राजनांदगांवः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चिटफंड कंपनियों के कुर्क की गई संपत्ति की नीलामी से प्राप्त 2 करोड़ 46 लाख रुपए की राशि वर्चुअल मोड (Virtual Mode) से निवेशकों के खाते में आंतरित (Transferred To Investors Account) की है. इस तरीके से चिटफंड के शिकार निवेशकों के खातों में राजनांदगांव में अब तक 9 करोड़ 78 लाख रुपए वितरित किए जा चुके हैं. राजनांदगांव कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मे संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुडे़ और निवेशकों से चर्चा (Discussion With Investors) की. राशि खाते में ट्रांसफर करने की घोषणा की. इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 'छत्तीसगढ़ देश में पहला ऐसा राज्य है जहां चिटफंड (Chit Fund) के शिकार निवेशकों को बड़ी राहत (Big Relief To Investors) देते हुए उनके खाते में राशि भेजी जा रही है. चूंकी प्रक्रिया कुछ टेढ़ी और कानूनी रास्तों से होकर गुजरती है, कंपनियों की संपत्ति कुर्क के लिए कोर्ट से परमिशन (Permission From Court) लेना पड़ता है. फिर भी सभी कलेक्टर और एसपी उस पर लगे हुए हैं और हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा पैसा निवेशकों के खातों में हस्तानांतरित किया जाय.'
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ठगी के शिकार निवेशकों को सरकार की राहत की बड़ी तैयारी
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लगातार चिटफंड कंपनियों के जाल में फंसे निवेशकों को राशि दिलाने का काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार के दिन सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया. इस कार्यक्रम में निवेशक और अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे. इधर, सरकार के इस बड़ी पहल के बाद हितग्राहियों ने राशि दिलाने वाले मुख्यमंत्री काे धन्यवाद अर्पित किया. इससे पहले राजनांदगांव में 16796 निवेशकों को 7 करोड़ 32 लाख रुपए वापस किए गए थे.
चिटफंड से जुड़े फैक्ट फाइल
छत्तीसगढ़ में सरकारी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक चिटफंड और उसके निवेशकों से जुड़ी फैक्ट फाइल इस प्रकार है.
- छत्तीसगढ़ में निवेश करने वाली चिटफंड कंपनी- 180
- चिटफंड कंपनियों में काम करने वाले ऐजेंट की संख्या- 1 लाख 60 हजार
- निवेशक- 32 लाख पांच हजार 653
- पॉलिसी- 32 लाख
- निवेशकों की डूबी राशि- 50 हजार करोड़ से ज्यादा
5 हजार से 50 लाख तक के आवेदन
आवेदन करने वालों में 5 हजार से 50 लाख तक के निवेश वाले लोग हैं. इन आवेदनों में 110 से ज्यादा चिटफंड कंपनियों के ठगने की बात सामने आई है. जिनकी संपत्ति के संबंध में प्रशासन के पास कोई जानकारी ही नहीं है. निवेशकों के द्वारा किए गए आवेदनों के आधार पर तहसील में निवेशकों के नाम, पता, मोबाइल नंबर, जमा की गई राशि, कंपनी का नाम, जमा करने की तारीख व मैच्योरिटी की तारीख की इंट्री की गई है. उसी के आधार पर रकम वापसी की कार्रवाई की जा रही है.
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यह है जिला स्तर पर लंबित आवेदनों का हाल
जिला | आवेदन |
रायपुर | 3,66,330 |
बलोदा बाजार | 1,68,435 |
जांजगीर चांपा | 1,90,465 |
गरियाबंद | 40,658 |
कांकेर | 1,80,000 |
सूरजपुर | 49,270 |
राजनांदगांव | 1,10,240 |
बलरामपुर | 31,943 |
धमतरी | 89,920 |
अंबिकापुर | 47,265 |
महासमुंद | 1,22,343 |
नारायणपुर | 6,452 |
कोंडागांव | 31,279 |
कोरबा | 77, 320 |
सुकमा | 4,454 |
बिलासपुर | 1,50,000 |
बस्तर | 3,000 |
बीजापुर | 18,324 |
दंतेवाड़ा | 2,100 |
जशपुर | 22,033 |
दुर्ग | 1,65,328 |
रायपुर में 3 लाख से अधिक आवेदन
रायपुर की अपर कलेक्टर पद्मिनी भोई ने बताया कि रायपुर जिले में निवेशकों के आवेदन काफी संख्या में आए हैं. किन फर्म्स के कितने आवेदन निवेशकों द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं, उस संबंध में हम उनकी स्क्रूटनी की कार्रवाई की गई है. रायपुर जिले में 3 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं.
रकम वापसी के लिए कितने लोगों ने किया आवेदन
छत्तीसगढ़ में एक अनुमानित आंकड़े के मुताबिक करीब 25 लाख लोगों ने चिटफंड कंपनी में निवेश किए गए रकम की वापसी के लिए आवेदन किया है. जिला एसपी और कलेक्टर कार्यालय के जरिए यह आवेदन किया गया है.