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राजस्थान CM को जान से मारने की धमकी मामले में बड़ी कार्रवाई, दो कर्मचारियों के बाद जेल अधीक्षक पर भी गिरी गाज

CM Received Death Threat, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल कर सीएम को जान से मारने की धमकी देने का आरोपी पांच साल से जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद है. उसने दूसरे बंदियों से मोबाइल और सिम लेकर धमकीभरा कॉल किया था. इस मामले में जेल के दो कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है. जेल अधीक्षक पर भी गाज गिरी है.

CM received death threat
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 17, 2024, 11:06 PM IST

Updated : Jan 18, 2024, 1:22 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी देने के मामले में जयपुर पुलिस ने जयपुर सेंट्रल जेल से तीन बंदियों को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है. इनमें से एक बंदी ने पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल करके सीएम को जान से मारने की धमकी दी थी. हालांकि, अब पुलिस और जेल महकमा यह जांच करने में जुटा है कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद जेल में मोबाइल और सिम कैसे पहुंचा. जेल प्रशासन ने इस मामले में लापरवाही सामने आने पर एक हेड वार्डन और एक वार्डन को सस्पेंड कर दिया है.

कार्यवाहक जेल अधीक्षक पर भी गिरी गाज : जेल से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी देने के मामले में अब कार्यवाहक जेल अधीक्षक पर भी गाज गिरी है. इस मामले में कार्यवाहक जेल अधीक्षक ओमप्रकाश को गुरुवार को हटा दिया गया है. उनके पास अगस्त 2023 से जेल अधीक्षक का चार्ज था. इस मामले में लालकोठी थाने में तीन बंदियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, जिसमें अनुसंधान किया जा रहा है.

पुलिस के सूत्रों के अनुसार, कंट्रोल रूम पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद पुलिस लोकेशन के आधार पर जयपुर सेंट्रल जेल पहुंची, जहां सामने आया कि मुकेश नाम के बंदी ने कंट्रोल रूम पर धमकी भरा कॉल किया था. वह पॉक्सो के मामले में पांच साल से जेल में बंद है.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान में पर्ची पर गरमाई सियासत, भाजपा ने कहा- हमारे तो पर्ची से कांग्रेस में कान में फुसफुसाकर सुना दिए जाते हैं फैसले

दो अन्य बंदियों से मोबाइल-सिम बरामद : जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के अनुसार, तकनीकी टीम की मदद से पुलिस ने जेल में पहुंच कर पड़ताल की तो बंदी चेतन और राकेश के पास मोबाइल और सिम मिला. पड़ताल में सामने आया है कि इनके पास पहले से सिम और मोबाइल था. मुकेश ने इनसे कॉल करने के लिए मोबाइल और सिम ली और पुलिस कंट्रोल रूम पर धमकीभरा कॉल करने के बाद मोबाइल-सिम लौटा दी. दोनों को यह जानकारी नहीं थी कि मुकेश ने किसे कॉल किया है.

वार्डन और हेड वार्डन पर गिरी गाज : जेल से पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर सीएम भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी देने के मामले में जेल स्टाफ की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. जेल प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए हेड वार्डन अजय सिंह राठौड़ और वार्डन मनीष कुमार को सस्पेंड कर दिया है. हालांकि, यह गुत्थी अभी भी बनी हुई है की कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बावजूद जेल के भीतर मोबाइल और सिम कैसे पहुंचा और कितने समय से बंदी जेल के भीतर मोबाइल का उपयोग कर रहे थे.

गृह राज्य मंत्री ने डीजीपी-डीजी जेल से मांगी रिपोर्ट : कंट्रोल रूम पर कॉल कर सीएम को जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आने के बाद पुलिस के साथ ही सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के भी कान खड़े हो गए हैं. सरकार ने भी इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है. गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने डीजीपी उत्कल रंजन साहू और डीजी जेल से इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है.

जेल में कैसे पहुंचा मोबाइल-सिम, किसने की मदद : इस पूरे प्रकरण को लेकर जयपुर के लालकोठी थाने में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है. कड़े सुरक्षा इंतजाम वाली जयपुर सेंट्रल जेल में मोबाइल और सिम मिलने के बाद यह पड़ताल की जा रही है की आखिर बंदियों तक मोबाइल और सिम पहुंचा कैसे और क्या किसी जेल कर्मी ने इसमें किसी तरह की कोई मदद की. जांच में यह बात साफ होने के बाद जेल स्टाफ के अन्य कर्मचारियों पर भी गाज गिरने की संभावना है.

जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी देने के मामले में जयपुर पुलिस ने जयपुर सेंट्रल जेल से तीन बंदियों को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है. इनमें से एक बंदी ने पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल करके सीएम को जान से मारने की धमकी दी थी. हालांकि, अब पुलिस और जेल महकमा यह जांच करने में जुटा है कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद जेल में मोबाइल और सिम कैसे पहुंचा. जेल प्रशासन ने इस मामले में लापरवाही सामने आने पर एक हेड वार्डन और एक वार्डन को सस्पेंड कर दिया है.

कार्यवाहक जेल अधीक्षक पर भी गिरी गाज : जेल से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी देने के मामले में अब कार्यवाहक जेल अधीक्षक पर भी गाज गिरी है. इस मामले में कार्यवाहक जेल अधीक्षक ओमप्रकाश को गुरुवार को हटा दिया गया है. उनके पास अगस्त 2023 से जेल अधीक्षक का चार्ज था. इस मामले में लालकोठी थाने में तीन बंदियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, जिसमें अनुसंधान किया जा रहा है.

पुलिस के सूत्रों के अनुसार, कंट्रोल रूम पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद पुलिस लोकेशन के आधार पर जयपुर सेंट्रल जेल पहुंची, जहां सामने आया कि मुकेश नाम के बंदी ने कंट्रोल रूम पर धमकी भरा कॉल किया था. वह पॉक्सो के मामले में पांच साल से जेल में बंद है.

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दो अन्य बंदियों से मोबाइल-सिम बरामद : जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के अनुसार, तकनीकी टीम की मदद से पुलिस ने जेल में पहुंच कर पड़ताल की तो बंदी चेतन और राकेश के पास मोबाइल और सिम मिला. पड़ताल में सामने आया है कि इनके पास पहले से सिम और मोबाइल था. मुकेश ने इनसे कॉल करने के लिए मोबाइल और सिम ली और पुलिस कंट्रोल रूम पर धमकीभरा कॉल करने के बाद मोबाइल-सिम लौटा दी. दोनों को यह जानकारी नहीं थी कि मुकेश ने किसे कॉल किया है.

वार्डन और हेड वार्डन पर गिरी गाज : जेल से पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर सीएम भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी देने के मामले में जेल स्टाफ की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. जेल प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए हेड वार्डन अजय सिंह राठौड़ और वार्डन मनीष कुमार को सस्पेंड कर दिया है. हालांकि, यह गुत्थी अभी भी बनी हुई है की कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बावजूद जेल के भीतर मोबाइल और सिम कैसे पहुंचा और कितने समय से बंदी जेल के भीतर मोबाइल का उपयोग कर रहे थे.

गृह राज्य मंत्री ने डीजीपी-डीजी जेल से मांगी रिपोर्ट : कंट्रोल रूम पर कॉल कर सीएम को जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आने के बाद पुलिस के साथ ही सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के भी कान खड़े हो गए हैं. सरकार ने भी इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है. गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने डीजीपी उत्कल रंजन साहू और डीजी जेल से इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है.

जेल में कैसे पहुंचा मोबाइल-सिम, किसने की मदद : इस पूरे प्रकरण को लेकर जयपुर के लालकोठी थाने में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है. कड़े सुरक्षा इंतजाम वाली जयपुर सेंट्रल जेल में मोबाइल और सिम मिलने के बाद यह पड़ताल की जा रही है की आखिर बंदियों तक मोबाइल और सिम पहुंचा कैसे और क्या किसी जेल कर्मी ने इसमें किसी तरह की कोई मदद की. जांच में यह बात साफ होने के बाद जेल स्टाफ के अन्य कर्मचारियों पर भी गाज गिरने की संभावना है.

Last Updated : Jan 18, 2024, 1:22 PM IST
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