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अनुच्छेद 370 पर दिग्विजय की टिप्पणी पर बोली कांग्रेस, प्रस्ताव में अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं - Congress has clearly stated its position

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को शनिवार को यह कहते हुए सुना गया कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर आर्टिकल 370 की बहाली पर विचार किया जाएगा. इस पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है.

पवन खेरा
पवन खेरा
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Published : Jun 12, 2021, 4:04 PM IST

Updated : Jun 12, 2021, 4:36 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने विवादित बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर आर्टिकल 370 की बहाली पर फिर से विचार किया जाएगा. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता ने पार्टी के रुख को स्पष्ट किया और कहा कि कांग्रेस ने अपने प्रस्ताव (दिनांक 6 अगस्त 2019) में जम्मू-कश्मीर पर अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से बताई है.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के अगस्त 2019 के अपने प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर पर अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से बताई है. यह पार्टी का एकमात्र आधिकारिक स्टैंड है और मैं सभी पार्टी नेताओं से इसका उल्लेख करने का आग्रह करता हूं.

बता दें कि लीक हुआ ऑडियो 12 मई का है. दिग्विजय सिंह का यह बयान सोशल मीडिया ऐप क्लबहाउस के एक कथित वीडियो लीक में सामने आया है. वीडियो में पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जब कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया, तब लोकतांत्रिक मूल्यों का ध्यान नहीं रखा गया. सभी को बंद कर दिया गया. यह अत्यंत दुखद था. इसलिए जब हम सत्ता में वापस आते हैं, तो आर्टिकल 370 को वापस लाने के मुद्दे पर फिर से विचार करेंगे.

दिग्विजय सिंह ने इसके उत्तर में कहा कि समाज के लिए जो चीज सबसे ज्यादा खतरनाक है, वो है धार्मिक कट्टरवाद. चाहे वो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई किसी भी धर्म से जुड़ी हुई हो. धार्मिक कट्टरवाद नफरत की तरफ ले जाती है, और नफरत से हिंसा होती है.

बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370, जिसने जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा दिया था, को 5 अगस्त, 2019 को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया था.

पढ़ें :- दिग्विजय ने पाकिस्तानी पत्रकार से कहा, सत्ता में आए तो आर्टिकल 370 करेंगे बहाल

कांग्रेस कार्य समिति द्वारा अपनाए गए प्रस्ताव में कहा गया है, सीडब्ल्यूसी एकतरफा, निर्लज्ज और पूरी तरह से अलोकतांत्रिक तरीके की निंदा करती है जिसमें संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और संविधान के प्रावधानों की गलत व्याख्या करके जम्मू और कश्मीर राज्य को अलग कर दिया गया था.

इस प्रस्ताव में आगे कहा गया, कांग्रेस जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ खड़े होने और भाजपा और उसके विभाजनकारी और शैतानी एजेंडे से लड़ने के लिए हर शक्ति के साथ लड़ने का संकल्प लेती है.

पार्टी के प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि सीडब्ल्यूसी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सुसंगत और बनाई गई स्थिति की दृढ़ता से पुष्टि करता है कि जम्मू-कश्मीर, जिसमें पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र और चीन को सौंपे गए हिस्से शामिल हैं, भारत गणराज्य का अभिन्न अंग है. भारत के साथ जम्मू-कश्मीर का एकीकरण अंतिम और अपरिवर्तनीय है. सीडब्ल्यूसी ने दृढ़ता से कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित सभी मुद्दे भारत के आंतरिक मामले हैं और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने विवादित बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर आर्टिकल 370 की बहाली पर फिर से विचार किया जाएगा. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता ने पार्टी के रुख को स्पष्ट किया और कहा कि कांग्रेस ने अपने प्रस्ताव (दिनांक 6 अगस्त 2019) में जम्मू-कश्मीर पर अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से बताई है.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के अगस्त 2019 के अपने प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर पर अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से बताई है. यह पार्टी का एकमात्र आधिकारिक स्टैंड है और मैं सभी पार्टी नेताओं से इसका उल्लेख करने का आग्रह करता हूं.

बता दें कि लीक हुआ ऑडियो 12 मई का है. दिग्विजय सिंह का यह बयान सोशल मीडिया ऐप क्लबहाउस के एक कथित वीडियो लीक में सामने आया है. वीडियो में पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जब कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया, तब लोकतांत्रिक मूल्यों का ध्यान नहीं रखा गया. सभी को बंद कर दिया गया. यह अत्यंत दुखद था. इसलिए जब हम सत्ता में वापस आते हैं, तो आर्टिकल 370 को वापस लाने के मुद्दे पर फिर से विचार करेंगे.

दिग्विजय सिंह ने इसके उत्तर में कहा कि समाज के लिए जो चीज सबसे ज्यादा खतरनाक है, वो है धार्मिक कट्टरवाद. चाहे वो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई किसी भी धर्म से जुड़ी हुई हो. धार्मिक कट्टरवाद नफरत की तरफ ले जाती है, और नफरत से हिंसा होती है.

बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370, जिसने जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा दिया था, को 5 अगस्त, 2019 को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया था.

पढ़ें :- दिग्विजय ने पाकिस्तानी पत्रकार से कहा, सत्ता में आए तो आर्टिकल 370 करेंगे बहाल

कांग्रेस कार्य समिति द्वारा अपनाए गए प्रस्ताव में कहा गया है, सीडब्ल्यूसी एकतरफा, निर्लज्ज और पूरी तरह से अलोकतांत्रिक तरीके की निंदा करती है जिसमें संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और संविधान के प्रावधानों की गलत व्याख्या करके जम्मू और कश्मीर राज्य को अलग कर दिया गया था.

इस प्रस्ताव में आगे कहा गया, कांग्रेस जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ खड़े होने और भाजपा और उसके विभाजनकारी और शैतानी एजेंडे से लड़ने के लिए हर शक्ति के साथ लड़ने का संकल्प लेती है.

पार्टी के प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि सीडब्ल्यूसी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सुसंगत और बनाई गई स्थिति की दृढ़ता से पुष्टि करता है कि जम्मू-कश्मीर, जिसमें पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र और चीन को सौंपे गए हिस्से शामिल हैं, भारत गणराज्य का अभिन्न अंग है. भारत के साथ जम्मू-कश्मीर का एकीकरण अंतिम और अपरिवर्तनीय है. सीडब्ल्यूसी ने दृढ़ता से कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित सभी मुद्दे भारत के आंतरिक मामले हैं और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

Last Updated : Jun 12, 2021, 4:36 PM IST
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