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Vishva Hindu Parishad: धर्मांतरित मुस्लिम और क्रिश्चियन को नहीं मिलना चाहिए आरक्षण: विश्व हिंदू परिषद - विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार

धर्मांतरित मुस्लिम और क्रिश्चियन समुदाय को आरक्षण के मामले पर विश्व हिंदू परिषद लगातार विरोध कर रही है. इसी को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने एक संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें लोगों की राय जानने की कोशिश की गई. इस बारे में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना को जानकारी दी है.

Exclusive interview with Alok Kumar, working president of Vishwa Hindu Parishad
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार से खास बातचीत
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Published : Mar 6, 2023, 6:54 PM IST

Updated : Mar 6, 2023, 10:16 PM IST

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार से खास बातचीत

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद ने धर्मांतरित मुस्लिम और क्रिश्चियन समुदाय को आरक्षण मिलने का विरोध किया है. विश्व हिंदू परिषद ने एक संगोष्ठी बुलाकर अलग-अलग वर्ग के लोगों से इस मुद्दे पर राय जानने की कोशिश की. उनका मानना है कि ज्यादातर लोगों की राय यह रही कि जो धर्मांतरित मुस्लिम और क्रिश्चियन समुदाय हैं, उन्हें उनके धर्मों में समुचित आरक्षण की व्यवस्था है और आरक्षण उन बातों को ध्यान में रख कर दिया गया था, जब समाज छुआछूत की मानसिकता व्याप्त थी.

उन्होंने कहा कि ऐसे शोषित समाज को संविधान की तरफ से आरक्षण दिया गया था. ऐसे में जो अनुसूचित जाति-जनजाति के लोग मुस्लिम और क्रिश्चियन धर्म अपना चुके हैं उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. यह बात विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कही.

वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति मुस्लिम हो जाता है, तो उसको आरक्षण नहीं मिलना चाहिए. मुस्लिम समुदाय हमेशा से ही दावा करता है कि हिंदू धर्म की तरह उनके समुदाय में छुआछूत की व्यवस्था नहीं है और वह भाईचारे के साथ रहते हैं. फिर उन्हें अनुसूचित जाति के आरक्षण का क्या लाभ. इस सवाल पर कि कई मुस्लिम संगठन ये मुद्दा उठा रहे कि उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए, इस पर सरकार ने कमिटी भी बनाई है वीएचपी के नेता का कहना है कि इस विषय पर हमने दो दिन की संगोष्ठी की है.

उन्होंने बताया कि इस संगोष्ठी में 60 पेपर आए, 6 पूर्व जज आए, पत्रकार और स्टूडेंट आए, हमने इस बात को रेखंकित किया है की आरक्षण जैसा है, वैसा चलता रहना चाहिए. जिन लोगों ने शोषण झेला है उनके लिए आरक्षण चलता रहना चाहिए, इसमें परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है. मुसलमान और ईसाई में ब्रदरहुड है कोई अस्पृश्यता नहीं, जो ओबीसी हैं मुस्लिम, उन्हें आरक्षण मिल रहा. मुस्लिम समाज के 40 प्रतिशत लोग इस आरक्षण के लाभान्वित है.

आगे उन्होंने कहा कि हमारी आपत्ति ये है कि जो आरक्षण अनुसूचित समाज को मिलता है, वो बरकरार रहना चाहिए. उसमें बंटवारा सही नहीं. उन्होंने कहा कि जो अनुसूचित समाज का आरक्षण है, इसमें अल्पसंख्यक समाज को डाका नहीं डालने देंगे. इस सवाल पर कि अब समाज में छुआछूत की कुप्रथा नहीं है, जैसी पहले थी, ऐसा केंद्र सरकार दावा करती है, फिर पुरानी व्यवस्था क्यों, इस पर उन्होंने कहा कि समाज में जब तक हम ये सुनिश्चित करेंगे कि एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं हो रहा, तब तक आरक्षण में बदलाव नहीं चाहते.

पढ़ें: Ashram Flyover Extension Inauguration : केजरीवाल बोले- CBI और ED का गलत इस्तेमाल कर रहा केंद्र

क्या सरकार की कमिटी पर आपको भरोसा नहीं है, इस सवाल पर आलोक कुमार का कहना है कि वो सरकार की ही मदद कर रहे हैं, ताकि जब कमेटी लोगों के पास जाए तो वो इससे परिचित रहें. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो क्रिश्चयन की पहचान होनी चाहिए और उन्हें आरक्षण से बेदखल करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि धर्म बदलते ही आरक्षण खत्म हो जाना चाहिए.

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार से खास बातचीत

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद ने धर्मांतरित मुस्लिम और क्रिश्चियन समुदाय को आरक्षण मिलने का विरोध किया है. विश्व हिंदू परिषद ने एक संगोष्ठी बुलाकर अलग-अलग वर्ग के लोगों से इस मुद्दे पर राय जानने की कोशिश की. उनका मानना है कि ज्यादातर लोगों की राय यह रही कि जो धर्मांतरित मुस्लिम और क्रिश्चियन समुदाय हैं, उन्हें उनके धर्मों में समुचित आरक्षण की व्यवस्था है और आरक्षण उन बातों को ध्यान में रख कर दिया गया था, जब समाज छुआछूत की मानसिकता व्याप्त थी.

उन्होंने कहा कि ऐसे शोषित समाज को संविधान की तरफ से आरक्षण दिया गया था. ऐसे में जो अनुसूचित जाति-जनजाति के लोग मुस्लिम और क्रिश्चियन धर्म अपना चुके हैं उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. यह बात विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कही.

वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति मुस्लिम हो जाता है, तो उसको आरक्षण नहीं मिलना चाहिए. मुस्लिम समुदाय हमेशा से ही दावा करता है कि हिंदू धर्म की तरह उनके समुदाय में छुआछूत की व्यवस्था नहीं है और वह भाईचारे के साथ रहते हैं. फिर उन्हें अनुसूचित जाति के आरक्षण का क्या लाभ. इस सवाल पर कि कई मुस्लिम संगठन ये मुद्दा उठा रहे कि उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए, इस पर सरकार ने कमिटी भी बनाई है वीएचपी के नेता का कहना है कि इस विषय पर हमने दो दिन की संगोष्ठी की है.

उन्होंने बताया कि इस संगोष्ठी में 60 पेपर आए, 6 पूर्व जज आए, पत्रकार और स्टूडेंट आए, हमने इस बात को रेखंकित किया है की आरक्षण जैसा है, वैसा चलता रहना चाहिए. जिन लोगों ने शोषण झेला है उनके लिए आरक्षण चलता रहना चाहिए, इसमें परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है. मुसलमान और ईसाई में ब्रदरहुड है कोई अस्पृश्यता नहीं, जो ओबीसी हैं मुस्लिम, उन्हें आरक्षण मिल रहा. मुस्लिम समाज के 40 प्रतिशत लोग इस आरक्षण के लाभान्वित है.

आगे उन्होंने कहा कि हमारी आपत्ति ये है कि जो आरक्षण अनुसूचित समाज को मिलता है, वो बरकरार रहना चाहिए. उसमें बंटवारा सही नहीं. उन्होंने कहा कि जो अनुसूचित समाज का आरक्षण है, इसमें अल्पसंख्यक समाज को डाका नहीं डालने देंगे. इस सवाल पर कि अब समाज में छुआछूत की कुप्रथा नहीं है, जैसी पहले थी, ऐसा केंद्र सरकार दावा करती है, फिर पुरानी व्यवस्था क्यों, इस पर उन्होंने कहा कि समाज में जब तक हम ये सुनिश्चित करेंगे कि एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं हो रहा, तब तक आरक्षण में बदलाव नहीं चाहते.

पढ़ें: Ashram Flyover Extension Inauguration : केजरीवाल बोले- CBI और ED का गलत इस्तेमाल कर रहा केंद्र

क्या सरकार की कमिटी पर आपको भरोसा नहीं है, इस सवाल पर आलोक कुमार का कहना है कि वो सरकार की ही मदद कर रहे हैं, ताकि जब कमेटी लोगों के पास जाए तो वो इससे परिचित रहें. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो क्रिश्चयन की पहचान होनी चाहिए और उन्हें आरक्षण से बेदखल करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि धर्म बदलते ही आरक्षण खत्म हो जाना चाहिए.

Last Updated : Mar 6, 2023, 10:16 PM IST
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