चित्तौड़गढ़. ड्रीम इलेवन ऐप पर दो करोड़ रुपये के विजेता की आईडी हैक कर गुडगांव में बैंक खाता खुलवाकर ठगी करने के प्रयास के मामले में एक आरोपी को चित्तौड़गढ़ की साइबर थाना पुलिस ने गुड़गांव से ही गिरफ्तार किया है. जिले की साइबर पुलिस टीम की सजगता से बैंक खाते में रुपये ट्रांसफर करने से पहले ही एक आरोपी को गिरफतार कर उसके साथी को नामजद कर लिया गया है. आरोपी जयंत इंडिया निधि लिमिटेड मिनी बैंक के डायरेक्टर से मिलीभगत कर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे.
पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि ड्रीम इलेवन ऐप पर दो करोड़ रुपये जीतने वाले काराखेड़ी थाना चंदेरिया निवासी अनिल साहू (21) पुत्र नारायण लाल साहु के मोबाइल नम्बर, जीमेल आईडी और ड्रीम इलेवन ऐप की अकाउंट आईडी को साइबर ठगों ने हैक कर उसके अकाउंट के वॉयलेट में पड़े एक करोड़ 37 लाख 89 हजार 800 रुपये को ट्रांसफर करवाने के लिए धमकी देने के मामले में साइबर सेल में प्रकरण दर्ज किया गया. मामले की जांच पुलिस निरीक्षक राजाराम गुर्जर ने की. आरोपी को ट्रेस करने के लिए साइबर थाने व साइबर सेल की टीम ने ड्रीम इलेवन ग्रीवेन्स अधिकारी से सम्पर्क किया.
थानाधिकारी बद्रीलाल के सुपरविजन में साइबर थाना के पुलिस उप-निरीक्षक लोकपाल सिंह राठौड़ के नेतृत्व में कॉन्सटेबल रामनिवास, साइबर सेल के रामावतार और गणपत की एक टीम गठित कर तुरन्त संदिग्ध मोबाइल नम्बरों की लोकेशन पर उनकी तलाश के लिए गुडगांव (हरियाणा) भेजा दिया गया.
ऐसे पकड़ में आया आरोपी
टीम की ओर से संदिग्ध मोबाइल नम्बरों और साइबर टेक्निकल टीम की जानकारी के आधार पर साइबर पुलिस टीम लेजर वैली पार्क गुड़गांव पहुंचकर वहां बैठे लोगों से पुछताछ करने लगे तो पेड़ की नीचे बैठा एक युवक भागने लगा. इस पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पूछताछ में युवक ने अपना नाम उत्तर प्रदेश के मथुरा निवासी 23 वर्षीय लोकेश जाट पुत्र मुकेश जाट बताया. पूछताछ में लोकेश ने बताया कि एक अन्य साथी हरियाणा के पलवल जिला निवासी 26 वर्षीय संदीप रावत पुत्र होशियार सिंह रावत के साथ मिलकर साइबर ठगी की साजिश रच रहे थे.
अनिल साहु के ड्रीम इलेवन में फर्स्ट प्राइज 2 करोड़ रुपये जीतने की जानकारी मिलने पर उन्होंने ड्रीम इलेवन की फर्जी ई-मेल आईडी बनाकर उस पर अनिल साहू से केवाईसी मंगवा कर 2 करोड़ रुपये हड़पने के लिए एयरटेल सिम को पोर्ट करवाया था. आरोपी लोकेश जाट और संदीप रावत साइबर फ्रॉड करने में बराबर के पार्टनर हैं. इन्होंने पहले भी कई बार ड्रीम इलेवन में रुपये जीतने वालों के साथ सिम पोर्ट करवाकर उनके जीते हुए रुपये ठग लिए हैं. आरोपी ने गहन पूछताछ में बताया कि उन्होंने ड्रीम इलेवन कॉटेस्ट में जीतने वालों की केवाईसी, फर्जी ई-मेल आईडी पर मंगवा कर उसकी सिम को पोर्ट कर ड्रीम इलेवन आईडी के वॉलेट से जीता हुआ रुपया उनके खाते से अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते थे.
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फ्रॉड में और भी लोग शामिल
बिना केवाईसी कन्फर्म किये बैंक में खाता खोलकर रुपये निकालने वाले मिनी बैंक के बारे में आरोपी से साइबर टीम की ओर से पूछने पर उसने जयंत इंडिया निधि लिमिटेड मिनी बैंक के दोनों डायरेक्टर के मिलीभगत होने की जानकारी दी. दोनों डायरेक्टर केवाईसी के आधार पर खाता खोलते हैं और खाते में रुपया आने पर 50 प्रतिशत अपने पास रखते हैं और 50 प्रतिशत आरोपियों को दे देते हैं. मिली हुई रकम लोकेश और संदीप दोनों आधा-आधा बांट लेते हैं. अनिल साहू का फर्जी खाता भी डायरेक्टर निरंजन वर्मा ने ही आरोपियों के जरिए मिली जानकारी से जयंत इंडिया निधि लिमिटेड मिनी बैंक गुड़गांव सेक्टर-12 में ही खोला है. अनिल साहू का ड्रीम इलेवन के वॉलेट में पड़े 1 करोड़ 37 लाख 89 हजार रुपये उसी खाते में ट्रांसफर करने से पहले पुलिस ने आरोपी लोकेश को पकड़ लिया.
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साइबर पुलिस टीम लोकेश जाट को साथ लेकर बैंक जयंत इंडिया निधि लिमिटेड गुडगांव सेक्टर-12 पहुंचकर मामले के प्रार्थी अनिल साहू के बैंक खाते की डिटेल जानने के लिए गई तो वहां अनिल साहू का बैंक खाता खुला हुआ पाया गया और उसकी केवाईसी भी ऑरिजनल ही लगी हुई मिली.
प्रकरण के संदिग्ध लोकेश जाट को साइबर पुलिस टीम साथ लेकर पुलिस थाना साइबर चित्तौड़गढ़ आ गई. इस केस को जांच अधिकारी राजाराम पुलिस निरीक्षक के सुपुर्द किया गया है. लोकेश जाट से गहन पूछताछ कर मामले में अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा. आरोपी की तलाशी में प्रार्थी चित्तौड़गढ़ निवासी अनिल साहू का आधार कार्ड व पैन कार्ड की कॉपी मिली. इसके साथ ही दो स्मार्ट फोन भी मिले जिनमें साइबर फ्रॉड करने के प्रकरण से संबंधित सभी साक्ष्य प्राप्त हुए जिसका अभी भी गहन अनुसंधान पुलिस कर रही है.