ETV Bharat / bharat

तीन राज्यों में पूर्व कांग्रेसियों ने सत्ता संभाली: संजय झा - five states assembly elections

संजय झा ने कहा कि ये सब हमारी पार्टी के प्रमुख नेता थे, लेकिन आज ये सभी सफल हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें जाने देने की भयानक गलती की. पार्टी ने उनकी बात नहीं सुनी और आज परिणाम सबके सामने हैं.

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने दिया बयान
कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने दिया बयान
author img

By

Published : May 12, 2021, 6:12 AM IST

Updated : May 12, 2021, 6:32 AM IST

नई दिल्ली: हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों ने साबित कर दिया कि कांग्रेस को एक गंभीर आत्मनिरीक्षण की जरूरत है क्योंकि कांग्रेस ने इन राज्यों में अपने गढ़ को खो दिया है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि पांच विधान सभा चुनावों वाले राज्यों में से 3 में उन लोगों ने सत्ता संभाली जो कभी कांग्रेसी थे.

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने दिया बयान

इस मामले पर ईटीवी भारत ने कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा से बात की. उन्होंने कहा कि अब जब चुनाव समाप्त हो चुके हैं, तो एक बहुत ही अजीब सी स्थिति देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि असम में हिमंत बिस्वा सरमा, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और पुडुचेरी में एन रंगास्वामी सीएम बने हैं, जो पहले कांग्रेस पार्टी में थे.

संजय झा ने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. इसके पीछे का कारण उनका राज्य के पूर्व सीएम तरुण गोगोई से मतभेद थे. बे बीजेपी में शामिल हो गए और आज असम के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. यहां यह बात खत्म नहीं होती. अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर सहित 2 अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में पेमा खांडू और एन बीरेन सिंह की सरकार है, जो पहले कांग्रेसी हुआ करते थे. साथ ही आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया जब पार्टी ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनके पिता की मृत्यु के बाद उन्हें सीएम नियुक्त नहीं किया.

संजय झा ने कहा कि ये सब हमारी पार्टी के प्रमुख नेता थे, लेकिन आज ये सभी सफल हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें जाने देने की भयानक गलती की. पार्टी ने उनकी बात नहीं सुनी और आज परिणाम सबके सामने हैं. यहां तक कि कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने भी इसका अवलोकन किया और ट्वीट किया कि पूर्वोत्तर में अब 3 भाजपा शासित राज्य हैं जहां मुख्यमंत्री पूर्व कांग्रेसी हैं. वह राज्य हैं असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर.

कांग्रेस छोड़ने वालों में से अधिकांश नेताओं ने आरोप लगाया है कि पार्टी उनकी राय का सम्मान नहीं करती. कांग्रेस पार्टी छोड़ने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के तत्कालीन सीएम कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोला. उन्होंने राहुल गांधी से राज्य में परिवर्तन के लिए कहा था, लेकिन उन्हें कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिससे बाद वे भाजपा में शामिल हो गए. परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई.

पढ़ें: अशोक चव्हाण करेंगे अगुवाई चुनावी हार के कारणों का पता लगाएगी कांग्रेस

अब यह उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस को अपने गलतियों का एहसास हो क्योंकि इन विधानसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करने के लिए कांग्रेस पार्टी एक टास्क फोर्स का गठन किया है. कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि हमें अपनी गंभीर असफलताओं पर ध्यान देना होगा. हमें इन हार से सबक लेना होगा.

नई दिल्ली: हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों ने साबित कर दिया कि कांग्रेस को एक गंभीर आत्मनिरीक्षण की जरूरत है क्योंकि कांग्रेस ने इन राज्यों में अपने गढ़ को खो दिया है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि पांच विधान सभा चुनावों वाले राज्यों में से 3 में उन लोगों ने सत्ता संभाली जो कभी कांग्रेसी थे.

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने दिया बयान

इस मामले पर ईटीवी भारत ने कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा से बात की. उन्होंने कहा कि अब जब चुनाव समाप्त हो चुके हैं, तो एक बहुत ही अजीब सी स्थिति देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि असम में हिमंत बिस्वा सरमा, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और पुडुचेरी में एन रंगास्वामी सीएम बने हैं, जो पहले कांग्रेस पार्टी में थे.

संजय झा ने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. इसके पीछे का कारण उनका राज्य के पूर्व सीएम तरुण गोगोई से मतभेद थे. बे बीजेपी में शामिल हो गए और आज असम के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. यहां यह बात खत्म नहीं होती. अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर सहित 2 अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में पेमा खांडू और एन बीरेन सिंह की सरकार है, जो पहले कांग्रेसी हुआ करते थे. साथ ही आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया जब पार्टी ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनके पिता की मृत्यु के बाद उन्हें सीएम नियुक्त नहीं किया.

संजय झा ने कहा कि ये सब हमारी पार्टी के प्रमुख नेता थे, लेकिन आज ये सभी सफल हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें जाने देने की भयानक गलती की. पार्टी ने उनकी बात नहीं सुनी और आज परिणाम सबके सामने हैं. यहां तक कि कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने भी इसका अवलोकन किया और ट्वीट किया कि पूर्वोत्तर में अब 3 भाजपा शासित राज्य हैं जहां मुख्यमंत्री पूर्व कांग्रेसी हैं. वह राज्य हैं असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर.

कांग्रेस छोड़ने वालों में से अधिकांश नेताओं ने आरोप लगाया है कि पार्टी उनकी राय का सम्मान नहीं करती. कांग्रेस पार्टी छोड़ने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के तत्कालीन सीएम कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोला. उन्होंने राहुल गांधी से राज्य में परिवर्तन के लिए कहा था, लेकिन उन्हें कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिससे बाद वे भाजपा में शामिल हो गए. परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई.

पढ़ें: अशोक चव्हाण करेंगे अगुवाई चुनावी हार के कारणों का पता लगाएगी कांग्रेस

अब यह उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस को अपने गलतियों का एहसास हो क्योंकि इन विधानसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करने के लिए कांग्रेस पार्टी एक टास्क फोर्स का गठन किया है. कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि हमें अपनी गंभीर असफलताओं पर ध्यान देना होगा. हमें इन हार से सबक लेना होगा.

Last Updated : May 12, 2021, 6:32 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.