तिरुवनंतपुरम : केरल कांग्रेस में गुटबाजी की संस्कृति को खत्म करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नये नेतृत्व द्वारा कदम उठाये जाने के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता ओमन चांडी ने रविवार को स्पष्ट किया कि यह प्रथा एक वास्तविकता है, लेकिन पार्टी पहले आती है.
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी में इस तरह की संस्कृति खत्म हो रही है, उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'कांग्रेस को आगे बढ़ना चाहिए. कांग्रेस पहले, गुट उसके बाद आता है.'
चांडी ने अपना रुख ऐसे समय स्पष्ट किया है जब राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने गुटों के नेताओं चांडी और रमेश चेन्नीथला के साथ मतभेदों को दूर करने के लिए नये नेतृत्व के प्रयास के तहत कोट्टायम में उनके आवास पर उनसे मुलाकात की.
चांडी का यह बयान कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल द्वारा कन्नूर में यह कहे जाने के कुछ दिनों बाद आया है कि कांग्रेस 'उनका समूह है.'
चांडी का बयान ऐसे में भी महत्वपूर्ण है कि ऐसे कई नेता जो 'ए' और 'आई' गुटों का हिस्सा थे, उन्हें छोड़कर नये नेतृत्व के पीछे एकजुट हो गए हैं. 'ए' गुट का नेतृत्व चांडी और 'आई' गुट का नेतृत्व चेन्नीथला द्वारा किया जाता है.
सतीशन ने कहा कि कांग्रेस को चांडी जैसे वरिष्ठ नेताओं के समर्थन और मार्गदर्शन की जरूरत है और इसलिए, वह उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए चर्चा करेगी ताकि पार्टी एकसाथ आगे बढ़ सके और मजबूत हो सके.
सतीशन ने यह स्वीकार किया कि पार्टी के भीतर कुछ आंतरिक समस्याएं हैं और कहा कि इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और इन्हें हल करने का एकमात्र तरीका बातचीत है. उन्होंने कहा कि बातचीत जारी रहेगी.
चांडी ने संयुक्त मीडिया संबोधन में यह भी स्वीकार किया कि कांग्रेस में समस्याएं हैं और कहा कि वह सतीशन के इस सुझाव से सहमत हैं कि मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, 'बिना चर्चा के समस्याएं और बढ़ेंगी और अगर बातचीत होती है तो मैं सहयोग करूंगा.' चांडी ने कहा कि बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने का यह कांग्रेस का तरीका है.
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चांडी के आवास पर चर्चा ऐसे समय हुई है जब केपीसीसी के प्रमुख के सुधाकरन और सतीशन के नेतृत्व वाले नये केपीसीसी नेतृत्व पर रमेश चेन्नीथला और चांडी के नेतृत्व वाले समूहों द्वारा उनकी 'घमंडी' कार्यशैली को लेकर तीखा हमला किया गया है.
उन्होंने नये नेतृत्व पर दो वरिष्ठ नेताओं की संगठनात्मक मामलों में, खासकर 14 डीसीसी प्रमुखों के चयन में अनदेखी करने पर नाराजगी व्यक्त की थी.
कांग्रेस नेतृत्व ने हाल ही में कन्नूर में इस बात पर जोर दिया था कि प्रदेश में संगठनात्मक मामलों पर पीसीसी प्रमुख के सुधाकरण का निर्णय अंतिम होगा और पार्टी में अनुशासन लाने की बात कही गई थी.
ये दोनों गुट वरिष्ठ नेता के करुणाकरण और वरिष्ठ नेता ए के एंटनी के समय से ही राज्य इकाई में सक्रिय हैं.
( पीटीआई- भाषा)