नई दिल्ली : सीबीआई और ईडी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि वे दिल्ली शराब नीति मामलों में शहर की आम आदमी पार्टी (आप) को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ के समक्ष सीबीआई और ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उनके पास यह बताने के निर्देश हैं कि एजेंसियां 'प्रतिस्पर्धी दायित्व' और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 70 पर कानूनी प्रावधानों को लागू करते हुए 'आप' को आरोपी बनाने पर विचार कर रही हैं.
शीर्ष अदालत ने राजू से मंगलवार को इस पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा कि क्या दो केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में 'आप' के खिलाफ अलग से आरोप लगाए जाएंगे.
राजू ने कहा कि यह भी वैसा ही अपराध होगा. न्यायमूर्ति खन्ना ने राजू को अपने बयान में सावधानी बरतने को कहा और कहा, 'क्या यह ईडी मामले में एक अलग या समान अपराध होगा? इसका जवाब कल दो.'
पीठ ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में यह निश्चित रूप से एक अलग आरोप होगा और पूछा, क्या यह सीबीआई मामले में एक अलग आरोप होगा? राजू ने जवाब दिया कि आरोप अलग हो सकते हैं, लेकिन अपराध एक ही होगा. जस्टिस खन्ना ने कहा कि जरा इसकी जांच करें.
सुनवाई के दौरान पीठ ने राजू से पूछा कि आरोप पर बहस अब तक क्यों शुरू नहीं हुई? कब होगी. आप किसी को हमेशा के लिए पीछे नहीं रख सकते क्योंकि आप आश्वस्त नहीं हैं कि आप कब बहस कर सकते हैं. पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद बहस शुरू होनी चाहिए. पीठ ने राजू से सवाल किया, मान लीजिए कि कोई व्यक्ति रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया है, तो क्या यह मनी लॉन्ड्रिंग है? राजू ने हां कहा.
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा नहीं, और विस्तार से बताया कि उस विशेष समय पर यह एक ग्रे क्षेत्र है, और कहा कि मान लीजिए कि पीढ़ी रुक जाती है, उस स्तर पर, अपराध नहीं होता है, और बताया कि यह वह जगह है जहां ग्रे क्षेत्र है.
शीर्ष अदालत आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें सीबीआई और ईडी द्वारा जांच की जा रही एक्साइस पॉलिसी मामलों में गिरफ्तार किया गया था. मामले में सुनवाई कल भी जारी रहेगी.
एजेंसियों का आरोप है कि AAP ने इस पैसे का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि AAP उन हितधारकों से प्राप्त रिश्वत की लाभार्थी थी, जिन्हें बदले में शराब के लाइसेंस मिले थे.
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