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हिमाचल : ज्वालामुखी मंदिर में नियुक्ति पर स्वामी की आपत्ति, कांगड़ा के उपायुक्त ने दिया ये जवाब

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर में गैर हिन्दू समुदाय के कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले को बढ़ता देख जिलाधीश कांगड़ा ने मंदिर में लगे दोनों मुस्लिम समुदाय के कर्मचारियों को धर्मशाला भेज दिया है. बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया कि प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी में गैर हिन्दू समुदाय से जुड़े लोगों को रखा गया है.

ज्वालामुखी मंदिर मामले में स्वामी
ज्वालामुखी मंदिर मामले में स्वामी
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Published : Mar 22, 2021, 11:17 AM IST

Updated : Mar 22, 2021, 11:32 AM IST

ज्वालामुखी : ज्वालामुखी मंदिर में रखे गए गैर हिन्दू समुदाय के कर्मचारियों के मामले को बढ़ता देख कांगड़ा जिलाधीश ने मंदिर में लगे दोनों मुस्लिम समुदाय के कर्मचारियों को धर्मशाला भेज दिया है.

इस पर बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया कि प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी में गैर हिन्दू समुदाय से जुड़े लोगों को रखा गया है. ज्वालामुखी मंदिर एक शक्ति पीठ है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने अधिकांश मंदिरों को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया है. राजनेता और बाबू, हिंदू मंदिरों को अपनी निजी जागीर के रूप में चलाते हैं. मंदिर प्रशासन सीधे सीएम के अधीन आता है और गैर हिन्दू लोगों को यहां नौकरी पर रखा गया है.

ज्वालामुखी मंदिर मामले पर सुब्रमण्यम स्वामी की ट्वीट
ज्वालामुखी मंदिर मामले पर सुब्रमण्यम स्वामी की ट्वीट

मंदिर से कर्मचारियों को हटाकर धर्मशाला भेजा

कई हिन्दू संगठनों ने इसका विरोध जताया. मामला जब सामने आया, तो कांगड़ा जिलाधीश ने दोनों कर्मचारियों को मंदिर से हटाकर धर्मशाला भेज दिया गया. सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट पर डीसी कांगड़ा ने जवाब देते हुए कहा कि लोगों की भावनाओं को देखते हुए कर्मचारियों का तबादला किया गया है. डीसी कांगड़ा ने कहा कि यह कर्मचारी साल 2016 में पिछली सरकार के समय नियुक्त किए गए थे और वे मंदिर के मातृसदन में ड्यूटी पर थे. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट में लिखा है कि हिमाचल के मंदिर मुख्यमंत्री के अधीन आते हैं.

ज्वालामुखी मंदिर में नियुक्ति पर स्वामी की आपत्ति, कांगड़ा के उपायुक्त ने दिया ये जवाब
ज्वालामुखी मंदिर में नियुक्ति पर स्वामी की आपत्ति, कांगड़ा के उपायुक्त ने दिया ये जवाब

पढ़ें- सेहत के सवाल पर सदन में जोरदार बहस

हिन्दू एंडोमेंट एक्ट 1984 का उल्लंघन

कुछ दिनों पहले विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताते हुए डीसी कांगड़ा को ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में ज्वालामुखी मंदिर में नियुक्त गैर हिंदी कर्मचारियों को मंदिर न्यास से निकालने की बात कही गयी है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि हिन्दू एंडोमेंट एक्ट 1984 के अनुसार हिन्दू मंदिर में कोई भी गैर हिन्दू कार्यकर्ता नहीं रखा जा सकता है.

हिन्दुओं की आस्था को गहरी चोटः विहिप

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का कहना है कि इससे हिन्दुओं की आस्था को गहरी चोट पहुंची है. हिमगिरी हिंदू महासभा का कहना है कि श्री ज्वालामुखी शक्तिपीठ करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है और यहां पर बतौर लंगर सेवादार मुस्लिम कर्मी प्रशासन द्वारा जानबूझकर रखे गए, ताकि हिंदुओं की आस्था को करारी चोट पहुंचे. विहिप ने ज्ञापन देकर पहले भी अपना विरोध जता चुका है. हिन्दू संगठनों का यही मानना है कि गैर हिन्दू मंदिर में नहीं रखे जा सकते. फिलहाल जिलाधीश ने मामले को बढ़ता देख दोनों कर्मचारियों को मंदिर से हटा दिया है.

ये भी पढे़ंः NPS कर्मचारियों को फिर मिला आश्वासन, CM जयराम ने कहा- मांगों पर करेंगे गौर

ज्वालामुखी : ज्वालामुखी मंदिर में रखे गए गैर हिन्दू समुदाय के कर्मचारियों के मामले को बढ़ता देख कांगड़ा जिलाधीश ने मंदिर में लगे दोनों मुस्लिम समुदाय के कर्मचारियों को धर्मशाला भेज दिया है.

इस पर बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया कि प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी में गैर हिन्दू समुदाय से जुड़े लोगों को रखा गया है. ज्वालामुखी मंदिर एक शक्ति पीठ है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने अधिकांश मंदिरों को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया है. राजनेता और बाबू, हिंदू मंदिरों को अपनी निजी जागीर के रूप में चलाते हैं. मंदिर प्रशासन सीधे सीएम के अधीन आता है और गैर हिन्दू लोगों को यहां नौकरी पर रखा गया है.

ज्वालामुखी मंदिर मामले पर सुब्रमण्यम स्वामी की ट्वीट
ज्वालामुखी मंदिर मामले पर सुब्रमण्यम स्वामी की ट्वीट

मंदिर से कर्मचारियों को हटाकर धर्मशाला भेजा

कई हिन्दू संगठनों ने इसका विरोध जताया. मामला जब सामने आया, तो कांगड़ा जिलाधीश ने दोनों कर्मचारियों को मंदिर से हटाकर धर्मशाला भेज दिया गया. सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट पर डीसी कांगड़ा ने जवाब देते हुए कहा कि लोगों की भावनाओं को देखते हुए कर्मचारियों का तबादला किया गया है. डीसी कांगड़ा ने कहा कि यह कर्मचारी साल 2016 में पिछली सरकार के समय नियुक्त किए गए थे और वे मंदिर के मातृसदन में ड्यूटी पर थे. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट में लिखा है कि हिमाचल के मंदिर मुख्यमंत्री के अधीन आते हैं.

ज्वालामुखी मंदिर में नियुक्ति पर स्वामी की आपत्ति, कांगड़ा के उपायुक्त ने दिया ये जवाब
ज्वालामुखी मंदिर में नियुक्ति पर स्वामी की आपत्ति, कांगड़ा के उपायुक्त ने दिया ये जवाब

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हिन्दू एंडोमेंट एक्ट 1984 का उल्लंघन

कुछ दिनों पहले विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताते हुए डीसी कांगड़ा को ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में ज्वालामुखी मंदिर में नियुक्त गैर हिंदी कर्मचारियों को मंदिर न्यास से निकालने की बात कही गयी है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि हिन्दू एंडोमेंट एक्ट 1984 के अनुसार हिन्दू मंदिर में कोई भी गैर हिन्दू कार्यकर्ता नहीं रखा जा सकता है.

हिन्दुओं की आस्था को गहरी चोटः विहिप

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का कहना है कि इससे हिन्दुओं की आस्था को गहरी चोट पहुंची है. हिमगिरी हिंदू महासभा का कहना है कि श्री ज्वालामुखी शक्तिपीठ करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है और यहां पर बतौर लंगर सेवादार मुस्लिम कर्मी प्रशासन द्वारा जानबूझकर रखे गए, ताकि हिंदुओं की आस्था को करारी चोट पहुंचे. विहिप ने ज्ञापन देकर पहले भी अपना विरोध जता चुका है. हिन्दू संगठनों का यही मानना है कि गैर हिन्दू मंदिर में नहीं रखे जा सकते. फिलहाल जिलाधीश ने मामले को बढ़ता देख दोनों कर्मचारियों को मंदिर से हटा दिया है.

ये भी पढे़ंः NPS कर्मचारियों को फिर मिला आश्वासन, CM जयराम ने कहा- मांगों पर करेंगे गौर

Last Updated : Mar 22, 2021, 11:32 AM IST
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