नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन को धन शोधन के मामले में दी गई अंतरिम ज़मानत गुरुवार को आठ जनवरी तक बढ़ा दी. जैन ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उनकी ज़मानत अर्जी खारिज करने के उच्च न्यायालय के छह अप्रैल के आदेश को चुनौती दी है. धन शोधन के इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है.
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की पीठ ने यह उल्लेख करने के बाद जैन को राहत दी कि नौ दिसंबर को उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया था. पीठ ने कहा, 'मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना, हम अंतरिम आदेश का विस्तार करने के इच्छुक हैं.' अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आग्रह का विरोध करते हुए दावा किया कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
शीर्ष अदालत ने 26 मई को दिल्ली के पूर्व मंत्री को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी और इसे समय-समय पर बढ़ाया जा रहा है. ईडी ने कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था. ईडी ने जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में जैन के खिलाफ दर्ज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया था. जैन ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्हें छह सितंबर 2019 को सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में निचली अदालत ने नियमित जमानत दी थी.
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