नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने फिलिस्तीन और इजराइल के बीच संघर्ष पर भारत सरकार की संतुलित स्थिति का समर्थन किया है. साथ ही कांग्रेस ने सरकार से सुरक्षा परिषद के सदस्य के रूप में अधिक दृढ़ संकल्प के साथ काम करने का भी आग्रह किया.
बता दें कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में भारत ने दोनों पक्षों को विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए 'सार्थक बातचीत' करने के वास्ते कैसे प्रेरित किया.
कांग्रेस ने कहा, पूर्वी यरुशलम को स्वतंत्र फिलिस्तीन की राजधानी के रूप में उचित मान्यता के साथ दो राज्य समाधानों के समर्थन में भारत की ऐतिहासिक स्थिति को वास्तव में रेखांकित किया जाना चाहिए. यह दुखद है कि रमजान की नमाज के दौरान पवित्र अल अक्सा मस्जिद में इजराइल की घुसपैठ ने शांति को भंग कर दिया.
कांग्रेस ने कहा कि हमास द्वारा रॉकेट हमलों को किसी भी उकसावे के बावजूद माफ नहीं किया जा सकता है. साथ ही एक अधिक मजबूत, संगठित सेना द्वारा जवाबी हवाई हमला अस्वीकार्य है, विशेष रूप से जब लोग हताहत होते हैं. वहीं, मीडिया कार्यालयों पर हमला सूचना के मुक्त प्रवाह के पहले सिद्धांतों को कमजोर करता है.
कांग्रेस ने इजराइल में फिलिस्तीन के रॉकेट हमले में केरल की रहने वाली महिला सौम्या संतोष की माैत पर शोक व्यक्त किया.
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कांग्रेस ने आग्रह किया कि फिलिस्तीन और इजराइल को हिंसा खत्म कर शांति वार्ता करनी चाहिए. कांग्रेस ने कहा कि इजराइल और फिलिस्तीन के सार्थक, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं है.
बता दें कि इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा था, कांग्रेस इजराइल और हमास के बीच संघर्ष के तत्काल खात्मे का आग्रह करती है और शांति बहाली के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के तत्काल हस्तक्षेप का आह्वान करती है.
उन्होंने कहा कि मुद्दा नैतिक और मानवीय-दोनों पहलुओं से जुड़ा है. यूएनएससी का सदस्य होने के नाते भारत को इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सक्रियता से काम करना चाहिए.