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आंध्र में ठिकाना बना रहीं चाइनीज लोन एप कंपनियां, LOAN लेने वाले रहें सतर्क

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Published : Dec 29, 2021, 3:45 PM IST

Updated : Dec 29, 2021, 4:38 PM IST

दिल्ली, यूपी, मुंबई और राजस्थान में सख्ती के कारण अब साइबर अपराधी आंध्र प्रदेश को ठिकाना बना रहे हैं. साइबर क्राइम पुलिस (cyber crime police) की जांच में सामने आया है कि हैदराबाद, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में कुछ चाइनीज लोन एप कंपनियां जड़ें जाम रही हैं. ऐसे में जरूरी है कि एप के जरिए लोन लेते समय सतर्क रहें, नहीं तो आपका पूरा बैंक खाता खाली हो सकता है.

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प्रतीकात्मक फोटो

हैदराबाद : चाइनीज लोन एप कंपनियां (Chinese loan app companies) भोले-भाले लोगों को कर्ज के जाल में फंसाने के लिए नए-नए तरीके आजमा रही हैं. पुलिस ने कुछ कंपनियों की पहचान की है जो हैदराबाद में कॉल सेंटर स्थापित करना चाहती हैं. साइबर क्राइम पुलिस (cyber crime police) द्वारा की गई एक जांच के दौरान ये सामने आया है.

वर्तमान में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई और राजस्थान देश में साइबर अपराधों के लिए हॉटस्पॉट हैं. यहां के ग्रामीण युवा भी ऑनलाइन घोटालों से पैसा कमा रहे हैं. पुलिस की निगरानी से बचने के लिए ये अपने ठिकाने बदल रहे हैं.

हैदराबाद, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में बना रहे ठिकाना
राचकोंडा पुलिस (Rachakonda Police) के नेतृत्व में हाल ही में साइबर क्राइम की जांच में पता चला कि चेन्नई और कोयंबटूर में इसी तरह के धोखाधड़ी करने वाले गिरोह हैं. उन क्षेत्रों में अपनी योजनाओं की सफलता के बाद उन्होंने हैदराबाद, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में अपने कार्यों का विस्तार किया है. राचकोंडा की साइबर क्राइम पुलिस ने हाल ही में तीन नेपालियों को गिरफ्तार किया था. जांच करने पर पता चला कि उन्होंने शहर में टेली कॉलिंग सेंटर स्थापित करने का प्रयास किया. पुलिस आरोपी के फोन में मिले संपर्कों के आधार पर मामले की जांच कर रही है.

रहें सतर्क
रहें सतर्क

स्थानीय लोगों की भर्ती कर फंसा रहीं लोगों को जाल में
चीन समर्थित एप्स की बढ़ती संख्या के कारण निवेश और ऋण धोखाधड़ी बढ़ रही है. ये कंपनियां कॉल सेंटर स्थापित करने, फर्जी कंपनियों को पंजीकृत करने और लोगों को बैंक खाते खोलने के लिए मजबूर करने के लिए स्थानीय लोगों को एजेंट के रूप में काम पर रख रही हैं. इन एजेंटों को 12,000 से 15,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से काम पर रखा जाता है और इन्हें कमीशन दिया जाता है. कंपनियां जूम कॉन्फ्रेंस के जरिए एजेंटों को नौकरी की जिम्मेदारियां समझाती हैं.

पढ़ें- एक लाख का लोन लेने के चक्कर में गंवाए 14 लाख रुपये

चीनी कंपनियां बैंक खाते खोलने के लिए जरूरी जाली दस्तावेज भी मुहैया कराती हैं. पीड़ितों को जब तक ये पता चलता है कि वह किसी जाल में फंसे हैं तब तक उनका बैंक खाता खाली हो जाता है. यह पैसा क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित हो जाता है और चीन में स्थानांतरित हो जाता है. कुछ ही समय में बहुत सारा पैसा कमाने की उम्मीद में कई लोग ऐसे घोटालों का शिकार हो जाते हैं. पुलिस ने लोगों से त्वरित धन योजनाओं से दूर रहने और साइबर अपराध विभाग को किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने का आग्रह किया है.

हैदराबाद : चाइनीज लोन एप कंपनियां (Chinese loan app companies) भोले-भाले लोगों को कर्ज के जाल में फंसाने के लिए नए-नए तरीके आजमा रही हैं. पुलिस ने कुछ कंपनियों की पहचान की है जो हैदराबाद में कॉल सेंटर स्थापित करना चाहती हैं. साइबर क्राइम पुलिस (cyber crime police) द्वारा की गई एक जांच के दौरान ये सामने आया है.

वर्तमान में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई और राजस्थान देश में साइबर अपराधों के लिए हॉटस्पॉट हैं. यहां के ग्रामीण युवा भी ऑनलाइन घोटालों से पैसा कमा रहे हैं. पुलिस की निगरानी से बचने के लिए ये अपने ठिकाने बदल रहे हैं.

हैदराबाद, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में बना रहे ठिकाना
राचकोंडा पुलिस (Rachakonda Police) के नेतृत्व में हाल ही में साइबर क्राइम की जांच में पता चला कि चेन्नई और कोयंबटूर में इसी तरह के धोखाधड़ी करने वाले गिरोह हैं. उन क्षेत्रों में अपनी योजनाओं की सफलता के बाद उन्होंने हैदराबाद, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में अपने कार्यों का विस्तार किया है. राचकोंडा की साइबर क्राइम पुलिस ने हाल ही में तीन नेपालियों को गिरफ्तार किया था. जांच करने पर पता चला कि उन्होंने शहर में टेली कॉलिंग सेंटर स्थापित करने का प्रयास किया. पुलिस आरोपी के फोन में मिले संपर्कों के आधार पर मामले की जांच कर रही है.

रहें सतर्क
रहें सतर्क

स्थानीय लोगों की भर्ती कर फंसा रहीं लोगों को जाल में
चीन समर्थित एप्स की बढ़ती संख्या के कारण निवेश और ऋण धोखाधड़ी बढ़ रही है. ये कंपनियां कॉल सेंटर स्थापित करने, फर्जी कंपनियों को पंजीकृत करने और लोगों को बैंक खाते खोलने के लिए मजबूर करने के लिए स्थानीय लोगों को एजेंट के रूप में काम पर रख रही हैं. इन एजेंटों को 12,000 से 15,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से काम पर रखा जाता है और इन्हें कमीशन दिया जाता है. कंपनियां जूम कॉन्फ्रेंस के जरिए एजेंटों को नौकरी की जिम्मेदारियां समझाती हैं.

पढ़ें- एक लाख का लोन लेने के चक्कर में गंवाए 14 लाख रुपये

चीनी कंपनियां बैंक खाते खोलने के लिए जरूरी जाली दस्तावेज भी मुहैया कराती हैं. पीड़ितों को जब तक ये पता चलता है कि वह किसी जाल में फंसे हैं तब तक उनका बैंक खाता खाली हो जाता है. यह पैसा क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित हो जाता है और चीन में स्थानांतरित हो जाता है. कुछ ही समय में बहुत सारा पैसा कमाने की उम्मीद में कई लोग ऐसे घोटालों का शिकार हो जाते हैं. पुलिस ने लोगों से त्वरित धन योजनाओं से दूर रहने और साइबर अपराध विभाग को किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने का आग्रह किया है.

Last Updated : Dec 29, 2021, 4:38 PM IST
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