ETV Bharat / bharat

ताज महल में अब पच्चीकारी और मंदिरों के फोटो का मामला गरमाया, संत ने किया अनशन का एलान - संविधान की हत्या

ताज महल की पच्चीकारी और शौचालय के पास लगी फोटो गैलरी को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इस मामले में उरई के संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर अनशन करने का एलान किया है.

etv bharat
संत मत्स्येंद्र गोस्वामी
author img

By

Published : May 24, 2022, 7:51 PM IST

Updated : May 24, 2022, 8:09 PM IST

आगरा: ताज महल पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. इस बार ताजमहल की पच्चीकारी और शौचालय के पास लगी फोटो गैलरी को लेकर मामला गरमाया है. सोशल मीडिया पर उरई के संत मत्स्येंद्र गोस्वामी का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ताज महल परिसर में बने शौचालय के पास लगे मंदिर के फोटोज पर एतराज जता रहे हैं. उन्होंने मंदिरों के फोटोज शौचालय के पास लगे होने पर खुद के आहत होने और तत्काल न हटाने पर ताजमहल के बाहर अनशन का एलान किया है. संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने ताज महल की पच्चीकारी पर स्वास्तिक बने होने का मुद्दा उठाया है. वहीं, इस बारे में खुद को मुगलवंशज बताने वाले प्रिंस तुसी ने इसे चीप पब्लिसिटी बताया है.

मकबरे में हिंदू मंदिरों की तस्वीर नहीं होनी चाहिए: बता दें कि उरई से संत मत्स्येंद्र गोस्वामी सोमवार को आगरा आए और ताज महल का भ्रमण किया. जब संत ने ताज महल परिसर में शौचालय के पास गैलरी में हिंदू मंदिरों की फोटो देखी तो उस पर एतराज जताया. उन्होंने एएसआई अधिकारियों से कहा कि इससे उनका मन बहुत आहत हुआ है. शौचालय के पास हिंदू-देवी देवताओं की तस्वीर नहीं होनी चाहिए थी. मंदिरों की तस्वीर को वहां से हटाने की बात की. उन्होंने कहा कि, मकबरे में हिंदू मंदिरों की तस्वीर नहीं होनी चाहिए. अगर इन्हें नहीं हटाया जाए तो वो अनशन करेंगे.

संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने ताज महल की पच्चीकारी पर स्वास्तिक बने होने का मुद्दा उठाया है.
वीडियो वायरल कियाः संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने सोशल मीडिया पर वायरल किए वीडियो ताज महल परिसर में स्थित रायल गेट की पच्चीकारी में गुलाब, कमल के फूल और स्वास्तिक बने होने का दावा किया है. उनका दावा है कि ताज महल को राजमहल और मंदिर था. उन्होंने ऐलान किया कि शनिवार तक ताज महल परिसर में शौचालय के पास लगी हुई मंदिर की कलाकृतियों को नहीं हटाया गया तो वो ताजमहल के बाहर अनशन करेंगे.
सस्ती पब्लिसिटी का कामः खुद को मुगलवंशज बताने वाले प्रिंस तुसी ने बताया कि संत मत्स्येंद्र गोस्वामी की यह सस्ती पब्लिसिटी है. कल से पहले उन्हें कौन जानता था. वो विवाद खड़ा करके मशहूर होना चाहते हैं. जो वास्तव में संत होगा, वो ऐसी बात नहीं करेगा. इसके साथ ही ताजमहल की पच्चीकारी में फूल और पत्तियों को लेकर वायरल हो रहे वीडियो के जवाब में प्रिंस तुसी ने कहा कि, मुगल शासकों की कई रानियां होती थीं. जो हिंदू-मुस्लिम और एक तथा अन्य धर्म की होती थीं.

इसे भी पढ़ें-जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबी भगवान की मूर्तियों का क्या है राज?



पच्चीकारी पर यह बोले इतिसकारः इतिहासकार राजकिशोर राजे का कहना है कि ताजमहल की पच्चीकारी में तमाम जगह पर फूल, पत्तियां और सर्प तक बने हैं. ताजमहल के मुख्य द्वार पर कमल की आकृति है. यह आकृतियां भी क्यों बनी हैं. यह बेहद अहम जानकारी का विषय है.


हाईकोर्ट तक पहुंचा मामलाः ताज महल पर यह कोई नया विवाद नहीं है. इससे पहले ताज महल , मंदिर या मकबरे का मामला आगरा सिविल कोर्ट में गया तो विचाराधीन है. फिर बीते माह अयोध्या के जगतगुरु परमहंसाचार्य आगरा आए, उन्हें भगवा वस्त्र और धर्म दंड की वजह से सीआईएसएफ ने ताजमहल में नहीं जाने दिया. इस पर खूब हंगामा हुआ. इसके बाद अयोध्या के भाजपा नेता डॉ. रजनीश कुमार सिंह ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की और ताजमहल के बंद तहखाने के 22 कमरों को खुलवाने की मांग की. सुनवाई में हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.

नमाज पर प्रतिबंध नहीं लगने पर ताज में शिव चालीसा पाठ करने की दी चेतावनी

अयोध्याः ताज महल का सर्वे करने की याचिका डालने वाले अयोध्या के भाजपा मीडिया प्रभारी राजनीश सिंह ने पुरातत्व निदेशक नई दिल्ली को ईमेल के जरिए पत्र भेजा है. पत्र के माध्यम से मांग की है कि ताजमहल में तत्काल नमाज बंद की जाए. अगर शुक्रवार को ताजमहल में नमाज अदा की जाएगी तो सोमवार को वह शिव चालीसा का पाठ और पूजन परिसर के अंदर करेंगे.

रजनीश सिंह ने ईमेल के जरिए जो पत्र निदेशक पुरातत्व विभाग नई दिल्ली को भेजा है, उसमें लिखा गया है कि 'ताजमहल एक पर्यटन स्थल है. इसमें बीते कई वर्षों से अनवरत नमाज होती चली आ रही है. हाल के दिनों में माननीय न्यायालय ने भी नमाज प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद नमाज पर आज तक पूर्ण प्रतिबंध ताजमहल में नहीं लगाया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.'

पत्र में आगे लिखा है 'महोदय हम आपको बड़ी विनम्रता पूर्वक बताना चाहते हैं कि अगर उस परिसर के अंदर आने वाले शुक्रवार को नमाज हुई तो हम वहां सोमवार को बहुत ही शांति पूर्ण रुप से वहां पहुंचकर शिव चालीसा का पाठ एवं पूजन करेंगे. इसके लिए आपसे प्रार्थना है कि कृपया आप उस परिसर में सभी धार्मिक गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने की कृपा करें.' रजनीश सिंह ने इस संबंध में एक वीडियो भी जारी किया है. वीडियो में कहा है कि ताजमहल में अगर नमाज पर रोक नहीं लगी तो हम सभी पहुंचकर वहां शांतिपूर्ण ढंग से शिव चालीसा का पाठ और पूजन करेंगे.

ऐसी ही जरुरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत

आगरा: ताज महल पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. इस बार ताजमहल की पच्चीकारी और शौचालय के पास लगी फोटो गैलरी को लेकर मामला गरमाया है. सोशल मीडिया पर उरई के संत मत्स्येंद्र गोस्वामी का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ताज महल परिसर में बने शौचालय के पास लगे मंदिर के फोटोज पर एतराज जता रहे हैं. उन्होंने मंदिरों के फोटोज शौचालय के पास लगे होने पर खुद के आहत होने और तत्काल न हटाने पर ताजमहल के बाहर अनशन का एलान किया है. संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने ताज महल की पच्चीकारी पर स्वास्तिक बने होने का मुद्दा उठाया है. वहीं, इस बारे में खुद को मुगलवंशज बताने वाले प्रिंस तुसी ने इसे चीप पब्लिसिटी बताया है.

मकबरे में हिंदू मंदिरों की तस्वीर नहीं होनी चाहिए: बता दें कि उरई से संत मत्स्येंद्र गोस्वामी सोमवार को आगरा आए और ताज महल का भ्रमण किया. जब संत ने ताज महल परिसर में शौचालय के पास गैलरी में हिंदू मंदिरों की फोटो देखी तो उस पर एतराज जताया. उन्होंने एएसआई अधिकारियों से कहा कि इससे उनका मन बहुत आहत हुआ है. शौचालय के पास हिंदू-देवी देवताओं की तस्वीर नहीं होनी चाहिए थी. मंदिरों की तस्वीर को वहां से हटाने की बात की. उन्होंने कहा कि, मकबरे में हिंदू मंदिरों की तस्वीर नहीं होनी चाहिए. अगर इन्हें नहीं हटाया जाए तो वो अनशन करेंगे.

संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने ताज महल की पच्चीकारी पर स्वास्तिक बने होने का मुद्दा उठाया है.
वीडियो वायरल कियाः संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने सोशल मीडिया पर वायरल किए वीडियो ताज महल परिसर में स्थित रायल गेट की पच्चीकारी में गुलाब, कमल के फूल और स्वास्तिक बने होने का दावा किया है. उनका दावा है कि ताज महल को राजमहल और मंदिर था. उन्होंने ऐलान किया कि शनिवार तक ताज महल परिसर में शौचालय के पास लगी हुई मंदिर की कलाकृतियों को नहीं हटाया गया तो वो ताजमहल के बाहर अनशन करेंगे.सस्ती पब्लिसिटी का कामः खुद को मुगलवंशज बताने वाले प्रिंस तुसी ने बताया कि संत मत्स्येंद्र गोस्वामी की यह सस्ती पब्लिसिटी है. कल से पहले उन्हें कौन जानता था. वो विवाद खड़ा करके मशहूर होना चाहते हैं. जो वास्तव में संत होगा, वो ऐसी बात नहीं करेगा. इसके साथ ही ताजमहल की पच्चीकारी में फूल और पत्तियों को लेकर वायरल हो रहे वीडियो के जवाब में प्रिंस तुसी ने कहा कि, मुगल शासकों की कई रानियां होती थीं. जो हिंदू-मुस्लिम और एक तथा अन्य धर्म की होती थीं.

इसे भी पढ़ें-जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबी भगवान की मूर्तियों का क्या है राज?



पच्चीकारी पर यह बोले इतिसकारः इतिहासकार राजकिशोर राजे का कहना है कि ताजमहल की पच्चीकारी में तमाम जगह पर फूल, पत्तियां और सर्प तक बने हैं. ताजमहल के मुख्य द्वार पर कमल की आकृति है. यह आकृतियां भी क्यों बनी हैं. यह बेहद अहम जानकारी का विषय है.


हाईकोर्ट तक पहुंचा मामलाः ताज महल पर यह कोई नया विवाद नहीं है. इससे पहले ताज महल , मंदिर या मकबरे का मामला आगरा सिविल कोर्ट में गया तो विचाराधीन है. फिर बीते माह अयोध्या के जगतगुरु परमहंसाचार्य आगरा आए, उन्हें भगवा वस्त्र और धर्म दंड की वजह से सीआईएसएफ ने ताजमहल में नहीं जाने दिया. इस पर खूब हंगामा हुआ. इसके बाद अयोध्या के भाजपा नेता डॉ. रजनीश कुमार सिंह ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की और ताजमहल के बंद तहखाने के 22 कमरों को खुलवाने की मांग की. सुनवाई में हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.

नमाज पर प्रतिबंध नहीं लगने पर ताज में शिव चालीसा पाठ करने की दी चेतावनी

अयोध्याः ताज महल का सर्वे करने की याचिका डालने वाले अयोध्या के भाजपा मीडिया प्रभारी राजनीश सिंह ने पुरातत्व निदेशक नई दिल्ली को ईमेल के जरिए पत्र भेजा है. पत्र के माध्यम से मांग की है कि ताजमहल में तत्काल नमाज बंद की जाए. अगर शुक्रवार को ताजमहल में नमाज अदा की जाएगी तो सोमवार को वह शिव चालीसा का पाठ और पूजन परिसर के अंदर करेंगे.

रजनीश सिंह ने ईमेल के जरिए जो पत्र निदेशक पुरातत्व विभाग नई दिल्ली को भेजा है, उसमें लिखा गया है कि 'ताजमहल एक पर्यटन स्थल है. इसमें बीते कई वर्षों से अनवरत नमाज होती चली आ रही है. हाल के दिनों में माननीय न्यायालय ने भी नमाज प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद नमाज पर आज तक पूर्ण प्रतिबंध ताजमहल में नहीं लगाया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.'

पत्र में आगे लिखा है 'महोदय हम आपको बड़ी विनम्रता पूर्वक बताना चाहते हैं कि अगर उस परिसर के अंदर आने वाले शुक्रवार को नमाज हुई तो हम वहां सोमवार को बहुत ही शांति पूर्ण रुप से वहां पहुंचकर शिव चालीसा का पाठ एवं पूजन करेंगे. इसके लिए आपसे प्रार्थना है कि कृपया आप उस परिसर में सभी धार्मिक गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने की कृपा करें.' रजनीश सिंह ने इस संबंध में एक वीडियो भी जारी किया है. वीडियो में कहा है कि ताजमहल में अगर नमाज पर रोक नहीं लगी तो हम सभी पहुंचकर वहां शांतिपूर्ण ढंग से शिव चालीसा का पाठ और पूजन करेंगे.

ऐसी ही जरुरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत

Last Updated : May 24, 2022, 8:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.