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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी सीटें

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए आयोग लगातार सभी पक्षों से बात कर रहा है. शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ने एलान किया है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहली बार अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes) के लिए भी सीटों को आरक्षित किया जाएगा.

सुशील चंद्रा
सुशील चंद्रा
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Published : Jul 9, 2021, 2:27 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 8:16 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में परिसीमन को लेकर बैठकों का दौर जारी है. परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) ने शुक्रवार को जम्मू का दौरा किया. इस बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner of India) सुशील चंद्र (Sushil Chandra) ने बड़ा एलान किया है. जम्मू-कश्मीर में पहली बार अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes) के लिए भी सीटों को आरक्षित किया जाएगा.

सुशील चंद्र

जम्मू में प्रेस वार्ता के दौरान सुशील चंद्रा ने कहा, हमने जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों के अधिकारियों से मुलाकात की है, सभी ने उन्हें कई महत्वपूर्ण जानकारी दी हैं. साल 1995 में जम्मू-कश्मीर में कुल 12 जिले थे, लेकिन अब यहां 20 जिले हो गए हैं और तहसील की संख्या भी बढ़ी है. तहसीलों की संख्या 58 से बढ़कर 270 हो गई है.

उन्होंने आगे कहा, हमें उम्मीद है कि मार्च 2022 तक हम परिसीमन की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे. हम इस वक्त 2011 की जनसंख्या के अनुसार, परिसीमन की ओर कदम बढ़ा रहे हैं.

सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने कहा, पहला पूर्ण परिसीमन आयोग 1981 में गठित किया गया था, जो 1995 में 14 साल बाद अपनी सिफारिश प्रस्तुत कर सकता था. यह 1981 की जनगणना पर आधारित था. उसके बाद कोई परिसीमन नहीं हुआ. सुशील चंद्रा ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों में जिलों के साथ-साथ तहसीलों का ओवरलैपिंग है. ऐसे में जनता को असुविधा का सामना करना पड़ता है.

  • Taking all the demands and recommendations into account, a draft will be prepared and put in the public domain for their comments. After seeing all the comments, the final draft (on Delimitation exercise) will be prepared: Sushil Chandra, Chief Election Commissioner of India pic.twitter.com/uE5XxmqyTx

    — ANI (@ANI) July 9, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात की है और उनसे परिसीमन आयोग के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने की मांग की है.

पढ़ें- विस अध्यक्ष पर टिप्पणी : शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ TMC ने दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस

बता दें कि परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) ने आज चिनाब घाटी (Chenab Valley) में कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात (met several delegations) की. आयोग (Commission) ने चिनाब घाटी (Chenab Valley), किश्तवाड़ (Kishtwar), डोडा और रामबन (Doda and Ramban) के जिला विकास आयुक्तों सहित विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और सार्वजनिक प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात कर कई मुद्दों पर बैठक कर समीक्षा की.

कांग्रेस पार्टी के नेताओं (Congress party leaders ) ने आज किश्तवाड़ जिले (Kishtwar district) के एक पोस्ट बंगले में परिसीमन आयोग (met the delimitation commission ) से मुलाकात की. सात सदस्यीय (seven member) परिसीमन आयोग की टीम (delimitation commission team) में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई (Ranjana Prakash Desai), मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner- CEC) सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) और उप चुनाव आयुक्त (Deputy Election Commissioner) चंद्र भूषण (Chandra Bhushan) शामिल रहे.

परिसीमन आयोग पर कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया

इस दौरान कांग्रेस के पूर्व विधायक (Former Congress MLA ) गुलाम मोहम्मद सरवरी (Ghulam Muhammad Sarwari), पूर्व विधायक (former MLA) रामबीन वकार रसूल वानी (Rambin Waqar Rasool Wani), पूर्व एमएलसी (former MLC) भद्रवाह नरेश कुमार गुप्ता (Bhaderwah Naresh Kumar Gupta) भी मौजूद रहे.

इस दौरान, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम मोहम्मद सरवरी ने आयोग से चिनाब घाटी के किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिलों में सीटों की संख्या (एक और सीट) बढ़ाने की अपील की.

उन्होंने आयोग से 2011 की जनगणना के तहत सीटों का बंटवारा करने को कहा. उन्होंने आयोग से स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करने की भी अपील की. इस बीच पूर्व विधायक रामबन वकार रसूल वानी ने भी आयोग से रामबन और बनिहाल में एक और विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग भी की.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में परिसीमन को लेकर बैठकों का दौर जारी है. परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) ने शुक्रवार को जम्मू का दौरा किया. इस बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner of India) सुशील चंद्र (Sushil Chandra) ने बड़ा एलान किया है. जम्मू-कश्मीर में पहली बार अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes) के लिए भी सीटों को आरक्षित किया जाएगा.

सुशील चंद्र

जम्मू में प्रेस वार्ता के दौरान सुशील चंद्रा ने कहा, हमने जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों के अधिकारियों से मुलाकात की है, सभी ने उन्हें कई महत्वपूर्ण जानकारी दी हैं. साल 1995 में जम्मू-कश्मीर में कुल 12 जिले थे, लेकिन अब यहां 20 जिले हो गए हैं और तहसील की संख्या भी बढ़ी है. तहसीलों की संख्या 58 से बढ़कर 270 हो गई है.

उन्होंने आगे कहा, हमें उम्मीद है कि मार्च 2022 तक हम परिसीमन की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे. हम इस वक्त 2011 की जनसंख्या के अनुसार, परिसीमन की ओर कदम बढ़ा रहे हैं.

सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने कहा, पहला पूर्ण परिसीमन आयोग 1981 में गठित किया गया था, जो 1995 में 14 साल बाद अपनी सिफारिश प्रस्तुत कर सकता था. यह 1981 की जनगणना पर आधारित था. उसके बाद कोई परिसीमन नहीं हुआ. सुशील चंद्रा ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों में जिलों के साथ-साथ तहसीलों का ओवरलैपिंग है. ऐसे में जनता को असुविधा का सामना करना पड़ता है.

  • Taking all the demands and recommendations into account, a draft will be prepared and put in the public domain for their comments. After seeing all the comments, the final draft (on Delimitation exercise) will be prepared: Sushil Chandra, Chief Election Commissioner of India pic.twitter.com/uE5XxmqyTx

    — ANI (@ANI) July 9, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात की है और उनसे परिसीमन आयोग के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने की मांग की है.

पढ़ें- विस अध्यक्ष पर टिप्पणी : शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ TMC ने दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस

बता दें कि परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) ने आज चिनाब घाटी (Chenab Valley) में कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात (met several delegations) की. आयोग (Commission) ने चिनाब घाटी (Chenab Valley), किश्तवाड़ (Kishtwar), डोडा और रामबन (Doda and Ramban) के जिला विकास आयुक्तों सहित विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और सार्वजनिक प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात कर कई मुद्दों पर बैठक कर समीक्षा की.

कांग्रेस पार्टी के नेताओं (Congress party leaders ) ने आज किश्तवाड़ जिले (Kishtwar district) के एक पोस्ट बंगले में परिसीमन आयोग (met the delimitation commission ) से मुलाकात की. सात सदस्यीय (seven member) परिसीमन आयोग की टीम (delimitation commission team) में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई (Ranjana Prakash Desai), मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner- CEC) सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) और उप चुनाव आयुक्त (Deputy Election Commissioner) चंद्र भूषण (Chandra Bhushan) शामिल रहे.

परिसीमन आयोग पर कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया

इस दौरान कांग्रेस के पूर्व विधायक (Former Congress MLA ) गुलाम मोहम्मद सरवरी (Ghulam Muhammad Sarwari), पूर्व विधायक (former MLA) रामबीन वकार रसूल वानी (Rambin Waqar Rasool Wani), पूर्व एमएलसी (former MLC) भद्रवाह नरेश कुमार गुप्ता (Bhaderwah Naresh Kumar Gupta) भी मौजूद रहे.

इस दौरान, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम मोहम्मद सरवरी ने आयोग से चिनाब घाटी के किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिलों में सीटों की संख्या (एक और सीट) बढ़ाने की अपील की.

उन्होंने आयोग से 2011 की जनगणना के तहत सीटों का बंटवारा करने को कहा. उन्होंने आयोग से स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करने की भी अपील की. इस बीच पूर्व विधायक रामबन वकार रसूल वानी ने भी आयोग से रामबन और बनिहाल में एक और विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग भी की.

Last Updated : Jul 9, 2021, 8:16 PM IST
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