देहरादून (उत्तराखंड): दुनिया का तीसरा और देश का पहला सबसे लंबा रेस्क्यू अभियान के रूप में जाना जाने वाला उत्तरकाशी का सिलक्यारा टनल बचाव अभियान में 'रैट माइनर्स' का अमूल्य योगदान रहा. 12 नवंबर 2023 को सिलक्यारा टनल हादसा घटने के 17वें दिन यानी 28 नवंबर 2023 को 'रैट माइनर्स' के सहयोग से सुरंग में फंसे 41 लोगों का सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया था. रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राज्य सरकार की तरफ से इन रैट माइनर्स को कई बार सम्मानित किया गया. गुरुवार को सीएम धामी ने एक बार फिर इन 'रैट माइनर्स' टीम के 12 लोगों को सम्मानित किया.
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सिलक्यारा बचाव अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सभी "रैट माइनर्स" को सम्मानित किया। pic.twitter.com/o2BPjqrzOu
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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गुरुवार को सीएम धामी ने मुख्यमंत्री आवास पर सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करने वाले 'रैट माइनर्स' को सम्मानित किया. सीएम धामी ने रैट माइनर्स को शॉल ओढ़ाकर और 50-50 हजार रुपए के चेक देकर उनका सम्मान किया. इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि 'रैट माइनर्स' ने सिलक्यारा सुरंग से 41 श्रमिकों को बचाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस कार्य के लिए वे सराहना के पात्र हैं, क्योंकि उन्होंने एक अमूल्य कार्य किया है.
मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि जिस लगन और परिश्रम से हमारे रैट माइनर्स ने इस रैस्क्यू अभियान को सफल बनाने में अन्य एजेंसियों के साथ योगदान दिया. इसके लिए सभी रैट माइनर्स बधाई और आशीर्वाद के पात्र हैं. मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा रेस्क्यू अभियान में योगदान देने वाले सभी लोगों का भी प्रदेश की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया. बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्र और राज्य की 6 एजेंसियों समेत कई विभाग लगे हुए थे. लेकिन आखिर में दिल्ली से आई 'रैट माइनर्स' की टीम की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन कामयाब हुआ.
डिक्स ने फिर किया याद: वहीं, सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में विदेश से भी मदद ली गई. इसमें सबसे पहले अमेरिकन ऑगर मशीन रही. जबकि ऑस्ट्रेलिया से आए इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स का भी रेस्क्यू ऑपरेशन में महत्वपूर्ण योगदान रहा. अब एक बार फिर डिक्स ने रेस्क्यू ऑपरेशन को याद करते हुए सोशल मीडिया के 'एक्स' प्लेटफॉर्म पर कुछ बातें कही हैं.
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Many people have asked me- Why were you asked to come and help those miners?
— Arnold Dix Prof (@Arnolddix) December 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
I took 59 years to prepare for the Silkyara rescue - and needed every lesson I’d ever learnt, to make my small contribution to its success. My life has been dedicated to trying to do the right thing.… pic.twitter.com/zlfOr4WsAN
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I took 59 years to prepare for the Silkyara rescue - and needed every lesson I’d ever learnt, to make my small contribution to its success. My life has been dedicated to trying to do the right thing.… pic.twitter.com/zlfOr4WsAN
उन्होंने कहा, 'कई लोगों ने मुझसे पूछा- आपको उन खनिकों (श्रमिकों) की मदद करने के लिए क्यों कहा गया? सिलक्यारा बचाव की तैयारी में मेरे 59 साल का अनुभव लगा. इसकी सफलता में अपना छोटा सा योगदान देने के लिए मुझे हर उस सबक की जरूरत थी जो मैंने कभी सीखा था. मेरा जीवन सही काम करने की कोशिश करने के लिए समर्पित रहा है. एक बेहतर दुनिया के लिए काम करना- ठोस कार्यों के साथ- 21वीं सदी के सभ्य इंसानों की पहचान है और, मेरी विनम्र राय में, आगे बढ़ने का रास्ता है. आपकी शुभकामनाओं के लिए सभी को धन्यवाद. मैं वास्तव में विनम्र हूं. ये दुनिया आपकी भी हो सकती है'.
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