नई दिल्ली: नई दिल्ली: बिहार के पटना हाईकोर्ट के 7 जजों के GPF अकाउंट बंद होने के केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केन्द्र और बिहार सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जीपीएफ अकाउंट बंद हो जाने के चलते ये सभी सात जजों में याचिका दायर किया था. जिसपर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने हैरानी भी जताई थी. उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील से भी पूछा था कि आखिर ये याचिका किसकी है और क्यों लगाया है?
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सात जजों की याचिका पर आज सुप्रीम सुनवाई: जस्टिस आलोक कुमार पांडेय, जस्टिस सुनील दत्ता मिश्रा, जस्टिस शैलेंद्र सिंह, जस्टिस अरुण कुमार झा, जस्टिस जितेंद्र कुमार, जस्टिस चंद्र प्रकाश सिंह और जस्टिस चंद्र शेखर झा द्वारा मिलकर एक संयुक्त रूप से याचिका दायर की. इस केस को देख रहे अधिवक्ता प्रेम प्रकाश ने पीठ के सामने जल्द सुनवाई के लिए अनुरोध किया था.
न्यायिक कोटे से नियुक्त हुए थे सातों जज: पटना हाईकोर्ट के सात जजों की ओर से दायर याचिका में कहा कि इस आधार पर भेदभाव नहीं हो सकता कि वो न्यायिक कोटे से नियुक्त हुए हैं. सभी सातों जजों का जीपीएफ अकाउंट बंद कर दिया गया जबकि 2005 के बाद न्यायिक सेवा में नियुक्ति हुई थी. सुप्रीम अदालत से जजों ने अनुरोध किया कि उन्हें भी वही सुविधा मिले जो कि बार कोटे से नियुक्त हुए जजों को दी जाती है.
सीजेआई भी हो गए हैरान: सातों जजों के अधिवक्ता ने पूछे जाने पर सीजेआई के सामने अपना यही पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि ये जीपीएफ अकाउंट बंद हो जाने से जुड़ा हुआ मुद्दा है जिसे पटना हाईकोर्ट के सात जजों ने ही पीड़ित के रूप में दायर किया है. इसको सुनकर अदालत ने हैरानी जताई और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के जीपीएफ अकाउंट बंद कर दिए जाने को लेकर सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने इसके सुनवाई की तारीख भी मुकर्रर कर दी.
क्या है जीपीएफ अकाउंट: GPF एक जनरल प्रोविडेंट फंड है. जीपीएफ अकाउंट सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है. जो रिटायरमेंट के बाद ही मिलता है. कर्मचारी अपनी सैलरी का 15 फीसदी तक GPF अकाउंट में कटवा सकता है. ये अकाउंट पीपीएफ से अलग है. PPF अकाउंट सभी के लिए होता है.