ETV Bharat / bharat

दो IAS की लोकायुक्त से शिकायत करने वाले परिवादी की पत्नी ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी, जानिये क्या मांगी अनुमति - complainant wife wrote a letter

राजधानी के रहने वाले शिकायतकर्ता महेश चंद्र श्रीवास्तव ने पांच अफसरों की शिकायत की थी. इस मामले में दो IAS समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त जांच शुरू हो गई है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : May 20, 2023, 12:43 PM IST

लखनऊ : लोकायुक्त द्वारा यूपी के दो आईएएस समेत पांच अफसरों के खिलाफ जांच शुरू होने के बाद परिवादी (शिकायतकर्ता) की पत्नी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आत्महत्या की अनुमति मांगी है. उनका आरोप है कि आईएएस अफसरों के खिलाफ शिकायत करने से तिलमिलाए अधिकारियों ने उनकी 10 कंपनियों को द्वेषवश ब्लैकलिस्ट करते हुए बचा हुआ भुगतान रोक दिया गया है. इससे कंपनी के निदेशक समेत सभी कर्मचारियों का भरण-पोषण मुश्किल हो गया है.


दूसरी व तीसरी किस्त का भुगतान रोका : लोकायुक्त में अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद व प्रांजल यादव समेत पांच अफसरों की शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता महेश चंद्र श्रीवास्तव की पत्नी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखते हुए कहा है कि 'ब्लैक लिस्ट की गई कंपनियों को वर्ष 2016 से 2019 तक विभिन्न विभागों में टेंडर के माध्यम से कार्य आवंटित किए गए थे. इनमें से कई कंपनियों को दूसरी व तीसरी किस्त का भुगतान रोका गया. विधानसभा की याचिका समिति के सामने मामला उठाए जाने पर भी विभाग की तरफ से गलत तथ्य प्रस्तुत किए गए. दो वर्ष से कोई काम न मिलने और बकाया भुगतान रोक दिए जाने से कंपनी बैंकों के कर्ज के किस्त भी नहीं अदा कर पा रही हूं. पत्र में परिवादी की पत्नी ने बताया है कि वर्ष 2021 में कंपनी में 200 कर्मचारी कार्यरत थे, जो आज बहुत कम संख्या में शेष बचे हैं. कार्यरत कर्मचारियों का भी कई माह का वेतन बकाया है. इससे कंपनी के बंद होने की स्थिति आ गई है. पत्र में पीड़िता ने चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद पर द्वेषवश कार्रवाई किए जाने का गंभीर आरोप लगाया गया है.


ग्राफिक
ग्राफिक




दो आईएएस समेत पांच अधिकारियों की जांच शुरू : बता दें, उत्तर प्रदेश के दो आईएएस समेत पांच अधिकारी लोकायुक्त की जांच के दायरे में आए हैं. इन अधिकारियों पर आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग में तैनाती के दौरान चहेती निजी कंपनियों को कार्य आवंटित किया था. लोकायुक्त संगठन ने आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टतया साक्ष्य पाये हैं, जिसके बाद आरोपी अधिकारियों से शपथ पत्र के साथ जवाब देने का निर्देश दिया गया है. उप लोकायुक्त दिनेश कुमार सिंह ने आरोपी अधिकारियों के विरुद्ध प्रथमदृष्ट्या साक्ष्य पाए जाने पर शिकायतकर्ता महेश चंद्र श्रीवास्तव के परिवाद को अंतिम जांच के लिए स्वीकार किया था. लोकायुक्त के सचिव अनिल कुमार सिंह के मुताबिक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद, तत्कालीन विशेष सचिव प्रांजल यादव, तत्कालीन संयुक्त सचिव प्राणेश चंद्र शुक्ला व तत्कालीन अनुभाग अधिकारी चंदन कुमार रावत के अलावा महानिदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं में तैनात अपर निदेशक विद्युत डीके सिंह के विरुद्ध वर्ष 2021 में परिवाद (संख्या 1560) प्रस्तुत किया गया था.

यह भी पढ़ें : दो IAS समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त जांच शुरू

लखनऊ : लोकायुक्त द्वारा यूपी के दो आईएएस समेत पांच अफसरों के खिलाफ जांच शुरू होने के बाद परिवादी (शिकायतकर्ता) की पत्नी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आत्महत्या की अनुमति मांगी है. उनका आरोप है कि आईएएस अफसरों के खिलाफ शिकायत करने से तिलमिलाए अधिकारियों ने उनकी 10 कंपनियों को द्वेषवश ब्लैकलिस्ट करते हुए बचा हुआ भुगतान रोक दिया गया है. इससे कंपनी के निदेशक समेत सभी कर्मचारियों का भरण-पोषण मुश्किल हो गया है.


दूसरी व तीसरी किस्त का भुगतान रोका : लोकायुक्त में अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद व प्रांजल यादव समेत पांच अफसरों की शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता महेश चंद्र श्रीवास्तव की पत्नी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखते हुए कहा है कि 'ब्लैक लिस्ट की गई कंपनियों को वर्ष 2016 से 2019 तक विभिन्न विभागों में टेंडर के माध्यम से कार्य आवंटित किए गए थे. इनमें से कई कंपनियों को दूसरी व तीसरी किस्त का भुगतान रोका गया. विधानसभा की याचिका समिति के सामने मामला उठाए जाने पर भी विभाग की तरफ से गलत तथ्य प्रस्तुत किए गए. दो वर्ष से कोई काम न मिलने और बकाया भुगतान रोक दिए जाने से कंपनी बैंकों के कर्ज के किस्त भी नहीं अदा कर पा रही हूं. पत्र में परिवादी की पत्नी ने बताया है कि वर्ष 2021 में कंपनी में 200 कर्मचारी कार्यरत थे, जो आज बहुत कम संख्या में शेष बचे हैं. कार्यरत कर्मचारियों का भी कई माह का वेतन बकाया है. इससे कंपनी के बंद होने की स्थिति आ गई है. पत्र में पीड़िता ने चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद पर द्वेषवश कार्रवाई किए जाने का गंभीर आरोप लगाया गया है.


ग्राफिक
ग्राफिक




दो आईएएस समेत पांच अधिकारियों की जांच शुरू : बता दें, उत्तर प्रदेश के दो आईएएस समेत पांच अधिकारी लोकायुक्त की जांच के दायरे में आए हैं. इन अधिकारियों पर आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग में तैनाती के दौरान चहेती निजी कंपनियों को कार्य आवंटित किया था. लोकायुक्त संगठन ने आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टतया साक्ष्य पाये हैं, जिसके बाद आरोपी अधिकारियों से शपथ पत्र के साथ जवाब देने का निर्देश दिया गया है. उप लोकायुक्त दिनेश कुमार सिंह ने आरोपी अधिकारियों के विरुद्ध प्रथमदृष्ट्या साक्ष्य पाए जाने पर शिकायतकर्ता महेश चंद्र श्रीवास्तव के परिवाद को अंतिम जांच के लिए स्वीकार किया था. लोकायुक्त के सचिव अनिल कुमार सिंह के मुताबिक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद, तत्कालीन विशेष सचिव प्रांजल यादव, तत्कालीन संयुक्त सचिव प्राणेश चंद्र शुक्ला व तत्कालीन अनुभाग अधिकारी चंदन कुमार रावत के अलावा महानिदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं में तैनात अपर निदेशक विद्युत डीके सिंह के विरुद्ध वर्ष 2021 में परिवाद (संख्या 1560) प्रस्तुत किया गया था.

यह भी पढ़ें : दो IAS समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त जांच शुरू

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.