जयपुर. कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उदयपुर हमलावरों के तार भाजपा नेताओं से जुड़े हैं. आरोपियों का संबंध भाजपा से था, इससे कोई इनकार नहीं किया जा सकता. जिस तरह से एसओजी के काम करते हुए भी अचानक रातों रात केस एनआईए (NIA Investigation in Udaipur Killing) को दे देना, यही बताता है कि किसको बचाने की कोशिश हो रही है.
रातों रात जांच NIA को देना संदेह पैदा करता है : सीएम गहलोत ने कहा कि उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड मामले की जांच एसओजी अच्छे से कर रही थी. आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार भी कर लिया, फिर अचानक रातों रात मामले की जांच एनआईए को दे देना कहीं ना कहीं संदेह पैदा करता है. देश में इतनी घटनाएं हो रही हैं, उदयपुर की घटना में ऐसा क्या था कि उसको एनआईए देखेगा. हालांकि, हमने इसका एतराज नहीं किया, लेकिन जिस तरह से अचानक एनआईए बीच में आई, इससे संदेह होता है कि किस को बचाने की कोशिश हो रही है.
फोटो होना और पार्टी में सक्रिय होना दोनों अलग बात है : गहलोत ने कहा कि उदयपुर के हमलावरों का (CM Gehlot Big Statement) संबंध भाजपा के साथ है, यह जगजाहिर है. किसी भी नेता के साथ फोटो होना कोई गुनाह नहीं है, फोटो कोई भी किसी भी नेता के साथ खिंचवा सकता है, लेकिन आरोपियों ने भाजपा जॉइन कर रखी थी, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है.
जब उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई तो बीजेपी के नेता ही उन्हें थाने से छुड़वाया, जबकि उस वक्त पुलिस का एक्शन सही था. गहलोत ने कहा कि इन हमलावरों के तार (Udaipur Murder Case) बीजेपी से जुड़े हुए थे. बीजेपी नेता जिसने पुलिस से छुड़वाया उसकी और कन्हैयालाल के हत्यारे की लगातार बात हो रही थी. यह बातें साबित करती हैं कि इसके तार बीजेपी से जुड़े हुए थे. सब समझ रहे हैं कि हत्यारों का लिंक बीजेपी से है.
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NIA बीजेपी के लिंक की जांच करे : गहलोत ने कहा कि हम इस मामले में कोई राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन एनआईए को इस हमलावरों के बीजेपी कनेक्शन को लेकर जांच करनी चाहिए. गहलोत ने कहा कि हम कोई बात करें तो ऐसा लगेगा कि हम जानबूझकर तंग कर रहे हैं. हम भी चाहते हैं कि एनआईए यह जो घटना हुई है, उसके बैकग्राउंड में जाए, उसमें क्या लिंक था बीजेपी का, किस हद तक था, उस व्यक्ति ने ऐसा क्यों किया. इन सबके बारे में जनता जानना चाहती है. वहीं, गहलोत ने भरतपुर में साधु के आत्मदाह की कोशिश पर कहा कि सरकार इस पूरे मामले को लेकर गंभीर है. घायल साधु के उपचार में कोई कमी नहीं आने देंगे. उनकी जो मांग है, उस पर जांच करवाई जा रही है.