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बिहार : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ फूटा कार्यकर्ताओं का गुस्सा, धक्का-मुक्की

बिहार कांग्रेस में अंर्तकलह का परिणाम शनिवार को बेगूसराय में देखने को मिला. यहां बिहार प्रभारी भक्त चरण दास के सामने ही प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के साथ धक्का-मुक्की की गई. इस दौरान काफी हंगामा भी हुआ.

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Published : Feb 20, 2021, 9:17 PM IST

बेगूसराय : बिहार में कांग्रेस का अंर्तकलह शनिवार को खुलकर सामने आ गया. बिहार प्रभारी भक्त चरण दास के सामने ही प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के साथ धक्का-मुक्की की नौबत बन गई. इस दौरान जैसे तैसे सुरक्षा बलों ने मदन मोहन झा को गाड़ी में बैठाकर उन्हें विदा किया.

इस दौरान आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने टिकट चोर मदन मोहन झा वापस जाओ और मुर्दाबाद के नारे लगाए. यह स्थिति उनके गाड़ी के सामने भी चलती रही, जब तक उनकी गाड़ी आगे नहीं बढ़ गई. कार्यकर्ताओं का आक्रोश मदन मोहन झा द्वारा टिकट बंटवारे में पैसे के लेनदेन और उनकी परिक्रमा करने वालों पर खास मेहरबानी को लेकर था. शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी किसान सत्याग्रह यात्रा के लिए बेगूसराय पहुंचे थे. इसी दौरान आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने जीरो माइल स्थित दिनकर प्रतिमा के समक्ष मदन मोहन झा का विरोध किया.

कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा
बेगूसराय में कांग्रेस के द्वारा किसान सत्याग्रह यात्रा निकाली गई. इस कार्यक्रम में बिहार के कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास शामिल हुए. पर यात्रा की शुरुआत में ही दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के वक्त ही कार्यकर्ताओं ने मदन मोहन झा को देखकर हंगामा किया और भड़क गए. स्थिति धक्का-मुक्की तक पहुंच गई. हंगामे और धक्का मुक्की की वजह से सुरक्षा घेरे में मदन मोहन झा को वापस वहां से निकलना पड़ा. कार्यकर्ताओं का कहना था कि पिछले विधानसभा चुनाव में अगर कर्मठ कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाता, तो आज कांग्रेस की स्थिति बेगूसराय में इतनी खराब नहीं होती.

पैसे लेकर टिकट देने का आरोप
मदन मोहन झा के द्वारा पैसे के लेनदेन और उनके आगे पीछे परिक्रमा करने लोग वालों को टिकट देने का आरोप कार्यकर्ता लगा रहे थे. कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो कांग्रेस को मुखाग्नि देने वाला भी कोई नहीं बचेगा. इस घटना से काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही. वही इस संबंध में पूछे जाने पर भक्त चरण दास ने कहा कि कार्यकर्ताओं की नाराजगी टिकट बंटवारे को लेकर है, जो सीटें गठबंधन में चली गईं थीं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कार्यकर्ताओं से वो बात करेंगे.

यह भी पढ़ें-ड्रग्स केस : पामेला ने विजयवर्गीय के करीबी पर लगाया साजिश रचने का आरोप

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि कार्यकर्ता अब नेताओं की मनमानी को तैयार नहीं है. इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने लगे हैं. जिसका परिणाम बेगूसराय में देखने को मिला.

बेगूसराय : बिहार में कांग्रेस का अंर्तकलह शनिवार को खुलकर सामने आ गया. बिहार प्रभारी भक्त चरण दास के सामने ही प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के साथ धक्का-मुक्की की नौबत बन गई. इस दौरान जैसे तैसे सुरक्षा बलों ने मदन मोहन झा को गाड़ी में बैठाकर उन्हें विदा किया.

इस दौरान आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने टिकट चोर मदन मोहन झा वापस जाओ और मुर्दाबाद के नारे लगाए. यह स्थिति उनके गाड़ी के सामने भी चलती रही, जब तक उनकी गाड़ी आगे नहीं बढ़ गई. कार्यकर्ताओं का आक्रोश मदन मोहन झा द्वारा टिकट बंटवारे में पैसे के लेनदेन और उनकी परिक्रमा करने वालों पर खास मेहरबानी को लेकर था. शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी किसान सत्याग्रह यात्रा के लिए बेगूसराय पहुंचे थे. इसी दौरान आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने जीरो माइल स्थित दिनकर प्रतिमा के समक्ष मदन मोहन झा का विरोध किया.

कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा
बेगूसराय में कांग्रेस के द्वारा किसान सत्याग्रह यात्रा निकाली गई. इस कार्यक्रम में बिहार के कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास शामिल हुए. पर यात्रा की शुरुआत में ही दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के वक्त ही कार्यकर्ताओं ने मदन मोहन झा को देखकर हंगामा किया और भड़क गए. स्थिति धक्का-मुक्की तक पहुंच गई. हंगामे और धक्का मुक्की की वजह से सुरक्षा घेरे में मदन मोहन झा को वापस वहां से निकलना पड़ा. कार्यकर्ताओं का कहना था कि पिछले विधानसभा चुनाव में अगर कर्मठ कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाता, तो आज कांग्रेस की स्थिति बेगूसराय में इतनी खराब नहीं होती.

पैसे लेकर टिकट देने का आरोप
मदन मोहन झा के द्वारा पैसे के लेनदेन और उनके आगे पीछे परिक्रमा करने लोग वालों को टिकट देने का आरोप कार्यकर्ता लगा रहे थे. कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो कांग्रेस को मुखाग्नि देने वाला भी कोई नहीं बचेगा. इस घटना से काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही. वही इस संबंध में पूछे जाने पर भक्त चरण दास ने कहा कि कार्यकर्ताओं की नाराजगी टिकट बंटवारे को लेकर है, जो सीटें गठबंधन में चली गईं थीं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कार्यकर्ताओं से वो बात करेंगे.

यह भी पढ़ें-ड्रग्स केस : पामेला ने विजयवर्गीय के करीबी पर लगाया साजिश रचने का आरोप

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि कार्यकर्ता अब नेताओं की मनमानी को तैयार नहीं है. इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने लगे हैं. जिसका परिणाम बेगूसराय में देखने को मिला.

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