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Indian Navys warship Mahendragiri: भारतीय नौसेना के युद्धपोत 'महेंद्रगिरी' का जलावतरण

ओडिशा में पूर्वी घाट में सबसे ऊंची पर्वत चोटी के नाम पर निर्मित यह युद्धपोत 'परियोजना 17-ए' के बेड़े के तहत निर्मित सातवां जहाज है.

Commissioning of Indian Navys warship Mahendragiri
भारतीय नौसेना के युद्धपोत 'महेंद्रगिरी' का जलावतरण
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 1, 2023, 1:54 PM IST

मुंबई: मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित भारतीय नौसेना के युद्धपोत 'महेंद्रगिरी' का शुक्रवार को मुंबई में जलावतरण किया गया. जलावतरण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि थे. उन्होंने कहा कि यह उचित है कि युद्धपोत का जलावतरण मुंबई जैसे शहर में हुआ. ओडिशा में पूर्वी घाट में सबसे ऊंची पर्वत चोटी के नाम पर निर्मित यह युद्धपोत 'परियोजना 17-ए' के बेड़े के तहत निर्मित सातवां जहाज है. यह युद्धपोत उन्नत युद्धक प्रणालियों, अत्याधुनिक हथियारों, सेंसर और प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है.

  • With increased capability, comes enhanced responsibility.
    India has emerged as a net security provider in the Indo-Pacific region. Today, we are an important global player to secure & also ensure a peaceful, rules based maritime regime across the oceans #Mahendragiri @indiannavy pic.twitter.com/f9IcrMYjus

    — Vice President of India (@VPIndia) September 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

धनखड़ ने कहा, 'मुझे यकीन है कि जलावतरण के बाद 'महेंद्रगिरी' भारत की समुद्री शक्ति के दूत के रूप में समुद्र में पूरे गर्व से तिरंगा लहराएगा.' उन्होंने कहा, 'मैं पूरे विश्वास के साथ हमारे सुरक्षा बल को बधाई देता हूं. वे दुनिया की सुरक्षा के लिए व्यापक रूप से खुद को बेहतर बनाना जारी रखेंगे.' उन्होंने कहा, 'सेना, नौसेना और वायुसेना में 10,000 से अधिक महिला कर्मियों की मजबूत उपस्थिति के साथ भारतीय सशस्त्र बल ने लैंगिक समानता की दिशा में भी काफी प्रगति की है.'

'महेंद्रगिरी' के जलावतरण को देश के समुद्री इतिहास में उल्लेखनीय मील का पत्थर बताते हुए उन्होंने कहा, 'यह 'परियोजना 17-ए' के तहत निर्मित नीलगिरि श्रेणी के युद्धपोत बेड़े का सातवां और आखिरी युद्धपोत है.' उन्होंने कहा, 'आत्म निर्भरता' की दिशा में हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता के तहत 'नीलगिरि' श्रेणी के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कंपनियों को दिए गए.' धनखड़ ने कहा कि 'महेंद्रगिरी' का जलावतरण नौसेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में की गई हमारे राष्ट्र की अतुलनीय प्रगति का उपयुक्त उदाहरण है.'

पढ़ें: भारतीय वायुसेना चार से 14 सितंबर तक व्यापक युद्धाभ्यास करेगी

जलावतरण समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे.

पीटीआई-भाषा

मुंबई: मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित भारतीय नौसेना के युद्धपोत 'महेंद्रगिरी' का शुक्रवार को मुंबई में जलावतरण किया गया. जलावतरण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि थे. उन्होंने कहा कि यह उचित है कि युद्धपोत का जलावतरण मुंबई जैसे शहर में हुआ. ओडिशा में पूर्वी घाट में सबसे ऊंची पर्वत चोटी के नाम पर निर्मित यह युद्धपोत 'परियोजना 17-ए' के बेड़े के तहत निर्मित सातवां जहाज है. यह युद्धपोत उन्नत युद्धक प्रणालियों, अत्याधुनिक हथियारों, सेंसर और प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है.

  • With increased capability, comes enhanced responsibility.
    India has emerged as a net security provider in the Indo-Pacific region. Today, we are an important global player to secure & also ensure a peaceful, rules based maritime regime across the oceans #Mahendragiri @indiannavy pic.twitter.com/f9IcrMYjus

    — Vice President of India (@VPIndia) September 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

धनखड़ ने कहा, 'मुझे यकीन है कि जलावतरण के बाद 'महेंद्रगिरी' भारत की समुद्री शक्ति के दूत के रूप में समुद्र में पूरे गर्व से तिरंगा लहराएगा.' उन्होंने कहा, 'मैं पूरे विश्वास के साथ हमारे सुरक्षा बल को बधाई देता हूं. वे दुनिया की सुरक्षा के लिए व्यापक रूप से खुद को बेहतर बनाना जारी रखेंगे.' उन्होंने कहा, 'सेना, नौसेना और वायुसेना में 10,000 से अधिक महिला कर्मियों की मजबूत उपस्थिति के साथ भारतीय सशस्त्र बल ने लैंगिक समानता की दिशा में भी काफी प्रगति की है.'

'महेंद्रगिरी' के जलावतरण को देश के समुद्री इतिहास में उल्लेखनीय मील का पत्थर बताते हुए उन्होंने कहा, 'यह 'परियोजना 17-ए' के तहत निर्मित नीलगिरि श्रेणी के युद्धपोत बेड़े का सातवां और आखिरी युद्धपोत है.' उन्होंने कहा, 'आत्म निर्भरता' की दिशा में हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता के तहत 'नीलगिरि' श्रेणी के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कंपनियों को दिए गए.' धनखड़ ने कहा कि 'महेंद्रगिरी' का जलावतरण नौसेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में की गई हमारे राष्ट्र की अतुलनीय प्रगति का उपयुक्त उदाहरण है.'

पढ़ें: भारतीय वायुसेना चार से 14 सितंबर तक व्यापक युद्धाभ्यास करेगी

जलावतरण समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे.

पीटीआई-भाषा

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