फरीदाबाद: हरियाणा की इंडस्ट्रियल सिटी कहे जाने वाले फरीदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मुस्कान सेंटर की शुरुआत की गई है. मुस्कान सेंटर की शुरुआत कुपोषित बच्चों और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए की गई है. यहां एक ही छत के नीचे बच्चों से संबंधित कई प्रकार की सुविधाएं मुहैय्या कराई जायेंगी. यह देश का पहला ऐसा केंद्र है.
मुस्कान के तहत बच्चों के लिए ओपीडी, दवा वितरण और जांच की सुविधा बिल्कुल अलग होगी. बच्चों के खेलने के लिए खिलौने, कुर्सी, प्लेइंग एरिया सुनिश्चित किया गया है. यहां तक कि बच्चों की सुविधा के अनुसार शौचालय तैयार किए गए हैं. यह सब कुछ एक ही छत के नीचे होगा. मुस्कान योजना के तहत जन्म के बाद शिशु को अपनी मां से दूर नहीं रहना होगा. इसके लिए एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
मुस्कान सेंटर में मिलेंगी ये सुविधाएं: मुस्कान सेंटर में शुरु की गई सुविधाओं में एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र), सीएलएमसी (व्यापक स्तनपान प्रबंधन केंद्र), केएमसी (कंगारू मदर केयर), आईवाई सीएफ (इन्फेंटल एंड यंग चाइल्ड फीडिंग), स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू), एनबीएसयू (Newborn Stabilization Unit), और एमएनसीयू (मदर एंड न्यूबार्न बेवी केयर) सहित अन्य कई सुविधाएं एक ही छत के नीचे नवजात को मिलेंगी. अभी तक बच्चों को जन्म के बाद कुछ समय के लिए बेबी वार्मर में रखा जाता था. इस वजह से देखभाल के अभाव में कई बार नवजात की मृत्यु भी हो जाती थी.
जीरो से 14 साल के बच्चों का दाखिला: मुस्कान योजना के तहत बच्चे को जन्म के तुरंत बाद मां को सौंप दिया जाएगा. यदि कोई बच्चा गंभीर है तो मां के साथ ही मुस्कान सेंटर में रखा जाएगा. जहां पर वार्ड में ही बेबी वार्मर की व्यवस्था होगी ताकि मां अपने बच्चे पर निगरानी रख सके. बहुत अधिक गंभीर बच्चों को ही स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में भर्ती किया जाएगा. मुस्कान सेंटर में एक ही छत के नीचे 0 से लेकर 14 साल तक के बच्चों को वह सब सुविधा दी जाएंगी जो इस सेंटर को अस्पताल से बिल्कुल अलग बना देंगे.
बच्चों के लिए बनाई गई है अलग से रसोई- यहां तक कि बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यहीं पर बच्चों के लिए अलग से रसोई स्थापित की गई है. इसमें बच्चों के लिए पौस्टिक आहार तैयार किया जाता है. इसके अलावा छोटे बच्चों को एक खेलने के लिए अलग से खेल जोन बनाया गया है. जिसमें विभिन्न प्रकार के खिलौने हैं. वार्ड के अंदर बच्चों को ध्यान में रखते हुए साफ-सफाई से लेकर दीवारों पर चित्रकारी का विशेष तौर से ध्यान रखा गया है. बच्चों को आकर्षित करने के लिए अस्पताल के दीवारों पर विभिन्न प्रकार की चित्रकारी की गई है.
मुस्कान सेंटर में बच्चों के पढ़ाई की भी व्यवस्था: इसके अलावा बच्चों को शिक्षा से भी जोड़े रखने के लिए इस सेंटर में उनके लिए पढ़ाई की व्यवस्था की गई है. जो बच्चा पढ़ना चाहता है उसको यहीं पर पढ़ाया भी जाएगा. यानी यूं कह सकते हैं कि एक ही छत के नीचे कई दर्जन से ज्यादा सुविधाएं बच्चों को प्राप्त होंगी. पहले बच्चों को इन सुविधाओं के लिए अलग-अलग स्थानों पर लेकर जाना पड़ता था जिसमें मां-बाप को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन मुस्कान सेंटर के शुरू हो जाने के बाद उनको इन मुसीबतों से छुटकारा मिल गया है. वर्तमान में सेंटर के अंदर अभी तक 26 बेड की स्थापना की गई है.
देश का पहला मुस्कान सेंटर: फरीदाबाद की मुख्य चिकित्सा अधिकारी सविता यादव ने बताया कि भविष्य में इन बेड की संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि यहां पर कुपोषण के शिकार बच्चों के लिए इलाज सहित दूसरी व्यवस्थाएं बिल्कुल मुफ्त रहेंगी. बीके हॉस्पिटल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी सविता यादव ने के मुताबिक भारत देश में पहला सेंटर फरीदाबाद में खोला गया है. यह हरियाणा स्वास्थ्य विभाग और फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग के लिए बेहद गर्व की बात है. सेंट्रल में सुविधाओं की जांच को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की अलग-अलग टीमें हॉस्पिटल का दौरा भी कर चुकी हैं. सभी ने सुविधाओं पर संतुष्टि दिखाई है. जल्द ही भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सिविल हॉस्पिटल को मुस्कान इनोसेंटिव सर्टिफिकेट भी प्रदान कर दिया जाएगा. इसके बाद फरीदाबाद देश का पहला ऐसा जिला बन जाएगा जिसके पास यह सर्टिफिकेट होगा.