ETV Bharat / bharat

भाकपा (माले) रेड स्टार की नेत्री शर्मिष्ठा चौधरी का कोविड-19 उपरांत जटिलताओं से निधन

भाकपा (माले) रेड स्टार की प्रमुख नेत्री शर्मिष्ठा चौधरी का कोरोना के बाद जटिलताओं की वजह से निधन हो गया. उन्होंने पश्चिम बंगाल स्थित दक्षिण 24 परगना के भांगर भूमि आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी.

author img

By

Published : Jun 13, 2021, 10:04 PM IST

शर्मिष्ठा चौधरी
शर्मिष्ठा चौधरी

कोलकाता : भाकपा (माले) रेड स्टार की प्रमुख नेत्री और पश्चिम बंगाल स्थित दक्षिण 24 परगना के भांगर भूमि आंदोलन की चेहरा रहीं शर्मिष्ठा चौधरी (sharmistha chaudhary) का रविवार को यहां कोविड-19 उपरांत जटिलताओं के कारण निधन हो गया.

चौधरी 47 साल की थीं. उनके पति अलिक चक्रवर्ती ने आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी.

पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि वह भाकपा (माले) रेड स्टार की केंद्रीय समिति की सदस्य थीं और करीब एक महीने पहले कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक हो गई थीं. हालांकि, दोबारा बीमार होने पर शनिवार को उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

पढ़ें - COVID-19 Vaccine : छह महीनों में विकसित हुए कई टीके, 85 देशों में नहीं पहुंची वैक्सीन

उन्होंने बताया कि चौधरी का रविवार को कोविड-19 उपरांत जटिलताओं और आंत में घाव होने की वजह से निधन हो गया. भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य सहित कई अन्य लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

कोलकाता के मशहूर प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाली चौधरी ने आंदोलनों में शामिल होने से पहले कई सालों तक बतौर पत्रकार कार्य किया था.

गौरतलब है कि भांगर में करीब एक दर्जन गांवों के लोगों ने 'जॉमी, जीविका, पोरीबेस ओ वास्तुतंत्र रॉक्षा कमिटी' (जमीन, जीविकोपार्जन, पर्यावरण और पारिस्थितिकी की रक्षा के लिए समिति) के बैनर तले तृणमूल कांग्रेस सरकार के इलाके में बिजली संयंत्र लगाने का विरोध किया था. ग्रामीणों का आरोप था कि परियोजना से स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचेगा और इलाके की पारिस्थितिकी खराब होगी.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : भाकपा (माले) रेड स्टार की प्रमुख नेत्री और पश्चिम बंगाल स्थित दक्षिण 24 परगना के भांगर भूमि आंदोलन की चेहरा रहीं शर्मिष्ठा चौधरी (sharmistha chaudhary) का रविवार को यहां कोविड-19 उपरांत जटिलताओं के कारण निधन हो गया.

चौधरी 47 साल की थीं. उनके पति अलिक चक्रवर्ती ने आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी.

पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि वह भाकपा (माले) रेड स्टार की केंद्रीय समिति की सदस्य थीं और करीब एक महीने पहले कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक हो गई थीं. हालांकि, दोबारा बीमार होने पर शनिवार को उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

पढ़ें - COVID-19 Vaccine : छह महीनों में विकसित हुए कई टीके, 85 देशों में नहीं पहुंची वैक्सीन

उन्होंने बताया कि चौधरी का रविवार को कोविड-19 उपरांत जटिलताओं और आंत में घाव होने की वजह से निधन हो गया. भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य सहित कई अन्य लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

कोलकाता के मशहूर प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाली चौधरी ने आंदोलनों में शामिल होने से पहले कई सालों तक बतौर पत्रकार कार्य किया था.

गौरतलब है कि भांगर में करीब एक दर्जन गांवों के लोगों ने 'जॉमी, जीविका, पोरीबेस ओ वास्तुतंत्र रॉक्षा कमिटी' (जमीन, जीविकोपार्जन, पर्यावरण और पारिस्थितिकी की रक्षा के लिए समिति) के बैनर तले तृणमूल कांग्रेस सरकार के इलाके में बिजली संयंत्र लगाने का विरोध किया था. ग्रामीणों का आरोप था कि परियोजना से स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचेगा और इलाके की पारिस्थितिकी खराब होगी.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.