नई दिल्ली : मोदी सरकार को अफगानिस्तान मुद्दे पर ममता बनर्जी का समर्थन मिला है. गुरुवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सभी राजनीतिक पार्टियों की बैठक के बाद तृणमूल सांसद सौगतो रॉय और सुखेंदु शेखर राय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान मुद्दे पर ममता बनर्जी सरकार के साथ खड़ी है.
आपको बता दें कि तीन घंटे तक चली 'ऑल पार्टी मीट' में तृणमूल सांसदों ने कुछ अहम मुद्दों पर सरकार से सवाल भी किए. सुखेंदु शेखर राय ने बताया कि सबसे पहला सवाल तो अफगानिस्तान में फंसे भारतीय लोगों को सुरक्षित अपने वतन लाने के बारे में पूछा गया. क्योकि अभी भी बड़ी संख्या में भारतीय लोग अफ़ग़ानिस्तान में फंसे हुए हैं जिसमें 125 लोग पश्चिम बंगाल के लोग हैं.
दूसरा मुद्दा तृणमूल कांग्रेस की तरफ से अफ़ग़ानिस्तान में भारत द्वारा किए गए निवेश का उठाया गया. तालिबान के कब्जे के बाद अफ़ग़ानिस्तान में भारत द्वारा किए गए निवेश और कई साझा कार्यक्रमों का भविष्य अब अंधकार में दिख रहा है.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि भारत अपने बड़े निवेश की भरपाई कैसे करेगा? अन्य पार्टियों के द्वारा उठाए गए सवाल के बारे में सौगतो रॉय ने बताया कि बैठक में यह सवाल भी उठाया कि क्या अफ़ग़ानिस्तान मसले पर भारत अलग थलग पड़ गया है और अन्य देश भारत के हितों को नजरअंदाज कर रहे हैं?
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इस पर सरकार की तरफ से विश्वास दिलाया गया कि भारत कई देशों से लगातार संपर्क में हैं जिसमें अमरीका और रूस जैसे देश भी शामिल हैं. मुख्य से केंद्रीय एशिया के देशों से भारत लगातार संपर्क बनाए हुए है और अफ़ग़ानिस्तान के हालात पर चर्चा भी चल रही है.
अफ़ग़ानिस्तान पर अब तालिबान का शासन हो चुका है ऐसे में भारत की तालिबान नीति क्या होगी इस पर भी बैठक के दौरान सवाल किए गए. सरकार के मंत्री द्वारा जबाब दिया गया कि बहरहाल भारत की नीति 'वेट एंड वाच' की रहेगी और कई अन्य देश भी मौजूदा परिस्थिती में ऐसा ही कर रहे हैं.
ऑल पार्टी मीट में पाकिस्तान और तालिबान के साठगांठ पर भी सवाल उठे और यह भी पूछा गया कि क्या भारत की आंतरिक सुरक्षा को इससे खतरा होने की संभावना है? इस पर सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि इन सभी बातों का ध्यान रखा जा रहा है. बैठक में एक राजनीतिक पार्टी के नेता द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर भी चर्चा के लिये पहल हुई लेकिन सरकार ने स्पष्ट कहा कि वह इस समय इन विषयों पर चर्चा नहीं करेंगे. सुखेंदु शेखर रॉय ने बताया कि 'ऑल पार्टी मीट' में तृणमूल समेत कुल 26 पार्टियों के नेता मौजूद थे.