नई दिल्ली : राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा. इसको लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्य में अपनी बूथ स्तर की टीमों को भाजपा द्वारा कुछ शरारत करने के किसी भी प्रयास का मुकाबला करने के लिए सतर्क कर दिया है. बता दें कि राज्य की 200 की विधानसभा सीटों के नतीजे 3 दिसंबर को आ जाएंगे.
इस संबंध में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी एआईसीसी महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बताया कि हमने बूथ स्तर की टीमों को सतर्क कर दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी कुछ भी कर सकती है, इसलिए हम मतपत्र के प्रयोग की मांग कर रहे हैं ताकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सके. उन्होंने कहा कि जयपुर और दिल्ली में हमारे वॉर रूम मतदान की निगरानी करेंगे. हमने राज्य के सभी नेताओं और संबंधित उम्मीदवारों को भी सतर्क रहने के लिए कहा है.
इसी कड़ी में रंधावा और एआईसीसी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने शुक्रवार को मतदान दिवस की रणनीति की समीक्षा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कठिन अभियान का समापन 25 नवंबर को सुचारू रूप से हो. एआईसीसी नेता के अनुसार राजस्थान अभियान कठिन रहा है और पार्टी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के बीच एकता के अलावा पार्टी के सामाजिक कल्याण एजेंडे से फिर से सत्ता में आने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि मैंने गहलोत और पायलट दोनों से अतीत को भूलकर पार्टी की जीत के लिए मिलकर काम करने के लिए कहा था. उन्होंने जोरदार प्रचार भी किया है. उन्होंने कहा कि गुरुवार को गहलोत ने पायलट द्वारा की गई एक अपील जारी करते हुए मतदाताओं से कांग्रेस के समर्थन मतदान करने का आग्रह किया है. इसके विपरीत भाजपा पूरी तरह से विभाजित दिखी, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री को प्रचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस 2018 के चुनावों में 100 सीटों के साथ जीत के अंतर के करीब थी और कुछ निर्दलीय और छह बसपा विधायकों से अतिरिक्त समर्थन प्राप्त करने में सक्षम थी. उन्होंने कहा कि इस बार हम अपने खुद के आरामदायक बहुमत की उम्मीद कर रहे हैं जो भाजपा को खरीद-फरोख्त में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित नहीं करेगा. रंधावा ने कहा कि हम जीत के प्रति आश्वस्त हैं लेकिन जनादेश हासिल करने के लिए हमें उच्च मतदान प्रतिशत की जरूरत है. राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी ने कहा कि वह पार्टी प्रमुख खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और राज्य के शीर्ष नेताओं के नेतृत्व वाले अभियान से संतुष्ट हैं, लेकिन जिस तरह से पीएम ने राजनीतिक चर्चा को कम किया, उससे नाखुश हैं.
उन्होंने कहा कि मैंने कभी ऐसा पीएम नहीं देखा जो इस तरह की टिप्पणी करता हो. उन्होंने सचिन पायलट के पिता दिवंगत राजेश पायलट के साथ अन्याय की बात कही लेकिन पार्टी ने दोनों को बहुत कुछ दिया है. मुझे नहीं पता कि ऐसी टिप्पणियों से भाजपा को गुर्जर वोट मिलेंगे या नहीं, लेकिन राजनीति में यह उचित नहीं है. इसके बजाय प्रधानमंत्री को बात करनी चाहिए कि क्या वह राजस्थान के रिकॉर्ड में सुधार कर सकते हैं और देश भर के लोगों को मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल प्रदान कर सकते हैं.
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