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मध्य प्रदेश में अधिक मतदान प्रतिशत से कांग्रेस उत्साहित

मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में 76 प्रतिशत से अधिक मतदान किए जाने से कांग्रेस नेता काफी उत्साहित हैं. पार्टी नेताओं का कहना है कि अधिक मतदान से पता चलता है कि कांग्रेस के पक्ष में मतदान हुआ है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...polling in Madhya Pradesh, AICC secretary in charge of MP Shiv Bhatia, Polling for the 230 member MP Assembly

Congress upbeat over higher polling in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश में अधिक मतदान से कांग्रेस उत्साहित
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 18, 2023, 4:07 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के शीर्ष नेता मध्य प्रदेश में 2018 के 75 प्रतिशत की तुलना में 76 प्रतिशत अधिक मतदान प्रतिशत से उत्साहित हैं और इसे भाजपा विरोधी वोट के रूप में व्याख्या कर रहे हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 17 नवंबर को मतदान हुआ है और इसके नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. इस बारे में एआईसीसी सचिव तथा मध्यप्रदेश प्रभारी शिव भाटिया ने कहा कि हालांकि चुनाव आयोग के अंतिम आंकड़े अभी आने बाकी हैं. हमारा अनुमान है कि राज्य में 76 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ. यह 2018 के चुनाव में हुए 75 प्रतिशत मतदान से अधिक है.

उन्होंने कहा कि अधिक मतदान प्रतिशत दर्शाता है कि कांग्रेस के पक्ष में सुनामी है. कांग्रेस नेता ने कहा कि यह भाजपा के खिलाफ एक वोट है. बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर लोग शिवराज सिंह चौहान सरकार से नाराज थे. हमने इन मुद्दों पर कार्रवाई का वादा किया था और मतदाताओं ने जवाब दिया है. वहीं एआईसीसी के मध्य प्रदेश प्रभारी सचिव सीपी मित्तल के मुताबिक दो मुद्दे कांग्रेस के पक्ष में गए. भाजपा द्वारा 2020 में भ्रष्ट तरीकों से उनकी सरकार गिराने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य टीम को एकजुट रखा और उस स्तर पर रखा जहां कांग्रेस को भाजपा के बराबर के रूप में देखा जाता था. इससे पार्टी को पिछले तीन वर्षों से लड़ाई में बने रहने का मौका मिला.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों ने एक टीम के रूप में काम किया और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद एक-दूसरे से नहीं लड़े, यह भी मतदाताओं को पसंद आया. भाटिया और मित्तल दोनों ने कहा कि इस बार अधिक महिला मतदाताओं ने पंजीकरण कराया. कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि कांग्रेस द्वारा गारंटीकृत 1,500 रुपये प्रति माह महिला भत्ते ने महिला मतदाताओं को आकर्षित किया. मित्तल ने कहा कि चूंकि पंजीकृत महिला मतदाताओं की संख्या अधिक थी, इसलिए इस बार उनका मतदान भी अधिक हुआ, जो एक अच्छा संकेत है.

एआईसीसी के दोनों पदाधिकारियों ने दावा किया कि कांग्रेस अगली सरकार बनाने की राह पर है. लेकिन इस पर टिप्पणी करने से परहेज किया कि पार्टी कितनी सीटें जीत सकती है. मित्तल ने कहा कि मैं संख्याओं में नहीं जाना चाहूंगा. हमें 2018 की तुलना में अधिक सीटें मिलेंगी और हम सरकार बनाएंगे. 2018 में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं. 17 नवंबर को मतदान के दिन से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने मध्य प्रदेश में पार्टी के अभियान का नेतृत्व किया था. इन नेताओं ने मतदाताओं से बाहर निकलने और अपना मतदान करने की अपील की थी.

कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार की विफलताओं को इंगित करते हुए मतदाताओं से वोट डालने से पहले राज्य और अपने वार्डों के भविष्य पर विचार करने का आग्रह किया था. कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी के अनुसार, मध्य प्रदेश में अधिक मतदान से पता चलता है कि कांग्रेस सत्ता में वापस आ रही है और चुनाव से ठीक पहले मुफ्त वितरण से मामाजी को कुछ नहीं मिलेगा (जैसा कि सीएम चौहान लोकप्रिय हैं) जिन्होंने राज्य की जनता को 'मामू' (मूर्ख) बनाने की कोशिश की. शनिवार को पार्टीजनों से शुभकामनाएं प्राप्त करने वाले कमलनाथ ने भी मतदाताओं को बड़ी संख्या में बाहर आने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह मध्य प्रदेश में एक नई जन-समर्थक सरकार का मार्ग प्रशस्त करेगा.

ये भी पढ़ें - MP इलेक्शन राउंड अप... MP में हुआ 76.01 फीसदी मतदान, जानिए कहां हुई बंपर वोटिंग, कहां हुई हिंसा

नई दिल्ली : कांग्रेस के शीर्ष नेता मध्य प्रदेश में 2018 के 75 प्रतिशत की तुलना में 76 प्रतिशत अधिक मतदान प्रतिशत से उत्साहित हैं और इसे भाजपा विरोधी वोट के रूप में व्याख्या कर रहे हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 17 नवंबर को मतदान हुआ है और इसके नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. इस बारे में एआईसीसी सचिव तथा मध्यप्रदेश प्रभारी शिव भाटिया ने कहा कि हालांकि चुनाव आयोग के अंतिम आंकड़े अभी आने बाकी हैं. हमारा अनुमान है कि राज्य में 76 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ. यह 2018 के चुनाव में हुए 75 प्रतिशत मतदान से अधिक है.

उन्होंने कहा कि अधिक मतदान प्रतिशत दर्शाता है कि कांग्रेस के पक्ष में सुनामी है. कांग्रेस नेता ने कहा कि यह भाजपा के खिलाफ एक वोट है. बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर लोग शिवराज सिंह चौहान सरकार से नाराज थे. हमने इन मुद्दों पर कार्रवाई का वादा किया था और मतदाताओं ने जवाब दिया है. वहीं एआईसीसी के मध्य प्रदेश प्रभारी सचिव सीपी मित्तल के मुताबिक दो मुद्दे कांग्रेस के पक्ष में गए. भाजपा द्वारा 2020 में भ्रष्ट तरीकों से उनकी सरकार गिराने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य टीम को एकजुट रखा और उस स्तर पर रखा जहां कांग्रेस को भाजपा के बराबर के रूप में देखा जाता था. इससे पार्टी को पिछले तीन वर्षों से लड़ाई में बने रहने का मौका मिला.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों ने एक टीम के रूप में काम किया और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद एक-दूसरे से नहीं लड़े, यह भी मतदाताओं को पसंद आया. भाटिया और मित्तल दोनों ने कहा कि इस बार अधिक महिला मतदाताओं ने पंजीकरण कराया. कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि कांग्रेस द्वारा गारंटीकृत 1,500 रुपये प्रति माह महिला भत्ते ने महिला मतदाताओं को आकर्षित किया. मित्तल ने कहा कि चूंकि पंजीकृत महिला मतदाताओं की संख्या अधिक थी, इसलिए इस बार उनका मतदान भी अधिक हुआ, जो एक अच्छा संकेत है.

एआईसीसी के दोनों पदाधिकारियों ने दावा किया कि कांग्रेस अगली सरकार बनाने की राह पर है. लेकिन इस पर टिप्पणी करने से परहेज किया कि पार्टी कितनी सीटें जीत सकती है. मित्तल ने कहा कि मैं संख्याओं में नहीं जाना चाहूंगा. हमें 2018 की तुलना में अधिक सीटें मिलेंगी और हम सरकार बनाएंगे. 2018 में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं. 17 नवंबर को मतदान के दिन से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने मध्य प्रदेश में पार्टी के अभियान का नेतृत्व किया था. इन नेताओं ने मतदाताओं से बाहर निकलने और अपना मतदान करने की अपील की थी.

कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार की विफलताओं को इंगित करते हुए मतदाताओं से वोट डालने से पहले राज्य और अपने वार्डों के भविष्य पर विचार करने का आग्रह किया था. कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी के अनुसार, मध्य प्रदेश में अधिक मतदान से पता चलता है कि कांग्रेस सत्ता में वापस आ रही है और चुनाव से ठीक पहले मुफ्त वितरण से मामाजी को कुछ नहीं मिलेगा (जैसा कि सीएम चौहान लोकप्रिय हैं) जिन्होंने राज्य की जनता को 'मामू' (मूर्ख) बनाने की कोशिश की. शनिवार को पार्टीजनों से शुभकामनाएं प्राप्त करने वाले कमलनाथ ने भी मतदाताओं को बड़ी संख्या में बाहर आने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह मध्य प्रदेश में एक नई जन-समर्थक सरकार का मार्ग प्रशस्त करेगा.

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