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महाराष्ट्र ने मांगा मराठी को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा, राष्ट्रपति को भेजे जा चुके हैं 1,25,000 पोस्टकार्ड

मराठी को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा देने की मांग को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray) ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को करीब 4,000 पोस्टकार्ड का बैग भेजा. इस प्रकार अभी तक राष्ट्रपति को 1,25,000 से अधिक पोस्टकार्ड भेजा जा चुका है.

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मराठी को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा देने भेजे पोस्टकार्ड
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Published : Feb 21, 2022, 5:39 AM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray) ने मराठी को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा देने की मांग को लेकर रविवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को एक कूरियर भेजा, जिसमें करीब 4,000 पोस्टकार्ड थे. यह पोस्टकार्ड का दूसरा लॉट था. पहले 6,000 का एक और लॉट राष्ट्रपति को उसी दलील के साथ भेजा गया था और राज्यभर के लोग - सेलेब्स से लेकर आम तक पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रपति को 1,25,000 से अधिक पोस्टकार्ड भेज चुके हैं.

पिछले साल दिसंबर में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) ने राष्ट्रपति को पहला पोस्टकार्ड दिया था, जिस पर मराठी में साफ-सुथरा टाइप किया गया था और उनके हस्ताक्षर किए गए थे, उसके बाद से यह चलन शुरू हुआ.

मुख्यमंत्री के साथ मराठी भाषा के मंत्री सुभाष देसाई और मुंबई दक्षिण के सांसद अरविंद सावंत मौजूद थे और उन्होंने पोस्टकार्ड वाले एक उपहार-बॉक्स को मंजूरी दे दी, जिस पर 'अभिजात मराठी जन अभियान' (शास्त्रीय मराठी के लिए जन अभियान) का नारा छपा था. इस कदम को सभी ने सराहा, क्योंकि राज्य 27 फरवरी को 'मराठी भाषा दिवस' मनाएगा और सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार उम्मीद कर रही है कि केंद्र तब तक राज्य की भाषा को उचित दर्जा दे देगा.

ये भी पढ़ें - Navys Presidential Fleet Review: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहुंचे विशाखापट्टनम

अभी तक केवल छह भारतीय भाषाओं को आधिकारिक तौर पर दर्जा दिया गया है. इनमें विभिन्न मापदंडों के आधार पर संस्कृत, तमिल, कन्नड़, तेलुगू, मलयालम और ओडिया आदि शामिल हैं.

(आईएएनएस)

मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray) ने मराठी को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा देने की मांग को लेकर रविवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को एक कूरियर भेजा, जिसमें करीब 4,000 पोस्टकार्ड थे. यह पोस्टकार्ड का दूसरा लॉट था. पहले 6,000 का एक और लॉट राष्ट्रपति को उसी दलील के साथ भेजा गया था और राज्यभर के लोग - सेलेब्स से लेकर आम तक पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रपति को 1,25,000 से अधिक पोस्टकार्ड भेज चुके हैं.

पिछले साल दिसंबर में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) ने राष्ट्रपति को पहला पोस्टकार्ड दिया था, जिस पर मराठी में साफ-सुथरा टाइप किया गया था और उनके हस्ताक्षर किए गए थे, उसके बाद से यह चलन शुरू हुआ.

मुख्यमंत्री के साथ मराठी भाषा के मंत्री सुभाष देसाई और मुंबई दक्षिण के सांसद अरविंद सावंत मौजूद थे और उन्होंने पोस्टकार्ड वाले एक उपहार-बॉक्स को मंजूरी दे दी, जिस पर 'अभिजात मराठी जन अभियान' (शास्त्रीय मराठी के लिए जन अभियान) का नारा छपा था. इस कदम को सभी ने सराहा, क्योंकि राज्य 27 फरवरी को 'मराठी भाषा दिवस' मनाएगा और सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार उम्मीद कर रही है कि केंद्र तब तक राज्य की भाषा को उचित दर्जा दे देगा.

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अभी तक केवल छह भारतीय भाषाओं को आधिकारिक तौर पर दर्जा दिया गया है. इनमें विभिन्न मापदंडों के आधार पर संस्कृत, तमिल, कन्नड़, तेलुगू, मलयालम और ओडिया आदि शामिल हैं.

(आईएएनएस)

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