ग्वालियर। एक तरफ जहां देश में चुनावी हवाएं चल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ अयोध्या के राम मंदिर का मुद्दा भी धीरे-धीरे गरमाता जा रहा है. देश की सियासत धीरे-धीरे एक बार फिर से राम मंदिर की ओर बढ़ती हुई नजर आ रही है. राम मंदिर को लेकर आए दिन पक्ष और विपक्ष के बयान सामने आ रहे हैं. फिर चाहे राम मंदिर में न्योता देने को लेकर बयान दिए जा रहे हो या फिर उन बयानों का पलटवार, ऐसा ही एक पलटवार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में सलमान खुर्शीद के बयान पर किया. तो आईए जानते हैं क्या कहा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने...
सलमान खुर्शीद पर बोले सिंधिया: दरअसल, राम मंदिर के शुभारंभ को लेकर सलमान खुर्शीद का एक बड़ा बयान सामने आया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि "राम मंदिर भाजपा का अकेले का मंदिर नहीं है, फिर वहां पर केवल भाजपा के नेताओं को ही क्यों बुलाया जा रहा है." जिस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि "अगर सलमान खुर्शीद बाकी दलों का यह एक्चुअली दिल की बात होती, तो उनके कार्यकाल में राम मंदिर को लेकर उनके मुंह से एक शब्द क्यों नहीं निकला. उनके कार्यकाल में राम मंदिर स्थापना की बात पर कोई कार्य क्यों नहीं हुआ. चित भी मेरी पट भी मेरी यह नहीं चलेगा."
राम मंदिर स्थापित करने का संकल्प मेरी दादी ने लिया: राम मंदिर स्थापित करने का संकल्प मेरी दादी ने उस जमाने में लिया था. जब इस पूर्ण सोच विचारधारा का श्री गणेश किया गया था." सिंधिया ने कहा कि आज यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में संभव हो पाया है. भारतीय जनता पार्टी ने कहा था की 370 हटाएंगे, तो हटा दी. भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि एक विधान एक संविधान, हर व्यक्ति एक समान. तीन तलाक हम हटाएंगे, तीन तलाक हटाया. बीजेपी ने कहा था कि राम मंदिर की स्थापना करेंगे, राम मंदिर की स्थापना हुई. ये सारे ऐतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ही भारत में संभव हो पाए हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है. अगर आज कुछ लोगों को लग रहा है कि वे इसमें शामिल होना चाहते हैं, तो स्वागत है. पर अगर कुछ लोग कहे हमारा क्या हुआ? तो शायद उन्हें पहले अपने गिरेवान में झांकना चाहिए.
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मैंने कांग्रेस में रहकर 370 हटाने की बात कही: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए 370 को पूर्ण रूप से खारिज करने के पक्ष में मैं बोलता रहा था. देश हित सर्वोपरि होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में जो करके दिखाया है, वो किसी करिश्मा से कम नहीं है. चाहे 370 हो, चाहे भारत के दुश्मनों को ठीक जगह दिखाने की बात हो, चाहे भारत के तिरंगे को विश्व पटल पर लहराने की बात हो, चाहे ट्रिपल तलाक पूर्ण रूप समाप्त करने की बात हो, चाहे राम मंदिर स्थापना की बात हो."