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CDS Chopper Crash: ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को मिल चुका है शौर्य चक्र, बेहतर इलाज के लिए बेंगलुरू ले जाया गया

कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश में बचे ग्रुप कैप्टन वरुण प्रताप सिंह (Group Captain Varun Pratap Singh) इस समय जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं. उनका घर रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के कन्हौली गांव में है. उनकी सलामती के लिए गांव में पूजा-पाठ हो रहा है. वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को गुरुवार को वेलिंगटन से बेहतर इलाज के लिए बेंगलुरू ले जाया गया है. हालांकि उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है

Deoria's Wing Commander Varun Singh left alone in the accident
हादसे में अकेले बचे देवरिया के विंग कमांडर वरुण सिंह
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Published : Dec 9, 2021, 3:40 PM IST

Updated : Dec 10, 2021, 12:58 PM IST

देवरिया: कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश में बचे ग्रुप कैप्टन वरुण प्रताप सिंह इस समय जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. वरुण प्रताप सिंह का घर रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के कन्हौली गांव में है. वे यहां के मूल निवासी हैं. उनकी सलामती के लिए गांव में लोग पूजा-पाठ कर रहे हैं. लोग उनके घर आकर हालचाल जान रहे हैं. वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को गुरुवार को वेलिंगटन से बेहतर इलाज के लिए बेंगलुरू ले जाया गया है. हालांकि उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. दुर्घटना के बाद गंभीर रूप से झुलसे ग्रुप कैप्टन को बुधवार को वेलिंगटन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

परिवार के साथ कैप्टन वरुण सिंह.
परिवार के साथ कैप्टन वरुण सिंह.

वरुण प्रताप सिंह का पूरा परिवार सेना से जुड़ा हुआ है. उनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह सेना में कर्नल थे. सेना से रिटायर होने के बाद वे पत्नी के साथ मध्य प्रदेश के भोपाल में रहते लगे. वरुण उनके बड़े बेटे हैं और छोटा बेटा तनुज सिंह इंडियन नेवी में है. वरुण की तैनाती तमिलनाडु के वेलिंग्टन में थी. वे अपनी पत्नी, एक बेटा और बेटी के साथ वेलिंग्टन में ही रहते थे. वरुण को 15 अगस्त 2021 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था. यह अवार्ड विंग कमांडर को फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद भी 10 हजार फीट की ऊंचाई से विमान की सफल लैंडिंग कराने पर दिया गया था.

ग्रुप कैप्टन वरुण प्रताप सिंह के कन्हौली गांव में लोग मंदिरों में पूजा-पाठ कर कर रहे हैं सलामती की दुआ.

वरुण प्रताप सिंह ने संकट के समय बिना जान की परवाह किए अदम्य साहस का परिचय दिया. 12 अकटूबर 2020 को वरुण लाइट कॉम्बेट एयर क्राफ्ट के साथ उड़ान पर थे. लगभग 10 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचते ही विमान का फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम खराब हो गया, लेकिन वरुण ने आपदा के समय धैर्य नहीं खोया. उन्होंने संयम का परिचय देते हुए आबादी से दूर ले जाकर विमान की सफल लैंडिंग कराई. इससे न केवल कई लोगों की जान बच गई, बल्कि विमान बर्बाद होने से बच गया. वे तेजस उड़ा रहे थे. वरुण फाइटर प्लेन पायलट थे. वे गोरखपुर में 2007 से 2009 तक कार्यरत रहे थे.

ये भी पढ़ें - Bipin Rawat Chopper Crash: वेलिंग्टन में शहीदों को दी गई आखिरी सलामी

वरुण के चाचा और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि डॉक्टरों ने बताया है कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के लिए 48 घंटे अहम हैं. शरीर पर कई जगह गम्भीर चोटें हैं.

तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त (army helicopter crash) हो गया था. इस हेलीकॉप्टर में CDS बिपिन रावत (Chief of Defense Staff Bipin Rawat) और उनकी पत्नी समेत सेना के कुछ उच्च अधिकारी भी सवार थे. इसमें से 13 लोगों की मौत हो गई है. केवल ग्रुप कैप्टन वरुण प्रताप सिंह बचे हैं.

देवरिया: कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश में बचे ग्रुप कैप्टन वरुण प्रताप सिंह इस समय जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. वरुण प्रताप सिंह का घर रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के कन्हौली गांव में है. वे यहां के मूल निवासी हैं. उनकी सलामती के लिए गांव में लोग पूजा-पाठ कर रहे हैं. लोग उनके घर आकर हालचाल जान रहे हैं. वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को गुरुवार को वेलिंगटन से बेहतर इलाज के लिए बेंगलुरू ले जाया गया है. हालांकि उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. दुर्घटना के बाद गंभीर रूप से झुलसे ग्रुप कैप्टन को बुधवार को वेलिंगटन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

परिवार के साथ कैप्टन वरुण सिंह.
परिवार के साथ कैप्टन वरुण सिंह.

वरुण प्रताप सिंह का पूरा परिवार सेना से जुड़ा हुआ है. उनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह सेना में कर्नल थे. सेना से रिटायर होने के बाद वे पत्नी के साथ मध्य प्रदेश के भोपाल में रहते लगे. वरुण उनके बड़े बेटे हैं और छोटा बेटा तनुज सिंह इंडियन नेवी में है. वरुण की तैनाती तमिलनाडु के वेलिंग्टन में थी. वे अपनी पत्नी, एक बेटा और बेटी के साथ वेलिंग्टन में ही रहते थे. वरुण को 15 अगस्त 2021 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था. यह अवार्ड विंग कमांडर को फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद भी 10 हजार फीट की ऊंचाई से विमान की सफल लैंडिंग कराने पर दिया गया था.

ग्रुप कैप्टन वरुण प्रताप सिंह के कन्हौली गांव में लोग मंदिरों में पूजा-पाठ कर कर रहे हैं सलामती की दुआ.

वरुण प्रताप सिंह ने संकट के समय बिना जान की परवाह किए अदम्य साहस का परिचय दिया. 12 अकटूबर 2020 को वरुण लाइट कॉम्बेट एयर क्राफ्ट के साथ उड़ान पर थे. लगभग 10 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचते ही विमान का फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम खराब हो गया, लेकिन वरुण ने आपदा के समय धैर्य नहीं खोया. उन्होंने संयम का परिचय देते हुए आबादी से दूर ले जाकर विमान की सफल लैंडिंग कराई. इससे न केवल कई लोगों की जान बच गई, बल्कि विमान बर्बाद होने से बच गया. वे तेजस उड़ा रहे थे. वरुण फाइटर प्लेन पायलट थे. वे गोरखपुर में 2007 से 2009 तक कार्यरत रहे थे.

ये भी पढ़ें - Bipin Rawat Chopper Crash: वेलिंग्टन में शहीदों को दी गई आखिरी सलामी

वरुण के चाचा और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि डॉक्टरों ने बताया है कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के लिए 48 घंटे अहम हैं. शरीर पर कई जगह गम्भीर चोटें हैं.

तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त (army helicopter crash) हो गया था. इस हेलीकॉप्टर में CDS बिपिन रावत (Chief of Defense Staff Bipin Rawat) और उनकी पत्नी समेत सेना के कुछ उच्च अधिकारी भी सवार थे. इसमें से 13 लोगों की मौत हो गई है. केवल ग्रुप कैप्टन वरुण प्रताप सिंह बचे हैं.

Last Updated : Dec 10, 2021, 12:58 PM IST
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