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केरल और महाराष्ट्र में कोविड की तीसरी लहर की शुरुआत हो सकती है : विशेषज्ञ

केरल में कोविड19 मामलों (Covid19 cases in Kerala) में भारी वृद्धि को देखते हुए विशेषज्ञों ने कहा है कि यहां जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि केरल से ही कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत हो सकती है.

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Published : Aug 13, 2021, 3:32 AM IST

कोविड
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नई दिल्ली : केरल में कोविड19 मामलों (Covid19 cases in Kerala) में भारी वृद्धि को देखते हुए भारत के प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गुरुवार को ईटीवी भारत को बताया कि इस तरह की वृद्धि तीसरी लहर की शुरुआत हो सकती है.

केरल के साथ, महाराष्ट्र में भी मामलों में काफी वृद्धि देखी जा रही है. विशेषज्ञों को इस बात की चिंता है कि डेल्टा वेरिएंट (Delta variants) के कारण मामले बढ़ रहे हैं, जो संक्रमण को तेजी से फैला सकता है.

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (Maulana Azad Medical College ) की प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ (public health expert) और प्रोफेसर डॉ सुनीला गर्ग (Dr Suneela Garg) ने ईटीवी भारत से कहा कि केरल और महाराष्ट्र तीसरी लहर को रोका जा सकता इसके लिए हमें सख्त लॉकडाउन (strict lockdown) के लगाकर ट्रांस्मिशन की चैन (chain of transmission ) को तोड़ना होगा. केरल में वर्तमान में भारत के कुल कोविड मामलों का 50 प्रतिशत हिस्सा है.

रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए डॉ गर्ग ने कहा कि केरल में होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल (home isolation protocol) का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है. इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (Indian Association of Preventive and Social Medicine ) की अध्यक्ष डॉ गर्ग ने कहा, 'चिंता की बात यह है कि ज्यादातर मामले डेल्टा संस्करण से संबंधित हैं.'

10 मार्च से 10 अगस्त तक केरल में कोविड के मामलों में 233 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. गर्ग ने कहा, 'हमारे पूरे सीरो-सर्वेक्षण (sero-survey) ने अनुमान लगाया कि केरल में 44 प्रतिशत लोग एंटीबॉडी के लिए सकारात्मक पाए गए हैं, जिससे असंक्रमित आबादी का एक बड़ा हिस्सा निकल गया है. उन्होंने राज्य की खराब टीकाकरण दर पर भी चिंता व्यक्त की है.

गर्ग ने कहा कि अगर हम टीकाकरण के नजरिए से देखें तो केरल में कुल 2.24 करोड़ लोगों को टीकाकरण मिला है, जिसमें से केवल 64 लाख लोगों को दूसरी खुराक मिली और 1. 59 करोड़ लोगों को पहली खुराक मिली.

डॉ गर्ग ने कहा कि केरल में लगभग 95 प्रतिशत लोग मूल रूप से हल्के संक्रमण से पीड़ित हैं,जबकि होम आइसोलेशन से समझौता किया गया है. कोविड के खिलाफ उचित व्यवहार से भी समझौता किया गया है … ओणम त्योहार (Onam festival) से पहले कोविड के उचित व्यवहार को बनाए रखने में छूट और ढिलाई बर्ती गई है.

आंकड़ों के अनुसार 11 अगस्त को केरल में दर्ज किए गए कुल मामले भारत के कुल 41,576 मामलों में से 23,500 थे। इसी तरह 10 अगस्त को पूरे भारत में कुल 38,335 मामलों में से केरल में 21,119 मामले दर्ज किए गए. 9 अगस्त को केरल ने पूरे भारत में दर्ज किए गए कुल 27421 मामलों में से 13,049 मामले दर्ज किए.

महाराष्ट्र में 9 अगस्त को 4505 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद 10 अगस्त को 5609 मामले और 11 अगस्त को 5560 मामले दर्ज किए गए.

वहीं ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए, वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ (senior health expert) और एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष (president of the Asian Society for Emergency Medicine ) डॉ तामोरिश कोले (Dr Tamorish Kole) ने कहा कि केरल में पिछले सात दिनों में देश में दर्ज किए गए कोविड -19 मामलों में आधे से अधिक का योगदान है और यह चिंताजनक बात है.

NCDCके मुताबिक, केरल का मौजूदा आर 0 वैल्यू 1.12 है और उम्मीद है कि 1 अगस्त से 20 अगस्त की अवधि में संक्रमण की संख्या 4.62 लाख तक पहुंच सकती है.

पढ़ें - कोविड-19 रोधी टीके से खून के थक्कों का जुड़ाव बहुत दुर्लभ : अध्ययन

डॉ कोले ने कहा कि इसके लिए कोविड के उचित व्यवहार के खराब अनुपालन और सुपर स्प्रेडर घटनाओं की संभावना के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. उच्च जीवन प्रत्याशा के कारण केरल की आबादी (Kerala's population) में बुजुर्ग लोगों का उच्च अनुपात है, जो COVID संक्रमण के अतिसंवेदनशील पूल में योगदान दे रहा है.

डॉ कोले ने सुझाव दिया कि ट्रेस, टेस्ट और आइसोलेट की रणनीति होनी चाहिए. इसके साथ ही तेजी से टीकाकरण भी यहां मदद कर सकता है. अस्पतालों में बेड ऑक्यूपेंसी रेट (bed occupancy rate ) पर भी सख्ती से नजर रखने की जरूरत है, ताकि उछाल की स्थिति में मांग को पूरा किया जा सके।

तीसरी लहर का जिक्र करते हुए डॉ कोले ने कहा कि तीसरी लहर एक साथ सभी राज्यों से नहीं आएगी. केरल में हम जो देख रहे हैं, वह इसकी शुरुआत हो सकती है. अन्य राज्यों को अगले दो महीनों में इसी तरह की स्थिति का जवाब देने की योजना बनानी चाहिए.

नई दिल्ली : केरल में कोविड19 मामलों (Covid19 cases in Kerala) में भारी वृद्धि को देखते हुए भारत के प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गुरुवार को ईटीवी भारत को बताया कि इस तरह की वृद्धि तीसरी लहर की शुरुआत हो सकती है.

केरल के साथ, महाराष्ट्र में भी मामलों में काफी वृद्धि देखी जा रही है. विशेषज्ञों को इस बात की चिंता है कि डेल्टा वेरिएंट (Delta variants) के कारण मामले बढ़ रहे हैं, जो संक्रमण को तेजी से फैला सकता है.

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (Maulana Azad Medical College ) की प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ (public health expert) और प्रोफेसर डॉ सुनीला गर्ग (Dr Suneela Garg) ने ईटीवी भारत से कहा कि केरल और महाराष्ट्र तीसरी लहर को रोका जा सकता इसके लिए हमें सख्त लॉकडाउन (strict lockdown) के लगाकर ट्रांस्मिशन की चैन (chain of transmission ) को तोड़ना होगा. केरल में वर्तमान में भारत के कुल कोविड मामलों का 50 प्रतिशत हिस्सा है.

रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए डॉ गर्ग ने कहा कि केरल में होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल (home isolation protocol) का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है. इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (Indian Association of Preventive and Social Medicine ) की अध्यक्ष डॉ गर्ग ने कहा, 'चिंता की बात यह है कि ज्यादातर मामले डेल्टा संस्करण से संबंधित हैं.'

10 मार्च से 10 अगस्त तक केरल में कोविड के मामलों में 233 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. गर्ग ने कहा, 'हमारे पूरे सीरो-सर्वेक्षण (sero-survey) ने अनुमान लगाया कि केरल में 44 प्रतिशत लोग एंटीबॉडी के लिए सकारात्मक पाए गए हैं, जिससे असंक्रमित आबादी का एक बड़ा हिस्सा निकल गया है. उन्होंने राज्य की खराब टीकाकरण दर पर भी चिंता व्यक्त की है.

गर्ग ने कहा कि अगर हम टीकाकरण के नजरिए से देखें तो केरल में कुल 2.24 करोड़ लोगों को टीकाकरण मिला है, जिसमें से केवल 64 लाख लोगों को दूसरी खुराक मिली और 1. 59 करोड़ लोगों को पहली खुराक मिली.

डॉ गर्ग ने कहा कि केरल में लगभग 95 प्रतिशत लोग मूल रूप से हल्के संक्रमण से पीड़ित हैं,जबकि होम आइसोलेशन से समझौता किया गया है. कोविड के खिलाफ उचित व्यवहार से भी समझौता किया गया है … ओणम त्योहार (Onam festival) से पहले कोविड के उचित व्यवहार को बनाए रखने में छूट और ढिलाई बर्ती गई है.

आंकड़ों के अनुसार 11 अगस्त को केरल में दर्ज किए गए कुल मामले भारत के कुल 41,576 मामलों में से 23,500 थे। इसी तरह 10 अगस्त को पूरे भारत में कुल 38,335 मामलों में से केरल में 21,119 मामले दर्ज किए गए. 9 अगस्त को केरल ने पूरे भारत में दर्ज किए गए कुल 27421 मामलों में से 13,049 मामले दर्ज किए.

महाराष्ट्र में 9 अगस्त को 4505 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद 10 अगस्त को 5609 मामले और 11 अगस्त को 5560 मामले दर्ज किए गए.

वहीं ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए, वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ (senior health expert) और एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष (president of the Asian Society for Emergency Medicine ) डॉ तामोरिश कोले (Dr Tamorish Kole) ने कहा कि केरल में पिछले सात दिनों में देश में दर्ज किए गए कोविड -19 मामलों में आधे से अधिक का योगदान है और यह चिंताजनक बात है.

NCDCके मुताबिक, केरल का मौजूदा आर 0 वैल्यू 1.12 है और उम्मीद है कि 1 अगस्त से 20 अगस्त की अवधि में संक्रमण की संख्या 4.62 लाख तक पहुंच सकती है.

पढ़ें - कोविड-19 रोधी टीके से खून के थक्कों का जुड़ाव बहुत दुर्लभ : अध्ययन

डॉ कोले ने कहा कि इसके लिए कोविड के उचित व्यवहार के खराब अनुपालन और सुपर स्प्रेडर घटनाओं की संभावना के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. उच्च जीवन प्रत्याशा के कारण केरल की आबादी (Kerala's population) में बुजुर्ग लोगों का उच्च अनुपात है, जो COVID संक्रमण के अतिसंवेदनशील पूल में योगदान दे रहा है.

डॉ कोले ने सुझाव दिया कि ट्रेस, टेस्ट और आइसोलेट की रणनीति होनी चाहिए. इसके साथ ही तेजी से टीकाकरण भी यहां मदद कर सकता है. अस्पतालों में बेड ऑक्यूपेंसी रेट (bed occupancy rate ) पर भी सख्ती से नजर रखने की जरूरत है, ताकि उछाल की स्थिति में मांग को पूरा किया जा सके।

तीसरी लहर का जिक्र करते हुए डॉ कोले ने कहा कि तीसरी लहर एक साथ सभी राज्यों से नहीं आएगी. केरल में हम जो देख रहे हैं, वह इसकी शुरुआत हो सकती है. अन्य राज्यों को अगले दो महीनों में इसी तरह की स्थिति का जवाब देने की योजना बनानी चाहिए.

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