भोपाल। कांग्रेस ने विधानसभा में एक बार फिर ओलावृष्टि और बारिश से किसानों को हुए नुकसान का मुद्दा विधानसभा में उठाया. कई मुद्दों को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ जिसके बाद कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया. नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है लेकिन प्रदेश में अभी तक सर्वे का काम ही शुरू नहीं हो पाया है. सोमवार को तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पंचायत सचिव तक हड़ताल पर हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. इसी तरह कक्षा 10वीं और 12वीं के पेपर लगातार लीक हो रहे हैं, लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है. प्रदेश के 20 लाख छात्रों के भविष्य से सरकार खिलवाड़ करने में जुटी है.
गेहूं की गीली फसल लेकर पहुंचे कुणाल चौधरी: कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी सदन में बारिस से बर्बाद हुई गेहूं की गीली फसल लेकर पहुंचे. वॉकआउट के बाद विधायक कुणाल चौधरी ने सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि सरकार को दिखाने आए हैं कि किसानों की फसलें कितनी बर्बाद हुई हैं लेकिन सर्वे नहीं हुआ. सरकार किसानों को तुरंत राहत दे. उधर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाने का काम करती है. किसानों की बात करने वाला कांग्रेस का एक भी नेता फसलें देखने खेतों में नहीं पहुंचा और सदन का इस्तेमाल सिर्फ राजनीति के लिए कर रहा है.
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झूठ के सहारे राजनीति करने वाली कांग्रेस और उसके नेता कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी अब किसानों के मुद्दे पर झूठ की राजनीति कर रहे हैं। pic.twitter.com/vRPLII3Atc
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— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) March 20, 2023झूठ के सहारे राजनीति करने वाली कांग्रेस और उसके नेता कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी अब किसानों के मुद्दे पर झूठ की राजनीति कर रहे हैं। pic.twitter.com/vRPLII3Atc
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आदिवासी विकास का मुद्दा: प्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग की योजनाओं के लिए आने वाली राशि के खर्च की योजना बनाने जिलों में बैठकें ही आयोजित नहीं की जा रही. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाया. नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में भिंड जिले में अनुसूचित जाति विभाग की एक भी बैठक प्रभारी मंत्री ने नहीं ली है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने भी इसका मुद्दा उठाया. उन्होने कहा कि नर्मदापुरम जिले में इस तरह की कोई कमेटी ही गठित नहीं हुई. पिछले सत्र में गोटेगांव में अनुसूचित जाति का पैसा प्रभारी मंत्री ने दूसरे जिले को दे दिया. उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया कि सभी जिलों में इस तरह की बैठक हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि 4 साल में 15 महीने कांग्रेस की सरकार थी. उस समय तो नेता प्रतिपक्ष मंत्री भी थे लेकिन उस समय कोई काम नहीं किया गया. हम जरूर इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी करेंगे.
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छात्रवृत्ति फर्जीवाड़ा मामला: सागर जिले में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में गड़बड़ी के मामले में एफ आई आर दर्ज कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. छात्रवृत्ति में अनियमितता का मामला कांग्रेस विधायक हर्ष यादव ने विधानसभा में उठाया. उन्होंने कहा कि सागर जिले में अधिकारियों ने छात्रवृत्ति की राशि अपने खातों में ट्रांसफर कर ली थी लेकिन बाद में जब मामला प्रकाश में आया तो अधिकारियों ने यह राशि शासन के खातों में डाल दी. कांग्रेस विधायक ने कहा कि इस तरह की गड़बड़ियां सागर सहित कई जिलों में हुई है इसलिए सागर मामले में तत्काल एफ आई आर दर्ज कर बाकी मामलों की भी जांच की जानी चाहिए. जवाब में जनजाति कार्य मंत्री मीना सिंह ने सागर मामले में एफ आई आर दर्ज करने का सदन को भरोसा दिलाया और कहा कि पूरे मामले की सरकार जांच कराएगी.
टीकमगढ़ जिले में मेडिकल कॉलेज खुलेगा: मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में जल्द ही मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने प्रश्नकाल के दौरान इसका आश्वासन दिया है. बीजेपी विधायक हरिशंकर खटीक द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश में पहले सिर्फ पांच मेडिकल कॉलेज थे जिनकी संख्या बढ़कर 24 हो गई है. टीकमगढ़ जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव तैयार कर एक हफ्ते में केंद्र को भेज दिया जाएगा.
किसानों को मुआवजे की मांग: पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने अतिवृष्टि-ओलावृष्टि से नुकसान हुई फसल का शीघ्र सर्वे कर राहत राशि दिलवाए जाने की मांग की. पूर्व मंत्री ने चेतावनी देते हुए तहा कि 15 दिनों में सर्वे कार्य ना होने पर विशाल किसान आंदोलन करेंगे. बीते 3 दिनों से प्रदेश भर में अतिवृष्टि ओलावृष्टि व बेमौसम बारिश का दौर जारी है. ऐसे में किसानों की खेतों में लगी व कटी फसल चौपट हो गई है. किसानों के जीवन यापन का जरिया केवल किसानी ही है. ऐसे में किसान दयनीय आंखों से सरकार की ओर राहत राशि के लिए टक टकी लगाकर देख रही है. किसानों की समस्या को लेकर सोमवार को मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री पंडित मुकेश नायक ने सर्वे सूची छूटे इलाकों का नाम नहीं जुड़ने पर कलेक्ट्रेट के घेराव की चेतावनी दी.