बूंदी : राजस्थान के बूंदी शहर में 4 साल पहले शुरू किए गए सीवरेज के काम में लापरवाही बरतने और कोर्ट के आदेश की अवमानना करने के मामले में बूंदी सिविल न्यायालय कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है.
कोर्ट ने सीवरेज निर्माण कंपनी और देश की नामी कंपनी टाटा प्रोजेक्ट के चेयरमैन सौमेया रामकृष्णन, एमडी विनायक देशपांडे, तत्कालीन डीएम महेश चंद्र शर्मा, तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष, नगर परिषद आयुक्त सहित 10 लोगों को तीन महीने के कारावास की सजा सुनाई है. साथ में इनकी संपत्ति कुर्क करने का भी आदेश दिया है.
बता दें कि बूंदी शहर में सीवरेज काम के दौरान बड़ी लापरवाही बरती गई थी और करोड़ों की लागत से बनाई गई सड़कों को खोदकर सीवरेज लाइन बिछाई गई थी.
बारिश में सीवरेज लाइन में लापरवाही के चलते बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे, जिससे लोग आए दिन चोटिल हो रहे थे. इससे त्रस्त होकर शहर के लोगों ने जनहित याचिका दायर करते हुए कोर्ट में कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी. कोर्ट के आदेश के बावजूद भी कंपनी ने कोई रुख नहीं अपनाया और कोर्ट के आदेश की अवमानना की.
इसके बाद कोर्ट ने कमिश्नर नियुक्त कर इस पूरे मामले की जांच करवाई. कमिश्नर की जांच रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.
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