नई दिल्लीः 1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान सुल्तानपुरी में छह लोगों की हत्या के मामले में आरोपित कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को बुधवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया. इस मामले में सीबीआई की गवाह चाम कौर ने कहा था कि दंगों में सज्जन कुमार भीड़ को भड़का रहे थे. कांग्रेस नेता 2018 से तिहाड़ जेल में बंद हैं और सिख दंगों के अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.
विशेष सीबीआई जज गीतांजलि गोयल के कोर्ट ने सज्जन कुमार सहित अन्य आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले में आरोप साबित करने में विफल रहा है. दो नवंबर 1984 को सुल्तानपुरी इलाके में सज्जन कुमार और अन्य चार आरोपितों पर भीड़ को उकसाने का आरोप था, जिसके बाद भीड़ ने छह सिखों की हत्या कर दी थी.
मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपितों पर जुलाई 2010 में आरोप तय किए थे. इस मामले के अन्य आरोपित पीरू उर्फ पीरिया सांसी और खुशाल सिंह उर्फ मुन्ना की पहले ही मौत हो चुकी है. जबकि, दो आरोपित वेद प्रकाश और ब्रम्हानंद गुप्ता फैसला सुनाए जाने के समय कोर्ट में मौजूद रहे, जबकि सज्जन कुमार को जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश किया गया.
कोर्ट ने बरी किए गए सभी आरोपितों को सीआरपीसी की धारा 437ए के प्रावधानों के तहत बेल बॉन्ड भी भरने के लिए कहा गया है. 21 सितंबर तक सभी आरोपित बॉन्ड भर सकते हैं. कोर्ट में सीबीआई की तरफ से विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह, तरन्नुम चीमा, शिकायतकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता गुरूबख्श सिंह व दलीप सिंह और आरोपितों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल कुमार शर्मा व एसए हाशमी पेश हुए.
21 सितंबर को जनकपुरी और विकासपुरी मामले में सुनवाईः वहीं, राउज एवेन्यू कोर्ट ने जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या के मामले में भी आरोपित सज्जन कुमार पर आईपीसी की धारा 307, 308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय किए हैं. एसआईटी ने उनके खिलाफ हत्या की धारा 302 भी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने हटा दिया. इस मामले की अगली सुनवाई कल यानी 21 सितंबर को होगी. अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया गया था कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार इस मामले में हिरासत में नहीं हैं और इस मामले में जमानत पर बाहर हैं, लेकिन अन्य मामलों में वे जेल में हैं.
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