नई दिल्ली: कोयला मंत्रालय ने उत्पादन लक्ष्य बढ़ाने की मुख्य क्षमता पर ध्यान केंद्रित करते हुए नई प्रौद्योगिकियों में कोयला क्षेत्र को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से शुक्रवार को वर्ष 2022-23 के लिए एक कार्य योजना दस्तावेज को अंतिम रूप दिया. कार्य योजना 15 महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे ग्रे हाइड्रोजन, ऊर्जा परिवर्तन, कोयला खदानों का पुनर्गठन, भविष्य निधि संगठन, कोयला निकासी और कोयला मूल्य निर्धारण सुधारों पर ध्यान केंद्रित करती है.
कार्य योजना में कोयले से रसायन, सीआईएल विविधीकरण, मजबूत मीडिया अभियान और सीएसआर गतिविधियों की करीबी निगरानी जैसे कुछ भविष्य के एजेंडे को भी इंगित किया गया. यह दूसरी बार है जब वर्षभर की कार्य सूची के लिए दृष्टिपत्र तैयार किया गया. वहीं वरिष्ठ पदाधिकारियों को नियमित निगरानी और मूल्यांकन के साथ इन क्षेत्रों पर ध्यान देने की जिम्मेदारी दी गई है.
इस बारे में मंत्रालय ने कहा है कि इन क्षेत्रों ने पिछले कुछ वर्षों में किए गए प्रमुख सुधारों को आगे बढ़ाया गया है और कोयला क्षेत्र की मौजूदा और उभरती चुनौतियों को कवर करने और उनका सामना करने के लिए दिशा भी दी और उभरती प्रौद्योगिकियों और कोयला क्षेत्र के विविधीकरण जोर के साथ खुद को अच्छी तरह से संरेखित किया है. साथ ही मंत्रालय द्वारा कोकिंग कोल मिशन 2020-21 में 45 मिलियन टन से बढ़ाकर 2029-30 तक 140 एमटी करने के लिए शुरू किया गया था जिसमें सीआईएल से 105 मीट्रिक टन शामिल है.
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