गुवाहाटी: असम में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी समेत क्षेत्रीय दल इस चुनाव में अपनी ताल ठोंक रहे हैं. शनिवार को जहां पीएम मोदी ने रैली को संबोधित किया तो वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपनी पार्टी के लिए जनसभा की.
राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के जोश को देखते हुए कांग्रेस भी वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रही है. इसी क्रम में शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुवाहाटी में अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया. इस मौके पर उन्होंने परिवर्तन की बात कही. घोषणा पत्र जारी करते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस अगर सत्ता में आती है तो वह असम के हर जिले में गौशाला की स्थापना करेगी. इससे पहले पूर्वोत्तर राज्यों में किसी भी राजनीतिक दल ने ऐसी घोषणा नहीं की थी.
असम के हर जिले में गौशाला स्थापित करने के बारे में राहुल ने कहा कि राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सभी लोगों से मिलकर जानना चाहा कि जनता आने वाली सरकार से क्या चाहती है. सभी लोगों की राय जानने के बाद ही कांग्रेस के घोषणा पत्र में गौशाला को खोलने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि यहां की जनता अपनी गायों को बहुत चाहती है, जो दूध देने में असमर्थ हैं उनकी भी देखभाल की जाती है.
प्रत्येक जिले में 'गौ शाला' स्थापित करने की पार्टी की योजना के बारे में बताते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी के नेताओं ने असम की लंबाई और चौड़ाई का पता लगाया और इसके घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने से पहले लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि पार्टी ने प्रत्येक जिले में 'गौ शाला' रखने का फैसला किया है क्योंकि लोग अपनी गायों को चाहते थे, जो दूध देने में असमर्थ हैं, उनकी देखभाल की जाती है.
असम में कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी करते हुए राहुल ने कहा कि हाल ही में गाय को गऊ माता कहने का प्रचलन हुआ है. राज्य में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने अब गाय के जरिए लोगों को लुभाने की कोशिश की है. पार्टी ने ऐसा ही एक प्रयोग मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान किया था. पार्टी ने राज्य में गौ शालाएं स्थापित करने का आश्वासन किया था. इसके साथ-साथ कांग्रेस ने गौ मूत्र का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने का भी वादा किया था.
कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पिछले साल सीएम योगी आदित्यनाथ को राज्य की गौशालाओं में गायों की दुर्दशा के बारे में लिखा था और प्रदेश में गायों को बचाने के लिए मार्च भी निकाला था. पार्टी ने पैदल मार्च को 'गाय बचाओ, किसान बचाओ यात्रा' का नाम दिया और कहा कि गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की अभिन्न अंग हैं.
राज्य के राजनीतिक विश्लेषक और सीनियर जर्नलिस्ट हैदर हुसैन ने इस मामले पर कहा कि गाय भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग रही हैं और भाजपा ने शुरुआत से ही गाय को चुनावी अभियान का हिस्सा बनाया था. इसलिए शायद कांग्रेस ने भी गाय के रास्ते से इसका मुकाबला करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि असम में कांग्रेस इस बार अखिल भारतीय यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है, जिसे आमतौर पर 'मुस्लिम पार्टी' के रूप में जानी जाती है.
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हालांकि, कांग्रेस के लोकसभा सांसद और पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल खलीक ने इसे अलग तरह से रखा. भाजपा और कांग्रेस के दृष्टिकोण में अंतर है. उन्होंने कहा कि आज हमने जो घोषणा पत्र जारी किया है, वह असम के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है. गौ शालाओं के बारे में घोषणाएं शामिल हैं क्योंकि गायों का संबंध असम के लोगों की आजीविका से है. हालांकि, असम में मतदाताओं को प्रभावित करने में सबसे पुरानी पार्टी कितनी सफल रही, यह देखने लायक होगा.