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Congress Plenary Meet : कांग्रेस वर्किंग कमेटी में किसकी चलेगी, क्या खड़गे लेंगे सारे निर्णय ?

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Published : Feb 19, 2023, 12:57 PM IST

कांग्रेस के पूर्ण अधिवेशन की बैठक 24 फरवरी से शुरू होगी. इस बैठक में यह तय होना है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों का चयन चुनाव के आधार पर हो या फिर मनोनित कर प्रक्रिया पूरी की जाएगी. पार्टी इस बात पर भी विचार करेगी कि आने वाले चुनावों में उसकी रणनीति किस तरह से आगे बढ़नी चाहिए.

sonia, rahul kharge (congress leaders)
सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस नेता)

नई दिल्ली : नया रायपुर के पास 24 से 26 फरवरी तक होने वाले कांग्रेस के 85वें पूर्ण अधिवेशन में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव की पुष्टि होगी, लेकिन दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी होंगी कि नई कांग्रेस वर्किं ग कमेटी कैसी बनेगी? कांग्रेस के नेता सोच रहे हैं कि क्या नए अध्यक्ष कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव करवाएंगे और मजबूत जमीनी नेताओं के चुनाव लड़ने का मार्ग प्रशस्त करेंगे या क्या वह अपने पूर्ववर्ती सोनिया गांधी की अध्यक्षता के दौरान प्रचलित नामांकन प्रणाली के साथ जारी रहेंगे.

कांग्रेस के लगभग आधे सीडब्ल्यूसी सदस्य निर्वाचित और आधे कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा मनोनीत हैं. हालांकि, आंतरिक चुनावों की मांग हो रही है. यह उस मांग के चार्टर का भी हिस्सा था, जो 23 कांग्रेस नेताओं ने पार्टी में सुधार के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. रायपुर में पार्टी में चुनाव कराने के अलावा पार्टी के संविधान में संशोधन करने की संभावना है, लेकिन अगर एआईसीसी के अधिकांश सदस्य खड़गे को नए सीडब्ल्यूसी के गठन के लिए अधिकृत करते हैं तो उनके चुनाव नहीं होंगे.

सीडब्ल्यूसी चुनावों के अलावा, एआईसीसी सदस्यों को छह समूहों में विभाजित किया जाएगा और प्रत्येक समूह महत्वपूर्ण मुद्दों के अलावा राजनीति, चुनाव और आगे की राह सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा, बहस और एक प्रस्ताव के साथ सामने आएगा. हालांकि, पार्टी महासचिव संगठन सीडब्ल्यूसी चुनावों पर अप्रतिबंधित रहे हैं. लेकिन जब उन्होंने 2 जनवरी को पूर्ण सत्र की तारीखों की घोषणा की, तो उन्होंने कहा, पूर्ण सत्र के दौरान सीडब्ल्यूसी के चुनाव भी होंगे.

यदि चुनाव होता है तो कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सीडब्ल्यूसी में शामिल होने के लिए आगे आने को तैयार हैं, लेकिन शशि थरूर, जिन्हें नए सीडब्ल्यूसी में शामिल किए जाने की संभावना है, ने दोहराया है कि वह कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का चुनाव नहीं लड़ेंगे. थरूर ने कहा, मैं पहले ही कह चुका हूं कि मुझे फिर से चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है और इसलिए अगर सीडब्ल्यूसी का चुनाव होता है तो मैं यह चुनाव नहीं लड़ूंगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें मनोनीत किए जाने की उम्मीद है, उन्होंने कहा, मैं कुछ भी उम्मीद नहीं कर रहा हूं, और आगे पूछे जाने पर कि क्या सीडब्ल्यूसी के चुनाव की जरूरत है, उन्होंने जवाब दिया, इस मुद्दे पर हमेशा दो राय रही है और इस पर संविधान भी स्पष्ट है. कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) में पार्टी अध्यक्ष समेत 25 सदस्य हैं. 12 पार्टी प्रमुख द्वारा नामित किए जाते हैं और शेष 12 एआईसीसी सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं.

ये भी पढ़ें : Congress Plenary Session : पूर्ण अधिवेशन में पार्टी की ताकत दिखाने को तैयार कांग्रेस

अक्टूबर में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीडब्ल्यूसी के स्थान पर 47 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया था, जिसमें उनके पूर्ववर्ती सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल थे. हालांकि, पार्टी भारत जोड़ो यात्रा के पूरा होने पर राहुल गांधी का भव्य स्वागत करने की योजना बना रही है और यात्रा में भाग लेने वालों को एआईसीसी में नामांकित किया जा सकता है. कांग्रेस इस साल बड़े राज्यों में बड़े चुनाव लड़ेगी, जहां उसका सीधा मुकाबला बीजेपी से है. कर्नाटक से शुरू होकर, जिसमें दो दर्जन से अधिक लोकसभा सदस्य हैं, उसके बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़, चुनाव कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के लिए भी एक परीक्षा है. दो चुनावी राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : नया रायपुर के पास 24 से 26 फरवरी तक होने वाले कांग्रेस के 85वें पूर्ण अधिवेशन में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव की पुष्टि होगी, लेकिन दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी होंगी कि नई कांग्रेस वर्किं ग कमेटी कैसी बनेगी? कांग्रेस के नेता सोच रहे हैं कि क्या नए अध्यक्ष कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव करवाएंगे और मजबूत जमीनी नेताओं के चुनाव लड़ने का मार्ग प्रशस्त करेंगे या क्या वह अपने पूर्ववर्ती सोनिया गांधी की अध्यक्षता के दौरान प्रचलित नामांकन प्रणाली के साथ जारी रहेंगे.

कांग्रेस के लगभग आधे सीडब्ल्यूसी सदस्य निर्वाचित और आधे कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा मनोनीत हैं. हालांकि, आंतरिक चुनावों की मांग हो रही है. यह उस मांग के चार्टर का भी हिस्सा था, जो 23 कांग्रेस नेताओं ने पार्टी में सुधार के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. रायपुर में पार्टी में चुनाव कराने के अलावा पार्टी के संविधान में संशोधन करने की संभावना है, लेकिन अगर एआईसीसी के अधिकांश सदस्य खड़गे को नए सीडब्ल्यूसी के गठन के लिए अधिकृत करते हैं तो उनके चुनाव नहीं होंगे.

सीडब्ल्यूसी चुनावों के अलावा, एआईसीसी सदस्यों को छह समूहों में विभाजित किया जाएगा और प्रत्येक समूह महत्वपूर्ण मुद्दों के अलावा राजनीति, चुनाव और आगे की राह सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा, बहस और एक प्रस्ताव के साथ सामने आएगा. हालांकि, पार्टी महासचिव संगठन सीडब्ल्यूसी चुनावों पर अप्रतिबंधित रहे हैं. लेकिन जब उन्होंने 2 जनवरी को पूर्ण सत्र की तारीखों की घोषणा की, तो उन्होंने कहा, पूर्ण सत्र के दौरान सीडब्ल्यूसी के चुनाव भी होंगे.

यदि चुनाव होता है तो कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सीडब्ल्यूसी में शामिल होने के लिए आगे आने को तैयार हैं, लेकिन शशि थरूर, जिन्हें नए सीडब्ल्यूसी में शामिल किए जाने की संभावना है, ने दोहराया है कि वह कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का चुनाव नहीं लड़ेंगे. थरूर ने कहा, मैं पहले ही कह चुका हूं कि मुझे फिर से चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है और इसलिए अगर सीडब्ल्यूसी का चुनाव होता है तो मैं यह चुनाव नहीं लड़ूंगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें मनोनीत किए जाने की उम्मीद है, उन्होंने कहा, मैं कुछ भी उम्मीद नहीं कर रहा हूं, और आगे पूछे जाने पर कि क्या सीडब्ल्यूसी के चुनाव की जरूरत है, उन्होंने जवाब दिया, इस मुद्दे पर हमेशा दो राय रही है और इस पर संविधान भी स्पष्ट है. कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) में पार्टी अध्यक्ष समेत 25 सदस्य हैं. 12 पार्टी प्रमुख द्वारा नामित किए जाते हैं और शेष 12 एआईसीसी सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं.

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अक्टूबर में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीडब्ल्यूसी के स्थान पर 47 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया था, जिसमें उनके पूर्ववर्ती सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल थे. हालांकि, पार्टी भारत जोड़ो यात्रा के पूरा होने पर राहुल गांधी का भव्य स्वागत करने की योजना बना रही है और यात्रा में भाग लेने वालों को एआईसीसी में नामांकित किया जा सकता है. कांग्रेस इस साल बड़े राज्यों में बड़े चुनाव लड़ेगी, जहां उसका सीधा मुकाबला बीजेपी से है. कर्नाटक से शुरू होकर, जिसमें दो दर्जन से अधिक लोकसभा सदस्य हैं, उसके बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़, चुनाव कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के लिए भी एक परीक्षा है. दो चुनावी राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है.

(आईएएनएस)

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