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'आसमान' में पैदा हुए बच्चे के पिता जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए घिस रहे चप्पल

राजस्थान के अजमेर की रहने वाली ललिता ने 22 मार्च को बेंगलुरु से राजस्थान जाते समय इंडिगो की फ्लाइट में बच्चे को जन्म दिया था. लेकिन अब बच्चे के माता-पिता को जन्म प्रमाणपत्र के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. बच्चे के पिता का कहना है कि इस मामले में जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन किसी भी तरह की मदद नहीं कर रहा है.

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Published : Apr 8, 2021, 9:13 PM IST

फ्लाइट में जन्मे बच्चे
फ्लाइट में जन्मे बच्चे

पाली : इंडिगो की फ्लाइट में आसमान में जन्म लेने वाले बच्चे के परिजनों को उसका जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है. बच्चे के माता-पिता को प्रमाणपत्र के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. लेकिन बच्चे का प्रमाणपत्र नहीं बन रहा है.

चूंकि, दंपती अजमेर के रहने वाले हैं और फ्लाइट भी जयपुर एयरपोर्ट पर लैंड हुई थी. इसलिए इस संबंध में जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन की जवाबदेही होनी चाहिए. लेकिन एयरपोर्ट प्रशासन कोई भी जानकारी देने से मना कर रहा है.

पढ़ेंः 12 अप्रैल को बैठक करेगा विदेश मंत्रालय, सऊदी अरब से आएंगी कब्र में दफन अस्थियां !

जानकारी के मुताबिक, 22 मार्च को बेंगलुरु से राजस्थान आते समय अजमेर की ललिता ने इंडिगो एयरलाइंस में बच्चे को जन्म दिया था. बच्चे का पिता भैरू सिंह ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है. जिसकी वजह से सरकारी कार्यों की उसे कोई खास समझ नहीं है. उसके सामने केवल जयपुर और अजमेर के सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने के अलावा अन्य कोई रास्ता भी नहीं है.

बच्चे के पिता ने कहा कि जन्म प्रमाणपत्र के लिए लोग जहां-जहां बोल रहे हैं, मैं वहां-वहां जा रहा हूं. मैंने कई बार इस बारे में जानकारी लेने के लिए जयपुर एयरपोर्ट पर फोन किया. शुरू में एक-दो बार तो फोन पर बात हुई. लेकिन बाद में उन्होंने फोन भी उठाना बंद कर दिया. इस बारे में पूछने पर जयपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कुछ भी कहने से मना कर दिया.

यह भी पढ़ेंः ख़बर का असर: संगम विहार की गली में पहुंची कचरा उठाने वाली गाड़ी

पिता की तबीयत खराब होने पर बेंगलुरु से गांव आ रहा था दंपती

भैरू सिंह अजमेर जिले के ब्यावर उपखंड की जालिया ग्राम पंचायत के रूपवास गांव का रहने वाला है. वह बेंगलुरु में ऑटो ड्राइवर है. उसके पिता की अचानक तबीयत खराब होने की वजह से वह अपनी गर्भवती पत्नी ललिता के साथ इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट से राजस्थान आ रहा था. उड़ान के दौरान ही उसकी पत्नी ललिता ने बच्चे का प्रसव हो गया. भैरू ने बताया कि गांव आने से पहले उसने अपनी पत्नी की जांच भी करवाई थी. डॉक्टर ने कहा था कि अभी सब ठीक है, आठवां महीना है, तो इमरजेंसी में सफर कर सकते हैं. लेकिन अब उड़ान के दौरान ही बच्चा जन्म लेने के बाद उसका प्रमाण पत्र मिलना जैसा नामुमकिन सा लगने लगा है.

पाली : इंडिगो की फ्लाइट में आसमान में जन्म लेने वाले बच्चे के परिजनों को उसका जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है. बच्चे के माता-पिता को प्रमाणपत्र के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. लेकिन बच्चे का प्रमाणपत्र नहीं बन रहा है.

चूंकि, दंपती अजमेर के रहने वाले हैं और फ्लाइट भी जयपुर एयरपोर्ट पर लैंड हुई थी. इसलिए इस संबंध में जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन की जवाबदेही होनी चाहिए. लेकिन एयरपोर्ट प्रशासन कोई भी जानकारी देने से मना कर रहा है.

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जानकारी के मुताबिक, 22 मार्च को बेंगलुरु से राजस्थान आते समय अजमेर की ललिता ने इंडिगो एयरलाइंस में बच्चे को जन्म दिया था. बच्चे का पिता भैरू सिंह ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है. जिसकी वजह से सरकारी कार्यों की उसे कोई खास समझ नहीं है. उसके सामने केवल जयपुर और अजमेर के सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने के अलावा अन्य कोई रास्ता भी नहीं है.

बच्चे के पिता ने कहा कि जन्म प्रमाणपत्र के लिए लोग जहां-जहां बोल रहे हैं, मैं वहां-वहां जा रहा हूं. मैंने कई बार इस बारे में जानकारी लेने के लिए जयपुर एयरपोर्ट पर फोन किया. शुरू में एक-दो बार तो फोन पर बात हुई. लेकिन बाद में उन्होंने फोन भी उठाना बंद कर दिया. इस बारे में पूछने पर जयपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कुछ भी कहने से मना कर दिया.

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पिता की तबीयत खराब होने पर बेंगलुरु से गांव आ रहा था दंपती

भैरू सिंह अजमेर जिले के ब्यावर उपखंड की जालिया ग्राम पंचायत के रूपवास गांव का रहने वाला है. वह बेंगलुरु में ऑटो ड्राइवर है. उसके पिता की अचानक तबीयत खराब होने की वजह से वह अपनी गर्भवती पत्नी ललिता के साथ इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट से राजस्थान आ रहा था. उड़ान के दौरान ही उसकी पत्नी ललिता ने बच्चे का प्रसव हो गया. भैरू ने बताया कि गांव आने से पहले उसने अपनी पत्नी की जांच भी करवाई थी. डॉक्टर ने कहा था कि अभी सब ठीक है, आठवां महीना है, तो इमरजेंसी में सफर कर सकते हैं. लेकिन अब उड़ान के दौरान ही बच्चा जन्म लेने के बाद उसका प्रमाण पत्र मिलना जैसा नामुमकिन सा लगने लगा है.

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