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अदालत ने दंगा मामले में शिअद नेता मनजिंदर सिंह सिरसा को बरी किया - Gurudwara Rakab Ganj Sahib

दिल्ली की एक अदालत ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और चार अन्य को नवंबर 2012 में यहां गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में दंगा करने के एक मामले में मंगलवार को बरी कर दिया. पढ़ें पूरी खबर...

शिअद नेता मनजिंदर सिंह सिरसा
शिअद नेता मनजिंदर सिंह सिरसा
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Published : Sep 14, 2021, 10:54 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और चार अन्य को नवंबर 2012 में यहां गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में दंगा करने के एक मामले में मंगलवार को बरी कर दिया.

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता (Additional Chief Metropolitan Magistrate Sachin Gupt) ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Delhi Sikh Gurudwara Management Committee - DSGMC) की बैठक के दौरान दंगा करने और दूसरों को चोट पहुंचाने के आरोपियों सिरसा, मंजीत सिंह जीके, कुलदीप सिंह भोगल, परमजीत सिंह राणा और चमन सिंह को बरी कर दिया.

सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 147 (दंगा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना) और 427 (ऐसी कोई कुचेष्टा, जिससे पचास रुपए या उससे अधिक की हानि या नुकसान हो) आदि के तहत आरोप लगाये गये थे.

अदालत ने कहा, यह स्पष्ट है कि अभियोजन पक्ष आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोपों को साबित करने में विफल रहा है और इस प्रकार आरोपी व्यक्तियों को उक्त अपराधों के लिए बरी किया जाता है.

पुलिस के अनुसार, 15 नवंबर, 2012 को गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब, नई दिल्ली में, DSGMC की एक बैठक बुलाई गई थी और सभी आरोपियों और अन्य लोगों ने दंगा फैलाने के उद्देश्य से बल तथा हिंसा और तलवार जैसे घातक हथियार का इस्तेमाल किया था.

पढ़ें : सुखबीर बादल को जालसाजी के मामले में जमानत

पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने DSGMC की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और चार अन्य को नवंबर 2012 में यहां गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में दंगा करने के एक मामले में मंगलवार को बरी कर दिया.

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता (Additional Chief Metropolitan Magistrate Sachin Gupt) ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Delhi Sikh Gurudwara Management Committee - DSGMC) की बैठक के दौरान दंगा करने और दूसरों को चोट पहुंचाने के आरोपियों सिरसा, मंजीत सिंह जीके, कुलदीप सिंह भोगल, परमजीत सिंह राणा और चमन सिंह को बरी कर दिया.

सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 147 (दंगा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना) और 427 (ऐसी कोई कुचेष्टा, जिससे पचास रुपए या उससे अधिक की हानि या नुकसान हो) आदि के तहत आरोप लगाये गये थे.

अदालत ने कहा, यह स्पष्ट है कि अभियोजन पक्ष आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोपों को साबित करने में विफल रहा है और इस प्रकार आरोपी व्यक्तियों को उक्त अपराधों के लिए बरी किया जाता है.

पुलिस के अनुसार, 15 नवंबर, 2012 को गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब, नई दिल्ली में, DSGMC की एक बैठक बुलाई गई थी और सभी आरोपियों और अन्य लोगों ने दंगा फैलाने के उद्देश्य से बल तथा हिंसा और तलवार जैसे घातक हथियार का इस्तेमाल किया था.

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पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने DSGMC की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया था.

(पीटीआई-भाषा)

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