नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अदालत ने केवल इस पर अपना फैसला सुनाया कि आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 26(2) को घोषणा से पहले सही तरीके से लागू किया गया था या नहीं. यह कहना कि नोटबंदी का फैसला सही था, पूरी तरह से भ्रामक और गलत है. पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा, न कुछ अधिक, न कुछ कम. एक न्यायाधीश ने अपने असहमतिपूर्ण मत में कहा है कि संसद की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के प्रभाव पर कुछ भी नहीं कहा गया है, जो एक विनाशकारी निर्णय था.
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सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नोटबंदी का फ़ैसला केवल प्रक्रिया तक सीमित है, और नोटबंदी के परिणामों से इसका कोई संबंध नहीं है।
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इस मामले पर मेरा वक्तव्य: pic.twitter.com/7NohQA3xat
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उन्होंने कहा, नोटबंदी ने विकास की गति को नुकसान पहुंचाया, एमएसएमई को पंगु बना दिया, अनौपचारिक क्षेत्र को समाप्त कर दिया और लाखों लोगों की आजीविका नष्ट कर दी. फैसले में यह कहने के लिए कुछ नहीं है कि नोटबंदी के घोषित उद्देश्य पूरे हुए या नहीं. इनमें से कोई भी लक्ष्य, चलन में मुद्रा को कम करना, कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना, जाली मुद्रा पर अंकुश लगाना, आतंकवाद को समाप्त करना और काले धन का पता लगाना आदि को उद्देश्यों को हासिल नहीं किया जा सका.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि फैसले का असहमति वाला हिस्सा अनियमितताओं की ओर इशारा करता है. चिदंबरम ने एक बयान में कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने फैसले को सही ठहराया है, हम इसे स्वीकार करने के लिए बाध्य हैं. लेकिन यह इंगित करना आवश्यक है कि बहुमत ने निर्णय के ज्ञान को बरकरार नहीं रखा है और न ही बहुमत ने निष्कर्ष निकाला कि नोटबंदी के घोषित उद्देश्य हासिल किए गए थे. उन्होंने कहा, हमें खुशी है कि अल्पमत के फैसले ने नोटबंदी में अवैधता और अनियमितता की ओर इशारा किया है. यह सरकार पर एक तमाचा है. उन्होंने कहा कि असहमति का फैसला सर्वोच्च न्यायालय के इतिहास में दर्ज प्रसिद्ध असहमति में शुमार होगा.
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