संभल : लगातार अपने भड़काउ भाषणों और विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले उत्तर प्रदेश के संभल से सपा सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क ने एक बार फिर विवादित बयान दे दिया है. उनका कहना है कि इस देश में मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं. वे कहते हैं कि इस देश पर मुसलमानों का उतना ही हक है जितना किसी और का.
संभल स्थित अपने आवास पर बुलाई गई एक प्रेस काफ्रेंस में बर्क ने दिल्ली में सिविल डिफेंस में काम करने वाली राबिया सैफी के साथ हुई घटना की न्यायिक जांच की मांग की. साथ ही दोषियों को जल्द सजा दिलाने की बात भी कही. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से भी खास बात की.
इस देश में मुसलमान सुरक्षित नहीं है
डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, 'देश में मुसलमानों के साथ जुल्म हो रहा है. ज्यादती हो रही है. मोब लिंचिंग हो रही है. कहीं भी मुसलमान को अकेला पाकर उस पर बेवजह इल्जाम लगाए जाते हैं कि तूने यह किया, वह किया. उसके साथ मारपीट की जा रही है. इस देश में मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं'.
वर्क ने कहा, 'मुल्क किसी के 'बाप की जागीर' नहीं है, मुल्क हमारा भी है. हमने भी इस मुल्क में लगभग 800 साल हुकुमरानी की है. हम भी इस मुल्क के हुक्मरान रहे हैं. तारीख गवाह है कि हमने किसी को नहीं सताया. न ही किसी के साथ ज्यादती की'.
वह आगे कहते हैं, 'राबिया सैफ़ी दिल्ली में सिविल डिफेंस में काम करती थी. उसके साथ जिन लोगों ने भी बलात्कार किया, उसे चाकू घोंपा. यह ठीक नहीं है. इस परिस्थिति में देश में कोई शरीफ भला कैले जिंदा रहेगा'.
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इसी क्रम में उन्होंने कहा, 'इस देश में मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं. इसे लेकर हम हक की आवाज उठा रहे हैं. हक की बात करना कोई जुर्म नहीं है. इस वक्त बीजेपी की सरकार है तो क्या सरकार से डरकर हम हक की बात नहीं कहेंगे'.
घटना की हो न्यायिक जांच
बर्क ने कहा कि राबिया सैफी वाली घटना की न्यायिक जांच होना चाहिए.
'राबिया सैफ़ी के जो असली गुनहगार हैं, उन्हीं को सजा होनी चाहिए. किसी बेगुनाह को सजा नहीं मिलनी चाहिए. राबिया सैफ़ी के घर वालों में से किसी एक को सरकारी नौकरी मिलना चाहिए. राबिया सैफी के परिवार वालों को एक करोड़ की आर्थिक मदद होना चाहिए'.
कई जगह मुसलमानों के नाम छुपाकर काम करने के सवाल पर डॉ. बर्क ने कहा कि मुसलमान खौफ की वजह से ही अपना नाम छुपाकर काम कर रहे हैं. कहा कि देश में लगभग 40 करोड़ मुसलमान रहते हैं. कोई मामूली बात तो नहीं है. मुसलमान को भी रोटी कपड़े की जरूरत है. तालीम की जरूरत है. मेहनत करके मुसलमान भी सर्विस करना चाहता है. काम करना चाहता है. मुसलमान इस देश में कोई भिखारी तो नहीं है.
किसानों के मुद्दे पर डॉक्टर बर्क ने कहा की अभी कितनी बड़ी महापंचायत मुजफ्फरनगर में हुई है. संभल में भी हुई थी. कितनी बड़ी तादात में किसान आंदोलन कर रहा है. क्या किसान हमारा भाई नहीं है. किसान बहुत परेशान हैं. किसान अन्नदाता है. किसान मेहनत करके अनाज उगाता है. बड़ा नुकसान पूरे देश का हो रहा है. इसकी फिक्र ही नहीं है सरकार को.