया जाएगा. जब तक सर्वे पूरा नहीं होता है तब तक कितनों को विस्थापित करना है इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी, क्योंकि दरारों की चपेट में आने वाले घरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

जोशीमठ संकट के बीच कर्णप्रयाग में भी खतरे की आहट.

कर्णप्रयाग: जोशीमठ में भू-धंसाव के जहां लोग चिंतित और परेशान हैं वहीं अब चमोली की ही कर्णप्रयाग नगर पालिका के बहुगुणा नगर के 50 घरों में भी दरारें आ गई हैं. यहां अलग-अलग जगहों पर भूस्खलन भी हुए हैं. स्थानीय नगर पालिका ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार से मदद की गुहार लगाई है. इस बीच प्रशासन की टीम ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया है.

बहुगुणा नगर के कई परिवार ऐसे हैं जिन्होंने अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां शरण ले ली है. कर्णप्रयाग अप्पर बाजार वार्ड के 30 परिवारों पर भी आपदा का खतरा मंडरा रहा है. पीड़ित लोग कई समय से प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार की मदद बहुगुणा नगर और अप्पर बाजार वार्ड के पीड़ित लोगों तक पहुंच पाई है, ऐसे में अब लोगों में प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश बना है.
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वहीं, कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में जिला प्रशासन ने निरीक्षण किया. तहसीलदार सुरेंद्र देव ने बताया कि प्रशासन की टीम ने पहले भी यहां निरीक्षण किया था और 27 भवनों की पहचान की थी. इसके साथ ही भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और प्रमुख उपचार योजना की सिफारिश की थी. आईआईटी रुड़की की टीम ने यहां दो बार सर्वे किया है, उसी की रिपोर्ट का इंतजार है. तहसीलदार का कहना है कि यहां असुरक्षित भवनों की पहचान की जाएगी और उन्हें खाली कराया जाएगा. आज की निरीक्षण रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, जोशीमठ में प्रभावित लोगों की मदद के लिए प्रत्येक परिवार को आपदा राहत मद से तत्कालिक रूप से 1.50 लाख रुपए की अंतरिम सहायता दी जाएगी. इसमें से ₹50 हजार घर शिफ्ट करने और ₹1 लाख एडवांस में उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इन्हें बाद में समायोजित किया जाएगा. सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसकी घोषणा की है. इसको लेकर उत्तराखंड सरकार जल्द ही 45 करोड़ का जीओ जारी करने जा रही है.

इसके साथ ही भू-धंसाव से जो स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं, उनको बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा और बाजार की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय की जाएगी. इसके साथ ही जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते हैं उनको 6 महीने तक 4 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं.
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गौर हो कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण 723 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिनमें दरारें आयी हैं. सुरक्षा के दृष्टिगत आजतक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया है. ताजा घटनाक्रम के चलते प्रशासन ने जोशीमठ शहर को तीन जोन 'डेंजर', 'बफर' और 'पूरी तरह सुरक्षित' जोन में बांट दिया है.

बता दें कि, जोशीमठ मामले पर धामी सरकार ने 13 जनवरी को आपात कैबिनेट बैठक बुलाई है. आपदा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा का कहना है कि प्रभावितों के मुआवजे को लेकर 13 तारीख की कैबिनेट में फैसला किया जाएगा. जब तक सर्वे पूरा नहीं होता है तब तक कितनों को विस्थापित करना है इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी, क्योंकि दरारों की चपेट में आने वाले घरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

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