मसूरी: प्रेमी जोड़ों के लिए वैलेंटाइन डे का दिन काफी खास होता है, जिसका वो बेसब्री से इंतजार करते हैं. आज वेलेंटाइन डे है. देश के साथ ही दुनिया भर में प्यार करने वाले वेलेंटाइन डे मना रहे हैं. वहीं वैलेंटाइन डे को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि पहाड़ों की रानी मसूरी से भी वैलेंटाइन डे का खास कनेक्शन रहा है.
किताब में वैलेंटाइन डे की कहानी: इतिहासकार गोपाल भारद्वाज के मुताबिक ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन की किताब में वैलेंटाइन डे की कहानी मिलती है. किताब में वैलेंटाइन डे का जिक्र किया है. यह दिन रोम के पादरी संत वैलेंटाइन को समर्पित है. फरवरी का महीना यूं तो साल का सबसे छोटा महीना होता है, लेकिन इस महीने में बनी यादें, जिंदगी भर साथ रह जाती हैं. हल्की गुनगुनी धूप लेकर आने वाला यह महीना कई प्यार भरी कहानियां भी साथ लेकर आता है. जब दो प्यार करने वाले, एक दूसरे के लिए, जान देने की कसमें खाते हैं और जिंदगी भर साथ रहने का वादा करते हैं. वैलेंटाइन डे दो प्यार करने वालों के लिए बेहद खास होता है. इस दिन कपल एक दूसरे से अपने प्यार का इजहार करते हैं. बेजुबां प्रेम की भाषा को जुबां मिलती है, जो दो अधूरे सपनों को पूरा करती है. इसे प्यार और रोमांस का दिन भी कहा जाता है.
मसूरी में लिखा गया पहला प्रेम पत्र: वैलेंटाइन डे संत वैलेंटाइन की याद में मनाया जाता है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक पहला वैलेंटाइन डे वर्ष 496 ईस्वी में मनाया गया था. इसके मुताबिक वैलेंटाइन डे की शुरुआत रोमन फेस्टिवल से हुई और धीरे धीरे यह दो प्यार करने वालों के बीच पूरी दुनिया में फैल गया. इसे प्यार और रोमांस का दिन भी कहा जाता है. इस दिन दो प्यार करने वाले हमेशा एक दूसरे के साथ रहने का वादा करते हैं. वैलेंटाइन डे से कई कहानियां जुड़ी हैं. कहते हैं भारत में वैलेंटाइन डे सेलिब्रेशन की शुरुआत पहाड़ों की रानी मसूरी से हुई. जहां साल 1843 में पहला वैलेंटाइन डे खत लिखा गया था.
एलिजाबेथ लुईन से हुआ था प्यार: इस खत को इंग्लैंड में जन्मे मोगर मोंक ने लिखा था, जो उन दिनों मसूरी में जॉन मेनन के बारलोगंज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के शिक्षक थे. मशहूर लेखक और इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि मोगर मोंक को एलिजाबेथ लुईन नाम की लड़की से प्यार हो गया था. 14 फरवरी 1843 को उन्होंने मसूरी से एक खत अपनी बहन के नाम इंग्लैंड भेजा था, जिसमें उन्होंने अपनी बहन मार्गेट को अपनी भावनाओं के बारे में बताया था. साल 1849 में जब मोगर मोंक का निधन हुआ, तब वह मेरठ में रह रहे थे.
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रिश्तेदार ने किया था पत्र का जिक्र: मोगर मोंक के लिखे इस लेटर का पता तब चला जब 150 साल बाद उनके रिश्तेदार एंड्रयू मारगन ने वर्ष 1828 से 1849 के बीच लिखे पत्र का जिक्र मसूरी मर्चेंट इंडियन लेटर्स पुस्तक में किया. जिसमें मोगर मोंक का लिखा लेटर भी शामिल है. मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स बुक के अनुसार मोगर मोंक ने अपनी बहन को लिखे पत्र में बताया था कि उन्हें एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया है. देश में पहली बार प्रेम के इस पत्र के रिकाॅर्ड बुक में दर्ज होने से माना जाता है कि इसी दिन से भारत में वैलेंटाइन डे का आगाज हुआ था. मसूरी की खूबसूरत वादियों में लिखा ये लेटर प्यार के अहसास और उसकी खूबसूरती को बयां करता है. उन्होंने कहा कि लोग प्रकृति, अपने आसपास के जीव जंतुओं से प्यार करें और उनको संरक्षित करने के लिए भी काम करें. उन्होंने कहा कि प्यार कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है और ऐसे में इसे बरकरार रखना सभी की जिम्मेदारी है.