छिंदवाड़ा। कहते हैं कि सत्ता की चाहत और कुर्सी के लालच के चलते राजनीति में सब जायज माना जाता है. कुछ ऐसा ही अब छिंदवाड़ा में देखने को मिल रहा है. अमरवाड़ा विधानसभा के जिस आदिवासी नेता ने अपने गांव में रावण की प्रतिमा लगवाई और इसी नेता पर हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामायण को जलाने का आरोप भी लगा था. ऐसे रावण के उपासक की प्रतिमा अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगवाने जा रहे हैं. उसकी घोषणा उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान हर्रई की आमसभा में की.
![Manmohan Shah Batti installed Ravan statue](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-11-2023/mp-chh-04-manmohna-stechu-bjp-7204291-hdmp4_07112023202631_0711f_1699368991_941.jpg)
हर्रई में शिवराज सिंह ने की घोषणा: हर्रई में मनमोहन शाह बट्टी की बेटी मोनिका शाह बट्टी के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ''इस इलाके में मनमोहन शाह बट्टी ने बहुत काम किया है. लोगों की मांग है कि मनमोहन शाह बट्टी की एक प्रतिमा लगाई जाए.'' शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ''लोगों की मांग के अनुसार वे मनमोहन शाह बट्टी के प्रतिमा लगवाएंगे क्योंकि कांग्रेस ने तो अब तक सिर्फ नेहरू और गांधी परिवार की ही प्रतिमा लगवाई है.''
![Manmohan Shah Batti installed Ravan statue](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-11-2023/mp-chh-04-manmohna-stechu-bjp-7204291-hdmp4_07112023202631_0711f_1699368991_324.jpg)
गोंगपा से बने थे विधायक, रावण के थे उपासक: मनमोहन शाह बट्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से साल 2003 में अमरवाड़ा से विधायक बने थे. उसके बाद उन्होंने अपने गांव देवरी में रावण की प्रतिमा भी लगवाई थी. साथ ही दशहरा में रावण के जलाने का लगातार विरोध वे करते रहे हैं. इतना ही नहीं उन पर सनातन धर्मियों ने आरोप भी लगाया था कि उन्होंने अपने गांव में हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामायण को जलाया था. इसकी शिकायत अमरवाड़ा थाने में भी की गई थी. 2008 में मनमोहन शाह ने पार्टी से अलग होकर अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी का गठन किया जिसके बाद से वे लगातार आदिवासियों के काफी लोकप्रिय नेता थे.
कोविड के दौरान हुई थी मौत: कोरोना के संक्रमण काल के दौरान मनमोहन शाह बट्टी की भोपाल में मौत हो गई थी. मध्य प्रदेश के चुनाव की घोषणा होने के कुछ दिन पहले ही मनमोहन शाह बट्टी की बेटी मोनिका शाह बट्टी ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की और उसके बाद अमरवाड़ा से बीजेपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बना दिया. इसको लेकर स्थानीय भाजपा नेताओं ने काफी विरोध भी किया था. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी मनमोहन शाह बट्टी के बीजेपी ज्वाइन करने की खबर थी. भारतीय जनता पार्टी उन्हें छिंदवाड़ा से लोकसभा का प्रत्याशी बनाने का विचार कर रही थी लेकिन स्थानीय नेताओं के विरोध के चलते मनमोहन शाह बट्टी को बीजेपी ज्वाइन नहीं कराया गया था.