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Women Reservation: 'अगर महिला आरक्षण लागू कराना है तो इस सरकार को हटाइये', CPIM नेता की महिलाओं से अपील

माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली ने महिला आरक्षण को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि जबरदस्ती इसको परिसीमन और जनगणना के साथ जोड़ दिया गया है. जिस वजह से 2029 के लोकसभा चुनाव में भी यह लागू हो पाएगा या नहीं, कोई नहीं जानता.

माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली
माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 23, 2023, 6:20 PM IST

माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली

पटना: माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली ने पटना में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण का मैं समर्थक हूं लेकिन मुझे केंद्र सरकार की मंशा पर संदेह है. महिलाओं को आरक्षण का लाभ कब तक मिलेगा, यह किसी को भी पता नहीं है. इन लोगों ने जनगणना और परिसीमन की शर्तें लगा दी है. हमें तो लगता है कि 2029 लोकसभा चुनाव तक भी महिलाओं को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा.

ये भी पढ़ें: Women Reservation Bill : 'अधिकार नहीं देंगे तो ईंट से ईंट बजा देंगे'.. महिला आरक्षण पर तेजस्वी यादव ने कहा- ’33 नहीं 50 फीसदी होना चाहिए कोटा'

"ये आरक्षण बिल पास तो हो गया है लेकिन ये अभी लागू होने वाला नहीं है. कब तक लागू होगा, कोई नहीं कह सकता. 2024 में तो लागू नहीं ही होगा 2029 में भी इसका होना मुश्किल होगा, क्योंकि इसको जबरदस्ती परिसीमन और जनगणना के साथ जोड़ दिया है. मैं भारत की महिलाओं और प्रजातांत्रिक लोगों से कहूंगी कि अगर आपको इसको लागू कराना है तो इस सरकार को हटाइये, दूसरी सरकार लाइये"- सुभाषिनी अली, पोलित ब्यूरो सदस्य, माकपा

महिला आरक्षण पर ओबीसी कोटा की मांग: सुभाषिनी अली ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा में 27 परसेंट से ज्यादा ओबीसी पहुंच चुके हैं. होना यह चाहिए कि एक तिहाई आरक्षण में एक तिहाई हिस्सा ओबीसी की महिलाओं को मिलना चाहिए. ओबीसी समुदाय से आने वाले नेताओं से आपको पूछना चाहिए कि वह एक तिहाई महिलाओं को टिकट क्यों नहीं देते हैं.

वन नेशन वन इलेक्शन पर क्या बोलीं?: वन नेशन वन इलेक्शन के सवाल पर सुहासिनी ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन उनके जुमले हैं. बीजेपी ही तमाम राज्यों में सरकार गिराती है और बनाती है. अब ऐसे में चुनाव नहीं होंगे तो सरकार कैसे बनेगी. वन नेशन वन इलेक्शन कानून बना तो कई राज्यों में जम्मू कश्मीर जैसी स्थिति हो जाएगी. वहां कब चुनाव हुए थे और कब चुनाव होंगे, यह किसी को पता नहीं है.

महिला आरक्षण बिल दोनों सदनों से पास: आपको बताएं कि महिलाओं के लिए आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. विषेष सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल चुकी है. महिलाओं की 27 साल पुरानी मांग पूरी होती दिख रही है. आने वाले समय में लोकसभा और तमाम राज्यों की विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें रिजर्व हो जाएंगी. हालांकि आरजेडी-कांग्रेस समेत कई पार्टियां पिछड़ी जाति की महिलाओं के आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग कर रही हैं.

माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली

पटना: माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली ने पटना में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण का मैं समर्थक हूं लेकिन मुझे केंद्र सरकार की मंशा पर संदेह है. महिलाओं को आरक्षण का लाभ कब तक मिलेगा, यह किसी को भी पता नहीं है. इन लोगों ने जनगणना और परिसीमन की शर्तें लगा दी है. हमें तो लगता है कि 2029 लोकसभा चुनाव तक भी महिलाओं को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा.

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"ये आरक्षण बिल पास तो हो गया है लेकिन ये अभी लागू होने वाला नहीं है. कब तक लागू होगा, कोई नहीं कह सकता. 2024 में तो लागू नहीं ही होगा 2029 में भी इसका होना मुश्किल होगा, क्योंकि इसको जबरदस्ती परिसीमन और जनगणना के साथ जोड़ दिया है. मैं भारत की महिलाओं और प्रजातांत्रिक लोगों से कहूंगी कि अगर आपको इसको लागू कराना है तो इस सरकार को हटाइये, दूसरी सरकार लाइये"- सुभाषिनी अली, पोलित ब्यूरो सदस्य, माकपा

महिला आरक्षण पर ओबीसी कोटा की मांग: सुभाषिनी अली ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा में 27 परसेंट से ज्यादा ओबीसी पहुंच चुके हैं. होना यह चाहिए कि एक तिहाई आरक्षण में एक तिहाई हिस्सा ओबीसी की महिलाओं को मिलना चाहिए. ओबीसी समुदाय से आने वाले नेताओं से आपको पूछना चाहिए कि वह एक तिहाई महिलाओं को टिकट क्यों नहीं देते हैं.

वन नेशन वन इलेक्शन पर क्या बोलीं?: वन नेशन वन इलेक्शन के सवाल पर सुहासिनी ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन उनके जुमले हैं. बीजेपी ही तमाम राज्यों में सरकार गिराती है और बनाती है. अब ऐसे में चुनाव नहीं होंगे तो सरकार कैसे बनेगी. वन नेशन वन इलेक्शन कानून बना तो कई राज्यों में जम्मू कश्मीर जैसी स्थिति हो जाएगी. वहां कब चुनाव हुए थे और कब चुनाव होंगे, यह किसी को पता नहीं है.

महिला आरक्षण बिल दोनों सदनों से पास: आपको बताएं कि महिलाओं के लिए आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. विषेष सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल चुकी है. महिलाओं की 27 साल पुरानी मांग पूरी होती दिख रही है. आने वाले समय में लोकसभा और तमाम राज्यों की विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें रिजर्व हो जाएंगी. हालांकि आरजेडी-कांग्रेस समेत कई पार्टियां पिछड़ी जाति की महिलाओं के आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग कर रही हैं.

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