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नई पेंशन योजना का विरोध, भारतीय मजदूर संघ ने सौंपा पीएम मोदी को ज्ञापन

भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र सरकार की नई पेंशन योजना (एनपीएस) का विरोध करते हुए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. संघ ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा.

नई पेंशन योजना का विरोध
नई पेंशन योजना का विरोध
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Published : Mar 19, 2021, 6:36 PM IST

Updated : Mar 19, 2021, 8:56 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार की नई पेंशन योजना (एनपीएस) के विरोध में भारतीय मजदूर संघ की सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ ने आज देश भर में अलग-अलग स्थानों पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा.

दिल्ली के जंतर मंतर पर भी भारतीय मजदूर संघ की दिल्ली इकाई द्वारा ऐसे ही एक सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया, जिसमें मजदूर संघ से जुड़े सरकारी कर्मचारियों ने खुल कर सरकार की न्यू पेंशन स्कीम का विरोध किया.

नई पेंशन योजना का विरोध

ईटीवी भारत से बातचीत में सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के संयोजक वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि नई पेंशन स्कीम के तहत बेसिक पे का 10% और महंगाई भत्ता कर्मचारी से लिया जाता है. इसमें सरकार भी बेसिक पे का 14% और महंगाई भत्ता में योगदान करती है.

सरकारी नौकरी कर रहे लोग 60 वर्ष या उसके बाद इसका लाभ ले सकते हैं, लेकिन उन्हें स्कीम के तहत कुल राशी का 40% एन्युटी में निवेश करना अनिवार्य होगा जिसके बाद उन्हें या उनके परिजनों को जीवन भर पेंशन मिलेगी.

भारतीय मजदूर संघ का कहना है कि इस नई स्कीम में कई खामियां हैं. सरकार ने मजदूर संघ की आपत्ती के बाद कुछ सुधार जरूर किए लेकिन संघ अब भी इस योजना में कई त्रुटियां देखता है.

वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस योजना में कोई न्यूनतम पेंशन गारंटी नहीं कि गई है और महंगाई से राहत के लिए भी कोई प्रावधान नहीं है. इनके अलावा एनपीएस में सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी को 80, 85, 90, 95 और 100 वर्ष पूरे हो जाने पर कोई अतिरिक्त लाभ का प्रावधान भी नहीं किया गया है. अनिवार्य सेवानिवृत्ति पेंशन और कंपनसेशन पेंशन का भी प्रावधान नई पेंशन योजना में नहीं है. भारतीय मजदूर संघ का मानना है कि इस नई योजना से सरकार के द्वारा सामाजिक सुरक्षा देने की परंपरा खत्म होती है.

पढ़ें :- केंद्रीय मंत्री गडकरी ने संसद में किया नई स्क्रैपिंग पॉलिसी का एलान

मजदूर संघ की मांग है कि रिटायर होने के बाद सरकार कर्मचारी के लिए न्यूनतम पेंशन का प्रावधान करे जो उसके आखिरी वेतन का आधा होना चाहिए. पेंशन को महंगाई दर से जोड़ा जाना चाहिए, एनपीएस को रद्द कर फिर से पुरानी योजना (CCS नियम 1972) को ही लागू किया जाना चाहिए.

मजदूर संघ के अधिकारी ने जानकारी दी कि देश भर में 400 से ज्यादा स्थानों पर आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया है और सभी जगहों से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया है. सरकार यह सोच सकती है कि अब मजदूर संघ भी आंदोलन का रुख अपना रही है और इसलिए उन्हें अपनी नीति में सुधार करना होगा.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार की नई पेंशन योजना (एनपीएस) के विरोध में भारतीय मजदूर संघ की सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ ने आज देश भर में अलग-अलग स्थानों पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा.

दिल्ली के जंतर मंतर पर भी भारतीय मजदूर संघ की दिल्ली इकाई द्वारा ऐसे ही एक सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया, जिसमें मजदूर संघ से जुड़े सरकारी कर्मचारियों ने खुल कर सरकार की न्यू पेंशन स्कीम का विरोध किया.

नई पेंशन योजना का विरोध

ईटीवी भारत से बातचीत में सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के संयोजक वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि नई पेंशन स्कीम के तहत बेसिक पे का 10% और महंगाई भत्ता कर्मचारी से लिया जाता है. इसमें सरकार भी बेसिक पे का 14% और महंगाई भत्ता में योगदान करती है.

सरकारी नौकरी कर रहे लोग 60 वर्ष या उसके बाद इसका लाभ ले सकते हैं, लेकिन उन्हें स्कीम के तहत कुल राशी का 40% एन्युटी में निवेश करना अनिवार्य होगा जिसके बाद उन्हें या उनके परिजनों को जीवन भर पेंशन मिलेगी.

भारतीय मजदूर संघ का कहना है कि इस नई स्कीम में कई खामियां हैं. सरकार ने मजदूर संघ की आपत्ती के बाद कुछ सुधार जरूर किए लेकिन संघ अब भी इस योजना में कई त्रुटियां देखता है.

वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस योजना में कोई न्यूनतम पेंशन गारंटी नहीं कि गई है और महंगाई से राहत के लिए भी कोई प्रावधान नहीं है. इनके अलावा एनपीएस में सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी को 80, 85, 90, 95 और 100 वर्ष पूरे हो जाने पर कोई अतिरिक्त लाभ का प्रावधान भी नहीं किया गया है. अनिवार्य सेवानिवृत्ति पेंशन और कंपनसेशन पेंशन का भी प्रावधान नई पेंशन योजना में नहीं है. भारतीय मजदूर संघ का मानना है कि इस नई योजना से सरकार के द्वारा सामाजिक सुरक्षा देने की परंपरा खत्म होती है.

पढ़ें :- केंद्रीय मंत्री गडकरी ने संसद में किया नई स्क्रैपिंग पॉलिसी का एलान

मजदूर संघ की मांग है कि रिटायर होने के बाद सरकार कर्मचारी के लिए न्यूनतम पेंशन का प्रावधान करे जो उसके आखिरी वेतन का आधा होना चाहिए. पेंशन को महंगाई दर से जोड़ा जाना चाहिए, एनपीएस को रद्द कर फिर से पुरानी योजना (CCS नियम 1972) को ही लागू किया जाना चाहिए.

मजदूर संघ के अधिकारी ने जानकारी दी कि देश भर में 400 से ज्यादा स्थानों पर आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया है और सभी जगहों से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया है. सरकार यह सोच सकती है कि अब मजदूर संघ भी आंदोलन का रुख अपना रही है और इसलिए उन्हें अपनी नीति में सुधार करना होगा.

Last Updated : Mar 19, 2021, 8:56 PM IST
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