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दो चुनाव जीतने के बाद अब मास्की विधानसभा क्षेत्र पर येदियुरप्पा के बेटे की नजर - मास्की विधानसभा क्षेत्र पर येदियुरप्पा के बेटे की नजर

सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे और प्रदेश उपाध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने अपना चुनावी अभियान को जारी रखने की बात दोहराई है. वह किसी भी कीमत पर मास्की विधानसभा क्षेत्र पर जीत दर्ज करना चाहते हैं.

maski assembly for bjp
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र ने लिया आशीर्वाद
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Published : Mar 21, 2021, 8:40 AM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र ने भारतीय जनता पार्टी को ऐसे दो निर्वाचन क्षेत्रों में विजय दिलाई है, जहां बीजेपी जीत को तरस रही थी. इसी सिलसिले में मास्की निर्वाचन में भी भारतीय जनता पार्टी अपना विजय अभियान जारी रखना चाहती है.

maski assembly for bjp
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र ने लिया आशीर्वाद

बता दे, बी वाई विजयेंद्र वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी का टिकट पाने में असफल रहने के बाद उन्होंने राज्य में युवा मोर्चा के महासचिव के रूप में काम करना शुरू किया. इसके बाद उनको पिछले साल 31 जुलाई को प्रदेश बीजेपी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. बी वाई विजयेंद्र ने प्रदेश उपाध्यक्ष रहते समय पार्टी को 2 चुनाव भी जिताया. अब वे तीसरे चुनाव में जीत के लिए जुट गए हैं.

विजयेंद्र ने 2019 के उपचुनाव में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए केआर पेटे निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार नारायण गौड़ा को जीत दिलाई. उस दिन से लेकर आज तक भारतीय़ जनता पार्टी केआर पाटे निर्वाचन क्षेत्र में कभी हार का सामना नहीं किया.

शिरा निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव

इसके बाद सिरा निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी का प्रचार अभियान शुरू हुआ. जिसके प्रभारी सीएम येदियुरप्पा के बेटे थे. उन्होंने पार्टी को जीत दिलाने के लिए भरसक प्रयास किए. उन्होंने चुनावी गणित बनाने के लिए विधायक तापेश गौड़ा और प्रेमगोड़ा की टीम टीम का इस्तेमाल किया और राजेश गौड़ा को अपनी सीट पर विजय दिलाई.

अब तीसरी बार मास्की निर्वाचन क्षेत्र के प्रभारी विजयेंद्र राज्य में अपनी हैट्रिक जीत का सपना देख रहे हैं. वहीं, कुछ लोगों ने विजयेंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने पिता की छवि का फायदा उठाते हुए उन्होंने जीत दर्ज की है. मास्की विधानसभा क्षेत्र में अपना विजयी अभियान जारी रखने से पहले विजयेंद्र ने अपने पिता और सीएम बीएस येदियुरप्पा का पैर छूकर आशीर्वाद लिया. बता दें, जैसा कि पार्टी ने मास्की निर्वाचन क्षेत्र से अभी तक किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.

ना हारने वाला विजेता

पार्टी में पहले से ही इस बात की चर्चा हो रही है कि जहां विजयेंद्र चुनाव प्रचार करेंगे, वहां भाजपा जीत हासिल करेगी. यहां तक कि विपक्षी दल भी इसका उदाहरण दे रहे हैं. वह राजनीति में आगे बढ़े हैं और इसी उत्साह के साथ अब वह मास्की में प्रचार के लिए तैयार हैं.

बीजेपी के लिए लकी साबित

यदि बीजेपी का उम्मीदवार मास्की विधानसभा चुनाव में जीतता है तो विजयेंद्र पार्टी के लिए एक करिश्माई व्यक्ति साबित होंगे. वह चुनावों में हैट्रिक के विजेता के रूप में जाने जाएंगे. वहीं, अगर किन्हीं कारणवश पार्टी का उम्मीदवार हार जाता है, तो विजयेंद्र को नैतिक जिम्मेदारी लेनी होगी. चुनाव में भाजपा को मास्की में जीत दिलाना विजयेंद्र की जिम्मेदारी भी है.

असंतोष के बीच जिम्मेदारी

आंतरिक रूप से कई भाजपा नेताओं ने पार्टी में विजयेंद्र की स्थिति पर नाराजगी व्यक्त की है. जब वह वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में टिकट के इच्छुक थे, तो कई लोगों ने इसका विरोध किया. बाद में उन्हें टिकट से वंचित कर दिया गया और युवा मोर्चा के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया. कुछ नेता अप्रत्यक्ष रूप से इस जिम्मेदारी से खुश नहीं थे. यहां तक कि पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इस बात से नाखुश हैं कि जगदीश शेट्टार, ईश्वरप्पा जैसे नेताओं को प्रचार करना चाहिए. इन तमाम आलोचनाओं के बावजूद विजयेंद्र को जीत हासिल करना है.

बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र ने भारतीय जनता पार्टी को ऐसे दो निर्वाचन क्षेत्रों में विजय दिलाई है, जहां बीजेपी जीत को तरस रही थी. इसी सिलसिले में मास्की निर्वाचन में भी भारतीय जनता पार्टी अपना विजय अभियान जारी रखना चाहती है.

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र ने लिया आशीर्वाद

बता दे, बी वाई विजयेंद्र वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी का टिकट पाने में असफल रहने के बाद उन्होंने राज्य में युवा मोर्चा के महासचिव के रूप में काम करना शुरू किया. इसके बाद उनको पिछले साल 31 जुलाई को प्रदेश बीजेपी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. बी वाई विजयेंद्र ने प्रदेश उपाध्यक्ष रहते समय पार्टी को 2 चुनाव भी जिताया. अब वे तीसरे चुनाव में जीत के लिए जुट गए हैं.

विजयेंद्र ने 2019 के उपचुनाव में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए केआर पेटे निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार नारायण गौड़ा को जीत दिलाई. उस दिन से लेकर आज तक भारतीय़ जनता पार्टी केआर पाटे निर्वाचन क्षेत्र में कभी हार का सामना नहीं किया.

शिरा निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव

इसके बाद सिरा निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी का प्रचार अभियान शुरू हुआ. जिसके प्रभारी सीएम येदियुरप्पा के बेटे थे. उन्होंने पार्टी को जीत दिलाने के लिए भरसक प्रयास किए. उन्होंने चुनावी गणित बनाने के लिए विधायक तापेश गौड़ा और प्रेमगोड़ा की टीम टीम का इस्तेमाल किया और राजेश गौड़ा को अपनी सीट पर विजय दिलाई.

अब तीसरी बार मास्की निर्वाचन क्षेत्र के प्रभारी विजयेंद्र राज्य में अपनी हैट्रिक जीत का सपना देख रहे हैं. वहीं, कुछ लोगों ने विजयेंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने पिता की छवि का फायदा उठाते हुए उन्होंने जीत दर्ज की है. मास्की विधानसभा क्षेत्र में अपना विजयी अभियान जारी रखने से पहले विजयेंद्र ने अपने पिता और सीएम बीएस येदियुरप्पा का पैर छूकर आशीर्वाद लिया. बता दें, जैसा कि पार्टी ने मास्की निर्वाचन क्षेत्र से अभी तक किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.

ना हारने वाला विजेता

पार्टी में पहले से ही इस बात की चर्चा हो रही है कि जहां विजयेंद्र चुनाव प्रचार करेंगे, वहां भाजपा जीत हासिल करेगी. यहां तक कि विपक्षी दल भी इसका उदाहरण दे रहे हैं. वह राजनीति में आगे बढ़े हैं और इसी उत्साह के साथ अब वह मास्की में प्रचार के लिए तैयार हैं.

बीजेपी के लिए लकी साबित

यदि बीजेपी का उम्मीदवार मास्की विधानसभा चुनाव में जीतता है तो विजयेंद्र पार्टी के लिए एक करिश्माई व्यक्ति साबित होंगे. वह चुनावों में हैट्रिक के विजेता के रूप में जाने जाएंगे. वहीं, अगर किन्हीं कारणवश पार्टी का उम्मीदवार हार जाता है, तो विजयेंद्र को नैतिक जिम्मेदारी लेनी होगी. चुनाव में भाजपा को मास्की में जीत दिलाना विजयेंद्र की जिम्मेदारी भी है.

असंतोष के बीच जिम्मेदारी

आंतरिक रूप से कई भाजपा नेताओं ने पार्टी में विजयेंद्र की स्थिति पर नाराजगी व्यक्त की है. जब वह वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में टिकट के इच्छुक थे, तो कई लोगों ने इसका विरोध किया. बाद में उन्हें टिकट से वंचित कर दिया गया और युवा मोर्चा के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया. कुछ नेता अप्रत्यक्ष रूप से इस जिम्मेदारी से खुश नहीं थे. यहां तक कि पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इस बात से नाखुश हैं कि जगदीश शेट्टार, ईश्वरप्पा जैसे नेताओं को प्रचार करना चाहिए. इन तमाम आलोचनाओं के बावजूद विजयेंद्र को जीत हासिल करना है.

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