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कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को High Court से राहत नहीं, कोर्ट ने मुकदमा रद करने से किया इनकार - बलवा व तोड़फोड़ की घटना

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ वर्ष 2000 में वाराणसी में बलवा व तोड़फोड़ का मुकदमा दर्ज किया गया था. इसी मुकदमे को सुरजेवाला ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

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Published : Mar 21, 2023, 8:51 PM IST

प्रयागराज: कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने सुरजेवाला के विरुद्ध वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज बलवा, तोड़फोड़ व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मुकदमे में चल रही कार्यवाही को रद करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने सुरजेवाला को ट्रायल कोर्ट में उन्मोचन अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही अर्जी का निस्तारण होने तक उनके विरुद्ध किसी भी प्रकार की उत्पीड़नत्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है. रणदीप सिंह सुरजेवाला की याचिका पर न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने सुनवाई की.

सुरजेवाला के खिलाफ वर्ष 2000 में वाराणसी के कैंट थाने में बलवा, तोड़फोड़, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी अधिकारियों और पुलिस पर हमला करने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. मुकदमे की कार्रवाई स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए वाराणसी में चल रही है. सुरजेवाला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुकदमा रद करने की मांग की थी.

उनकी ओर से कहा गया था कि इस मामले में जो साक्ष्य संकलित किए गए हैं, उनसे किसी अपराध का होना साबित नहीं होता है. मुकदमा याची को परेशान करने की नियत से दर्ज कराया गया था, जबकि सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि प्राथमिकी व संकलित किए गए साक्ष्य से प्रथमदृष्टया यह नहीं कहा जा सकता कि कोई गंभीर अपराध नहीं किया गया है.

कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर साक्ष्यों का मूल्यांकन न्यायालय द्वारा नहीं किया जा सकता है. याची के पास ट्रायल कोर्ट के समक्ष उन्मोचन अर्जी दाखिल करने का विकल्प मौजूद है. कोर्ट ने कहा है कि यदि याची 2 सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष उन्मोचन अर्जी दाखिल करता है तो ट्रायल कोर्ट उसको सुनकर 6 सप्ताह में निर्णय करे. इस दौरान याची के विरुद्ध किसी प्रकार की भी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न की जाए.

ये भी पढ़ेंः UP में सड़क हो गई चोरी, PWD मंत्री के गृह जनपद में हुआ ये अनोखा मामला

प्रयागराज: कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने सुरजेवाला के विरुद्ध वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज बलवा, तोड़फोड़ व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मुकदमे में चल रही कार्यवाही को रद करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने सुरजेवाला को ट्रायल कोर्ट में उन्मोचन अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही अर्जी का निस्तारण होने तक उनके विरुद्ध किसी भी प्रकार की उत्पीड़नत्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है. रणदीप सिंह सुरजेवाला की याचिका पर न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने सुनवाई की.

सुरजेवाला के खिलाफ वर्ष 2000 में वाराणसी के कैंट थाने में बलवा, तोड़फोड़, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी अधिकारियों और पुलिस पर हमला करने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. मुकदमे की कार्रवाई स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए वाराणसी में चल रही है. सुरजेवाला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुकदमा रद करने की मांग की थी.

उनकी ओर से कहा गया था कि इस मामले में जो साक्ष्य संकलित किए गए हैं, उनसे किसी अपराध का होना साबित नहीं होता है. मुकदमा याची को परेशान करने की नियत से दर्ज कराया गया था, जबकि सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि प्राथमिकी व संकलित किए गए साक्ष्य से प्रथमदृष्टया यह नहीं कहा जा सकता कि कोई गंभीर अपराध नहीं किया गया है.

कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर साक्ष्यों का मूल्यांकन न्यायालय द्वारा नहीं किया जा सकता है. याची के पास ट्रायल कोर्ट के समक्ष उन्मोचन अर्जी दाखिल करने का विकल्प मौजूद है. कोर्ट ने कहा है कि यदि याची 2 सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष उन्मोचन अर्जी दाखिल करता है तो ट्रायल कोर्ट उसको सुनकर 6 सप्ताह में निर्णय करे. इस दौरान याची के विरुद्ध किसी प्रकार की भी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न की जाए.

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