भोपाल : मध्य प्रदेश में MBBS स्टूडेंट को RSS के संस्थापक हेडगेवार (Dr. Hedgewar) और भाजपा के दीनदयाल उपाध्याय (Deendayal Upadhyaya) के विचारों को पढ़ाये जाने पर विवाद शुरू हो गया है. पूर्व सीएम कमलनाथ (Former CM Kamal Nath) ने इस मसले पर आपत्ति जताई, वहीं राज्य सरकार भी मैदान में उतर आई है. सांसद वीडी शर्मा (VD Sharma) का कहना है कि भाजपा (BJP) में जो आइडियल हैं, उन्हें पढ़ने की जरूरत है, क्योंकि इनका योगदान देश की आजादी में अहम है.
भाजपा शिक्षा का भगवाकरण करने में लगी है
पूर्व सीएम कमलनाथ (Former CM Kamal Nath) ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए कहा, भाजपा (BJP) के लोगों का आजादी के संघर्ष से लेकर देश के स्वर्णिम इतिहास में कोई योगदान नहीं है, लेकिन भाजपा (BJP) जानबूझकर इतिहास को तोड़ने मरोड़ने का काम कर अपने लोगों को महिमामंडित करना चाहती है. कांग्रेस (Congress) ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आरएसएस (RSS) की विचारधारा बीजेपी (BJP) उन स्टूडेंट (Students) पर थोपना चाहती है. जिनका इससे कोई संबंध ही नहीं है, भाजपा शिक्षा का भगवाकरण करने में लगी है.
-
भाजपा शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर अपनी विचारधारा को थोपने का प्रयास वर्षों से कर रही है और यह भी उसी एजेंडा का हिस्सा है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 5, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
देश में कई ऐसे महापुरुष हुए हैं ,जिनका आजादी की लड़ाई से लेकर देश के विकास , देश हित में महत्वपूर्ण योगदान है।
">भाजपा शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर अपनी विचारधारा को थोपने का प्रयास वर्षों से कर रही है और यह भी उसी एजेंडा का हिस्सा है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 5, 2021
देश में कई ऐसे महापुरुष हुए हैं ,जिनका आजादी की लड़ाई से लेकर देश के विकास , देश हित में महत्वपूर्ण योगदान है।भाजपा शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर अपनी विचारधारा को थोपने का प्रयास वर्षों से कर रही है और यह भी उसी एजेंडा का हिस्सा है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 5, 2021
देश में कई ऐसे महापुरुष हुए हैं ,जिनका आजादी की लड़ाई से लेकर देश के विकास , देश हित में महत्वपूर्ण योगदान है।
'भाजपा की आइडियोलॉजी को पढ़ाने में क्या हर्ज'
एक तरफ जहां चिकित्सा शिक्षा मंत्री (Medical Education Minister Vishwas Sarang) ने संघ की विचारधारा को पाठ्यक्रम में शामिल करने को सामान्य बताया, तो वहीं संगठन का कहना है कि भाजपा (BJP) की आइडियोलॉजी (Ideology) को पढ़ाने में क्या हर्ज है. जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो उनके आइडियल में असली गांधीजी शामिल हैं.
डॉक्टर हेडगेवार देश को समर्पित थे- सारंग
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) ने आगे कहा कि डॉक्टर्स में वेल्यूस होनी चाहिए, डॉक्टर हेडगेवार (Dr. Hedgewar) देश को समर्पित थे. आजादी में अहम योगदान दिया. इसमें चरक, स्वामी विवेकानंद, दीनदयाल उपाध्याय, बीआर आंबेडकर के विचारों को पढ़ाया जाएगा. सारंग ने कहा, जब भी महापुरुषों को महिमामंडित करने और आगे बढ़ाने की बात होती है, तो कांग्रेस (Congress) को तकलीफ होती है. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि इसमें पशु चिकित्सक डॉ. मोहन भागवत और विचारक स्व. कैलाश सारंग को भी सम्मिलित कर लीजिए, ताकि इंसानों का इलाज बेहतर तरीके से हो सके.
मंत्री अरविंद भदौरिया क्या बोले
वहीं मामले में मंत्री अरविंद भदौरिया (Minister Arvind Bhadoriya) भी कूद पड़े, उन्होंने कहा वैसे तो उन्हें इस सम्बंध में जानकारी नहीं है. उनका मानना है कि देश के निर्माण में जिन लोगों की भूमिका रही उनके बारे में इतिहास लिखा गया है. लिखने वालों ने भारत के इतिहास में जहां अकबर (Akbar) के बारे में 200 पाठ पढ़ाए गए. वहीं महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) के बारे में बहुत कम लिखा है, इसलिए इतिहास (Indian History) का पुनर्लेखन (Rewriting of Indian History) होना चाहिए. देश की गौरव गाथा के लेखन पर पुनर्विचार होना ही चाहिए.
पढ़ें : मध्य प्रदेश : MBBS के छात्र पढ़ेंगे RSS का 'पाठ', नोटशीट लीक होने पर बढ़ा विवाद
कहां से शुरू हुआ मामला
मामला विवाद में तब आ गया जब इससे संबंधित नोटशीट लीक हो गई. मंत्री विश्वास सारंग (Minister Vishwas Sarang) की इस नोटशीट में कहा गया है कि मेडिकल छात्रों (Medical students) के फाउंडेशन कोर्स में इसे इसी सत्र से बतौर लेक्चर जोड़ा जा रहा है. इसमें छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए देश के विचारकों के सिद्धांत और वैल्यू बेस्ड मेडिकल एजुकेशन (Medical Education) को शामिल किया जाएगा. इसके लिए जिन विचारकों को चुना गया है उनमें महर्षि चरक, सर्जरी के पितामह आचार्य सुश्रुत के साथ, स्वामी विवेकानंद, आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार, जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. भीमराव आंबेडकर शामिल हैं.